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*पटना में डॉ.पूनम लाल ने लाँच की ‘एमसेला चेयर’*

जितेन्द्र कुमार सिन्हा::पूर्वी भारत में पहला ‘एमसेला चेयर’ किदवईपुरी पटना स्थित डॉ.पूनम लाल के निलय क्लिनिक में लाँच किया गया। ‘एमसेला चेयर’ से महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों का भी ईलाज किया जाता है।

डॉ पूनम लाल करीब 20 वर्ष तक पटना कुर्जी अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट रही है। फिलहाल 12 वर्ष से निलय क्लिनिक के निदेशक हैं |

उक्त जानकारी देते हुये डॉ.पूनम लाल ने बताया कि यह पूर्वी भारत में में पहली चेयर है जिसके द्वारा महिलाओं में होनेवाली समस्याओं जैसे स्ट्रेस इन्कोन्टीनेन्स (हँसते, खाँसते एवं छींकते समय पेशाब का लीक कर जाना), पेशाब बार-बार होना एवं माइल्ड प्रोलेप्स यानि बच्चेदानी का नीचे घसकना आदि समस्याओं का सामाधान अब संभव है। गर्भावस्था एवं प्रसव, मोटापा, हारमोन की कमी या मेनोपोज में पेल्विक माँसपेशियों के कमजोर होने से इस तरह की समस्या उत्पन्न हो जाती हैं।

उन्होंने बताया कि अभी तक महिलाओं को कीगल एक्सरसाइज करने का सुझाव दिया जाता रहा है जो जीवन भर करना पड़ता है। लेकिन इस चेयर पर 28 मिनट बैठने पर 11,000 बार कीगल एक्सरसाइज होती है। इस तरह की सीटिंग हफ्ते में दो बार, तीन हफ्ते तक लेनी पड़ती है, यानि कुल 6 सीटिंग। फिर पेशाब लीक करने की समस्या 6 महीने से 1 साल तक ठीक रहती है। इसमें कोई सर्जरी या मेडिसिन की आवश्यकता नहीं होती है।

डॉ.पूनम ने बताया कि ‘एमसेला चेयर’ पर अपने कपड़े के साथ बैठे-बैठे मैगजीन आदि पढ़ते रह सकते हैं या फिर बैठे बैठे अन्य कार्य भी करते हुए अपना इलाज करा सकते हैं।

उन्होंने बताया कि जिन महिलाओं में यह समस्या ज्यादा होती है, उनमें लेजर या रेडियो फ़्रीक्वेंसी द्वारा भी इलाज किया जाता है। जिससे वैजाइना या योनि में नये कोलाजेन टीसू का निर्माण होता है। ये सभी सुविधाए निलय क्लिनिक में उपलब्ध है। उहोने कहा कि बिहार के रोगियों को ध्यान में रखा हुए, अन्य राज्यों की अपेक्षा यहाँ कम खर्च में ईलाज किया जाता है। इस तरह के रोगियों को अब बिहार से बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी।

उक्त अवसर पर बिहार के जाने माने चिकित्सक डॉ. अरविंद कुमार, डॉ.प्रमिला मोदी, डॉ.कुमकुम सिन्हा, डॉ.विभाषणी प्रसाद, डाक्टर उषा डिडवानिया, सज्जन डिडवानिया, जरीन रहमान, डॉ मीना सामन्त, डॉ.उषा अग्रवाल, डॉ.ज्योति मल्होत्रा, डॉ. चारु मोदी, डॉ.रंजना सिन्हा सहित समाज की प्रतिष्ठित महिलाएँ, डॉक्टर एवं कुर्जी हॉस्पिटल के गायनी विभाग के डाक्टर उपस्थित थे।
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