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किशनगंज : जिले में संचालित फर्जी चिकित्सा संस्थानों के विरूद्ध होगी सख्त कार्रवाई: जिलाधिकारी

बारी-बारी से विभिन्न स्वास्थ्य इंडिकेटरों पर चर्चा करते हुए जिलाधिकारी ने अपेक्षित सुधार को लेकर कई जरूरी निर्देश दिये

  • सभी स्वास्थ्य कर्मी स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिये संकल्प व जिम्मेदारी पूर्वक करें काम
  • स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक में सेवाओं के सुधार व विस्तार पर जोर

किशनगंज, 24 जून (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में लगातार मातृ-शिशु सेवाओं की बेहतरी को लेकर प्रयास किये जा रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधा को सुलभ रूप से मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन काफी गंभीर है। जिले में स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों को आम जनमानस तक पहुंचाने को लेकर आवश्यक पहल लगातार की जा रही है। इसी क्रम में जिले के डीएम श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में माह में दो बार स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की जा रही है। समीक्षा बैठक में बारी-बारी से विभिन्न स्वास्थ्य इंडिकेटरों पर चर्चा करते हुए अपेक्षित सुधार को लेकर कई जरूरी निर्देश दिये गये। गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, संस्थागत प्रसव, नियमित टीकाकरण को लेकर किये जा रहे विभागीय प्रयासों के अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में जिला सभागार में शनिवार को आयोजित बैठक में स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की गयी। जून महीने में संचालित सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा, फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नाइट ब्लड सर्वे के तहत संचालित कार्यक्रमों सहित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिये। बैठक में सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुमन सिन्हा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा० देवेन्द्र कुमार, डीपीएम डा० मुनाजिम, डीपीसी विश्वजीत कुमार, एसएमसी एजाज एहमद, एसएमओ डा० अनिशुर रहमान, सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद हुए।

फर्जी संस्थान होंगे सील, संचालक के विरूद्ध होगी प्राथमिकी

डीएम श्रीकांत शास्त्री ने समीक्षा बैठक में सिविल सर्जन व संबंधित प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी को क्षेत्र में संचालित अवैध चिकित्सा संस्थानों की सूची तैयार करने को कहा है। जिलों में बिहार क्लिनिकल एस्टेबल्शिमेंट एक्ट 2010 व 2022 के तहत गैर पंजीकृत कई नर्सिंग होम, क्लिनिक व जांच घर संचालित होने की शिकायत प्राप्त है। ऐसी शिकायतें मिली हैं कि फर्जी रूप से संचालित इन नर्सिंग होम व निजी क्लिनिक में एमबीबीएस की जगह पारामेडिकल स्टाफ के द्वारा लोगों का न सिर्फ इलाज किया जा रहा है। बल्कि, जटिल रोगों का ऑपरेशन भी किये जाने की शिकायत है। इसके बाद संस्थान के संचालक को इसे बंद करने के लिये नोटिस जारी की जायेगी। ऐसा नहीं करने पर सूची के आधार पर संबंधित प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी क्षेत्र में संचालित फर्जी संस्थानों के संचालक के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायेंगे। इसे सील करने को लेकर जरूरी कार्रवाई सुनिश्चित करायेंगे। संबंधित क्षेत्र के अनुमंडल पदाधिकारी व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ऐसे संस्थानों को सील किये जाने को लेकर संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी व थानाध्यक्ष के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए जारी आदेश का सख्ती पूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करायेंगे।विभागीय नियमों के विरूद्ध संचालित चिकित्सा संस्थानों पर नकेल कसने वाला है। विभागीय नियमों को ताक पर रख कर फर्जी तरीके से संचालित निजी नर्सिंग होम, क्लिनिक, डायगोनेस्टिक सेंटर, जांच घर को प्रशासनिक तौर पर सील किया जायेगा। इतना ही नहीं, संस्थान के संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए विधि सम्मत कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करायी जायेगी।

सेवाओं की बेहतरी का संकल्प दिलायेगा बेहतर परिणाम

जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने जहां बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्वास्थ्य अधिकारी के प्रयासों को सराहा। उन्होंने कहा कि सेवाओं की बेहतरी के लिये अधिकारी व कर्मी को एक संकल्प के साथ काम करना होगा। इससे बेहतर परिणाम संभव है। अस्पताल में सफाई व्यवस्था में सुधार, नियमित रूप से ओपीडी व आपातकालीन सेवाओं का संचालन, निर्धारित रोस्टर के मुताबिक कर्मियों की सेवा सुनिश्चित कराने के साथ-साथ अपने कर्तव्य व जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित कराने का निर्देश उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया। एएनसी जांच व संस्थागत प्रसव के मामलों में सुधार को लेकर जिलाधिकारी ने क्षेत्र में आशा कार्यकर्ताओं के गतिविधियों की सतत निगरानी व अनुश्रवण का आदेश दिया। कमतर प्रदर्शन पर उन्हें सुधार का अवसर दिया जाये। इसके बावजूद प्रदर्शन में सुधार नहीं होने पर संबंधित पीएचसी प्रभारी संबंधित आशा एवं एएनएम् की सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध करायें। ताकि उनके विरूद्ध ठोस प्रशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। बावजूद इसके प्रदर्शन में सुधार नहीं होने पर संबंधित एमओआईसी इसके लिये जिम्मेदार होंगे। पीएचसी स्तर पर सभी कर्मी व संबंधित विभागों के परस्पर सहयोग से महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार का आदेश डीएम के द्वारा सिविल सर्जन को दिया गया है। उन्होंने लापरवाह अधिकारियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई का आदेश सिविल सर्जन को दिया।

वीएचएसएनडी साइट का करें निरीक्षण व अनुश्रवण

डीएम श्रीकांत शास्त्री ने बैठक में जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के लिये वीएचएसएनडी सेवाओं को बेहतर बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारी नियमित रूप से वीएचएसएनडी साइट का निरीक्षण व अनुश्रवण करें। बीएलटीएफ की बैठक को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने नियमित रूप से इसके आयोजन पर जोर दिया। ताकि विभिन्न विभागों के बीच आपसी समन्वय को बेहतर बनाते हुए स्वास्थ्य योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करायी जा सके।

संस्थागत प्रसव को दें बढ़ावा

मातृ-शिशु संबंधी स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा के क्रम में एएनसी जांच व संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने को लेकर जरूरी निर्देश दिये। प्रथम तिमाही में जहां 69 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच संभव हुआ। वहीं चतुर्थ एएनसी की उपलब्धि 77 फीसदी रही है। संस्थागत प्रसव संबंधी मामलों में उपलब्धि 36 प्रतिशत रहा है। नियमित टीकाकरण मामले में अपेक्षित सुधार की जानकारी बैठक में दी गई। इसी तरह बीते मई माह में कुल 2354 वीएचएसएनडी साइट संचालित करते हुए इसके माध्यम से जरूरी सेवाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचाये जाने की जानकारी बैठक में दी गयी। जिले में 14 स्थानों पर प्रसव संबंधी सुविधाएं संचालित हैं। जिलाधिकारी ने संस्थागत प्रसव मामले में शत प्रतिशत उपलब्धि सुनिश्चित कराने का आदेश दिया। इसके लिये चिह्नित संस्थानों में 24 गुणा 7 मोड में प्रसव सेवा का संचालन सुनिश्चित कराते हुए मातृ-शिशु मृत्यु दर से संबंधित मामलें में अपेक्षित सुधार का आदेश उन्होंने दिया।

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