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छात्र पर डीएम का थप्पड़: सरकार की चुप्पी क्यों?

संजय कुमार सिन्हा/पटना के जिला पदाधिकारी चंद्रशेखर सिंह द्वारा परीक्षा में गड़बड़ी के खिलाफ आवाज उठा रहे एक छात्र को थप्पड़ मारने की घटना ने बिहार में प्रशासनिक तानाशाही और लोकतांत्रिक मूल्यों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

आम आदमी पार्टी बिहार के प्रदेश प्रवक्ता बबलू कुमार उर्फ बबलू प्रकाश ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, “यह पहली बार नहीं है जब डीएम चंद्रशेखर सिंह ने इस तरह से अपनी मर्यादा खोई हो। 23 मई 2023 को, जब मैं गरीबों के पुनर्वास की मांग को लेकर उनसे मिलने गया था, उन्होंने मुझसे मारपीट की थी। उनके खिलाफ कई बार विधानसभा के अंदर और बाहर विधायकों से हिंसक व्यवहार के मामले सामने आए हैं।

पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश सिन्हा ने सवाल उठाया, “क्या एक डीएम को यह अधिकार है कि वह छात्रों या किसी भी नागरिक पर हाथ उठाए? जब प्रशासन अपनी जिम्मेदारी में विफल हो जाता है, तो क्या उसका हल हिंसा है? परीक्षा में लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? बिहार सरकार आखिर किसे बचाने की कोशिश कर रही है?

पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने डीएम चंद्रशेखर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश पारित किया है। इसके बावजूद, डीएम अपने पद का दुरुपयोग कर इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। यह घटना न केवल प्रशासनिक तानाशाही को दर्शाती है, बल्कि सरकार की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है।

आम आदमी पार्टी सरकार से मांग करती है कि डीएम चंद्रशेखर सिंह के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए और उन्हें निलंबित किया जाए। छात्रों पर किए गए हमले के लिए डीएम सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। परीक्षा प्रबंधन में लापरवाही के लिए दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो।

आम आदमी पार्टी बिहार सरकार से यह भी जानना चाहती है कि ऐसी घटनाओं पर उसकी चुप्पी का क्या अर्थ है। पार्टी के प्रवक्ता बबलू कुमार ने कहा, “क्या बिहार सरकार इस अन्याय को समर्थन दे रही है? अगर नहीं, तो कार्रवाई में इतनी देरी क्यों हो रही है?

जनता के अधिकारों और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आम आदमी पार्टी पूरी प्रतिबद्धता के साथ संघर्ष जारी रखेगी।

 

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