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इलेक्ट्रिक साइकिल से व्यवसाय को मिली रफ़्तार जीविका दीदियों के स्वरोजगार को मिली उड़ान

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/राज्य के विकास में ग्रामीण महिलाएं बतौर जीविका दीदी विभित्र योजनाओं और गतिविधियों को गति प्रदान कर रही हैं। ग्रामीण विकास विभाग के तत्वाधान में जीविका द्वारा जीविका दीदियों द्वारा किये जा रहे स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक साइकिल की सौगात दी जा रही है । इलेक्ट्रिक साइकिल परिवहन हेतु किफायती और पर्यावरण अनुकूल एक बेहतरीन विकल्प है जिसे विभित्र जीविकोपार्जन गतिविधियों हेतु इस्तेमाल किया जा सकता है। यह प्रयास जीविका दीदियों के रोजगार और कारोबार को बढ़ावा देने में संबल और आत्मनिर्भरता को नया आयाम देगा। इसी उद्देश्य के तहत पूर्व में स्वरोजगार से जुड़ी और दूर-दराज क्षेत्रों में जाने वाली जीविका दीदियों को संबद्ध समूह के माध्यम से चयनित करते हुए संकुल स्तरीय संघ से अनुमोदन के बाद इलेक्ट्रिक साइकिल दिया जा रहा है। समावेशी एवं सतत विकास की दिशा में प्रयास के तहत “स्त्री” (सस्टनेबल ट्रांसपोर्ट फॉर रुरल इंटरप्रेन्योर्स यू इलेक्ट्रिक बाईसाइकल्स) प्रोजेक्ट के अंतर्गत जीविका दीदियों को इलेक्ट्रिक साइकिल दिया गया है।

इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य हैं:-

स्वयं सहायता समूहों की ग्रामीण महिलाओं को आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देना,

सतत परिवहन के माध्यम से महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार,

ग्रामीण क्षेत्रों में भीड़-भाड़ को कम करके हरित गतिशीलता को बढ़ावा देना,

इलेक्ट्रिक साइकिल चलाने के लिए लाभार्थीयों को साइकिल चलाने और रख-रखाव हेतु प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है। प्रारंभ में 50 साइकिल साइकिल प्राप्त जीविका दीदियों को एनर्जी चैम्पियन नाम दिया गया है।

जीविका, भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान मुंबई, कन्वर्जेन्स एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड एवं पीसीआई (प्रोजेक्ट कंसर्ल्ड इंटरनेशनल), इंडिया के संयुक्त प्रयास से इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर ग्रामीण महिला उद्यमियों को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने की पहल है।

इलेक्ट्रिक साइकिल को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसे चलाना बेहद आसान हो और इसे चार्ज करने में ज्यादा खर्च न आए। इलेक्ट्रिक साइकिल में जी.पी.एस और आई ओटी प्लग लगाया गया है। इससे न केवल साइकिल से यात्रा सुरक्षित होगी बल्कि चालक को रास्तों की सटीक जानकारी भी मिलेगी। जी.पी. एस होने से साइकिल चोरी होने की भी संभावना भी कम रहेगी।

जीविका की इस पहल के तहत माननीय मुख्यमंत्री, बिहार श्री नीतीश कुमार जी के द्वारा तीन जिलों वैशाली, मुजफ्फरपुर एवं पटना की 500 जीविका दीदियों को साइकिल प्रदान किया गया है। जिसमे वैशाली की 150, मुजफ्फरपुर की 150 और पटना की 200 जीविका दीदियों को इलेक्ट्रिक साइकिल दिया गया है। इलेक्ट्रिक साइकिल का संचालन करते हुए जीविका दीदियाँ अपने आय में अतिरिक्त बढ़ोतरी कर रही हैं। साइकिल को स्वरोजगार से जोडने से महिला सशक्तिकरण एवं स्वावलंबन को रफ़्तार भी मिलने लगा है।

वैशाली जिला अंतर्गत हाजीपुर प्रखंड के दौलतपुर देवरिया गाँव की पिंकी देवी मशरुम उत्पादन एवं बिक्री से जुड़ी हैं। इस व्यवसाय के लिए अक्सर गाँव से शहर समेत अन्यत्र स्थानों पर आने जाने के लिए वहां का किराया देने पड़ता था। लेकिन अब इलेक्ट्रिक साइकिल से आवागमन सुलभ हो गया है। समय और पैसे की भी बचत हो रही है। कैरम बोर्ड व्यवसाय से जुडी किरण देवी, किराना दुकान चलाने वाली माला कुमारी एवं कपडे सिलाई का व्यवसाय करने वाली सीमा देवी को भी इलेक्ट्रिक साइकिल मिलने से उनके जीविकोपार्जन गतिविधि को नई दिशा मिल गयी है। अब वे आस-पास के गाँव में घूमकर भी अपने उत्पाद को बेच रही हैं। आवागमन इलेक्ट्रिक साइकिल से होने से उनके व्यवसाय को गति मिली है और बचत भी हो रहा है।

इस प्रकार स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद जीविका दीदियाँ स्वावलंबन की राह पर चलते हुए अपने और अपने परिवार के जीवन में खुशहाली ला रही हैं। उनके स्वावलंबन एवं सशक्तिकरण ने गाँव-समाज एवं समुदाय पर भी सकारात्मक प्रभाव डाला है। बहरहाल महिलाओं को सशक्त बनाने और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने का जीविका का मकसद अपनी दिशा की और बढ़ रहा है।

 

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