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इयार वाला पिपरा ” सबों को मन भा रहा है।

इयार वाला पिपरा से”सनातनी”उतना ही प्यार करते है जितना प्राण वायू से मानव प्यार करता है।

आइये हमारे गांव में आपके कर कमलों से एक पीपल का पौधा लगवाते हैं, राजकुमार सिंह सनातनी

इयार वाला पिपरा का तात्पर्य इयार द्वारा इयार के नाम दो बच्चियों से लगाया गया पीपल का वृक्ष है।

इयार जब अपने इयार के लिए एक पिपल का वृक्ष लगा सकता है तो मानव कल्याण के लिए हम क्यों नहीं लगा सकते हैं।

अनिल कुमार मिश्रा –मित्रों के संबध में गाँव – देहात में चरितार्थ कहावत ” मित्र दुख देख न होई दुखारी, तीह बिलोक मम पातक भारी ” कहावत को समाज सेवी राज कुमार सिंह सनातनी ने चरितार्थ किया है और मानव कल्याण हेतू प्रदुषण के विरुद्ध पर्यावरण को संतुलित करने के उद्देश्यों से राजकुमार सिंह सनातनी ने सैकड़ों पिपल, नीम, यामुन का पेड़ लगाया है।
इयार के दिल का दर्द राज कुमार सिंह सनातनी को ह्दय छु गया और इयार के मन का ब्यथा को दुर करने के लिए एक इयार ने इयार के नाम एक पिपल का वृक्ष गाँव के दो बच्चियों से लगावा दिया , जिस पिपल वृक्ष का ना “इयार वाला पिपरा ” रखा है।

सनातनी का एक लेख “इयार वाला पिपरा” सबो का मन भा रहा है। लेख में राज कुमार सिंह सनातनी ने कहा है, आइये हमारे गांव में आपके कर कमलों से एक पीपल का पौधा लगवाते हैं। सिंचाई और रखवाली का जिम्मा मेरा रहेगा, वह भी बिल्कुल मुफ्त। फिर भी एक बात है, पौधा जब पेड बन जायेगा ,तब आप अपने खर्च से उस पेड के निचे चबूतरा बनवा दीजिएगा और अपना नाम वाला शिलालेख लगावा दीजिएगा देग।

सनातनी ने अपने लेख में कहा है कि मधुबनी के हमारे एक मित्र हैं जो दिल्ली में रहते हैं । वो हमारे वृक्षारोपण से बहुत खुश रहते हैं। एक दिन उन्होंने अफसोस ब्यक्त करते हुए बताया कि मैं भी एक पीपल लगाना चाहता हूँ पर मेरे पास उसके लिये जमीन ही नहीं है। उनका गांव कुछ ऐसा है कि वहां खाली पड़ा कोई गैरमजरूआ भूमि नहीं है और अपना निजी भूमि भी बहुत कम है जहां पीपल नहीं लगा पाने की मजबूरी है। इसका निदान हमने निकाला और उनके नाम पर एक पीपल का पेड गाँव के दो छोटी -छोटी बच्चीयों के हाथों लगवा दिया। आज वह पीपल लगभग 15 फिट का हो गया है और उसका नाम है इयार वाला पिपरा है।

इयार वाला पिपरा से सनातनी आज भी उतना ही प्यार करते है जितना प्राण वायू से मानव प्यार करता है।

समाज सेवी राजकुमार सिंह सनातनी द्वारा मानव कल्याण हेतू उठाये गये कदम “वृक्षा रोपन” से है। पत्रकार का उद्देश्य सनातनी के लेख के माध्यम से जन चेतना को जागृत करना है,
मानव कल्याण हेतू प्रदुषण के विरुद्ध पर्यावरण को संतुलित करने के उद्देश्यों से राजकुमार सिंह सनातनी ने सैकड़ों पिपल, नीम, यामुन का पेड़ लगाया है।

जब एक इयार अपने इयार के लिए पिपल का वृक्ष लगा सकता है तो मानव कल्याण के लिए हम क्यों नहीं लगा सकते।

आइये हम भी एक पिपल का वृक्ष लगायें।

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