किशनगंज : लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिए जिला कोचिंग दल ने किया निरीक्षण
प्रसव कक्ष में सभी 36 प्रकार के पंजीयन के अपडेट का किया मूल्यांकन, लक्ष्य योजना के तहत सदर अस्पताल को मिल चुका है लक्ष्य सर्टिफिकेशन

किशनगंज, 31 अक्टूबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहादुरगंज में जिला कोचिंग दल के सदस्य के द्वारा लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिए निरीक्षण किया गया है। इस टीम ने प्रसव कक्ष व मातृत्व ओटी का मूल्यांकन किया। इस क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहादुरगंज की गुणवत्ता की मैपिंग की गई। जिसमें कुल 08 तरह के मूल्यांकन पैमाने बनाए गये थे। इसमें अस्पताल की आधारिक संरचना के साथ साफ़-सफाई का स्तर, स्टाफ की उपलब्धता, लेबररूम के अंदर जरूरी संसाधनों की उपलब्धता की मैपिंग की गयी है। साथ ही प्रसव कक्ष में सभी 36 प्रकार के रजिस्टर के अपडेशन की जानकारी ली गई। निरीक्षण को आयी जिला कोचिंग दल के सदस्य डा. देवेन्द्र कुमार एवं पिरामल स्वास्थ्य के गांधी फेलो एवं पदाधिकारी शामिल हुए। प्रभारी सिविल सर्जन डा० अनवर आलम ने कहा कि लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिए जिलास्तरीय दल लगातार प्रयत्नशील है। जिसमें दल ने 8 मानकों जिसमें मुख्य रूप से सेवा प्रावधान, रोगी का अधिकार, इनयूट्रस, सपोर्ट सर्विसेज, क्लीनिकल सर्विसेज, इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट, आउटकम का मूल्यंकन किया जाना शामिल हैं। इन सभी आठों इंडीकेटरों के कुल 362 उपमानकों पर अस्पताल के प्रसव कक्ष एवं शल्य कक्ष का लगभग 6 से 9 महीनों तक लगातार क्वालिटी सर्किल (संस्थान स्तर पर), ज़िला कोचिंग दल (ज़िला स्तर पर) व क्षेत्रीय कोचिंग दल द्वारा लगातार पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण कर आवश्यकतानुसार सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण के बाद अस्पताल का भौतिक निरीक्षण किया जाता है। यह देखा जाता कि प्रशिक्षण लेने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा कार्य किया जा रहा है या नहीं। इसके साथ ही आठों इंडीकेटरों के अनुरूप नियमानुसार समुचित ढंग से रखा जाता है या नहीं, इससे संबंधित निरीक्षण किया जाता है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा० रिजवाना तबस्सुम ने कहा कि प्रसव कक्ष में देखभाल सुविधाओं के मूल्यांकन के बाद प्रसूति कक्ष और मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर में गुणवत्ता सुधार का मूल्यांकन राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के माध्यम से किया जाता है। उसके बाद ही एनक्यूएएस पर 70% अंक प्राप्त करने वाली सुविधाओं को लक्ष्य प्रमाणित सुविधा के रूप में प्रमाणित किया जाता है। इसके अलावा एनक्यूएएस स्कोर के अनुसार लक्ष्य प्रमाणित सुविधाओं की ब्रांडिंग की जाती है। 70 से 80 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को सिल्वर की श्रेणी में रखा जाता है। वही 81 से 90 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को गोल्ड की श्रेणी व 91 से 100 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को प्लेटिनम की श्रेणी में रखा जाता है। इन सभी श्रेणियों को प्रशस्ति पत्र व प्रोत्साहन के रूप में नकद राशि प्रदान की जाती है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह जिला कोचिंग दल के सदस्य डा० देवेन्द्र कुमार ने कहा कि सदर अस्पताल के लेबर रूम को लक्ष्य योजना के तहत वर्ष 2023 में लक्ष्य सर्टिफिकेशन किया जा चुका है। वहीं अब बहादुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को तैयार किया जा रहा है। लक्ष्य कार्यक्रम के तहत तीन स्तर पर रैंकिंग की जाती है। जिसमें पहले स्तर पर जिला, दूसरे स्तर पर क्षेत्रीय (रीजनल) एवं तीसरे स्तर पर राष्ट्रीय रैंकिंग की जाती है। प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए अस्पताल को 75 अंक प्राप्त करना होता है। वहीं इस वर्ष लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर प्रसव कक्ष में बेहतर व्यवस्था की गई है। जिसमें साफ सफाई से लेकर हर पैमाने पर विशेष व्यवस्था की गई है।
इन मानकों पर तय होते हैं पुरस्कार
- अस्पताल की आधारभूत संरचना।
- साफ-सफाई एवं स्वच्छता।
- जैविक कचरा निस्तारण।
- संक्रमण रोकथाम अस्पताल की अन्य सहायक प्रणाली।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह जिला कोचिंग दल के सदस्य डा० देवेन्द्र कुमार ने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए भारत सरकार ने लक्ष्य योजना शुरू की है। इसके जरिये लेबर रूम और आपरेशन थियेटर में प्रसूता को आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। लक्ष्य टीम के निरीक्षण में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अस्पतालों को आर्थिक सहायता भी दी जाती है। इससे अस्पताल के लेबर रूम और आपरेशन थियेटर में आधुनिक उपकरणों की सुविधाओं के साथ प्रसव से जुड़ी नई तकनीक का प्रयोग किया जा सके। जच्चा और बच्चा का पूरा ध्यान रखा जा सके।