बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर कल 21 दिसंबर को प्रखंड मुख्यालयों पर धरना/प्रदर्शन
कुणाल कुमार:-पटना।, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने, सभी भूमिहीनों को पांच डिसमिल जमीन देने, बाढ़ से निजात के लिए कोशी, कमला व बागमती पर हाईडैम निर्माण तथा केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सहित अन्य स्थानीय मुद्दों को लेकर राज्य के सभी प्रखण्ड मुख्यालयों पर 21 दिसंबर 2023 को धरना-प्रदर्शन करेगी इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है।
भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने बयान जारी कर कहा कि धरना/प्रदर्शन के माध्यम से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने हेतु स्मार पत्र राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 नवम्बर, 2000 ई. को बिहार का विभाजन कर अलग झारखण्ड राज्य का सृजन किया गया। इस विभाजन के परिणामस्वरूप अखंड बिहार की कुल आबादी का करीब दो तिहाई भाग बिहार में और एक तिहाई भाग नवसृजित राज्य झारखण्ड में चला गया, जबकि प्रायः सभी खदान और वृहद उद्योग झारखण्ड के हिस्से में चला गया और शेष बिहार औद्योगिक दृष्टि से देश का एक अत्यन्त पिछड़ा, प्रतिवर्ष बाढ़ और सुखाड़ की विभीषिका झेलने वाला एक लैण्ड-लॉक्ड राज्य रह गया जिसके कारण विकास के मार्ग अवरूद्ध हो गये। ऐसे में विकास के राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचने के लिए बिहार को विशेष पैकेज की आवश्यकता थी, लेकिन तत्कालीन अटल बिहारी बिहारी वाजपेयी की सरकार ने बिहार को न विशेष पैकेज हीं दिया और न विशेष राज्य का दर्जा, जिससे बिहार विकास के मामले में पिछड़ते चला गया। भाकपा बिहार के विभाजन के समय से ही विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करती आ रही है। इसी सवाल को लेकर पार्टी ने सभी प्रखंड मुख्यालयों पर धरना देने का फैसला लिया है। भाकपा राज्य सचिव ने बिहार के आम अवाम से प्रखंड मुख्यालयों पर अयोजित धरना/प्रदर्शन में अधिक से संख्या में भाग लेने की अपील की है।