नशा मुक्ति दिवस : किशनगंज जिले में जिलाधिकारी के नेतृत्व में आजीवन शराब नहीं पीने की शपथ दिलाई गई।

जिला स्वास्थ्य समिति के साथ सभी स्वास्थ्य कार्यालय में अधिकारियों व कर्मियों ने नशा नहीं करने की ली शपथ।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिला परिषद सभागार, किशनगंज में नशा मुक्ति दिवस पर जिलाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश के नेतृत्व में सामूहिक रूप से नशा न करने की शपथ दिलायी गई। पटना ज्ञान भवन में आयोजित मुख्यमंत्री, बिहार के कार्यक्रम के लाइव प्रसारण में आजीवन शराब नहीं पीने की शपथ जिला प्रशासन के पदाधिकारियों, गणमान्य अतिथियों, कर्मचारियों, उत्पाद कर्मियों और आम नागरिकों के द्वारा ली गई। गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम लाइव स्ट्रीमिंग द्वारा जिला स्तर, अनुमंडल और प्रखंड मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में आम जनता समेत गणमान्य लोगों के द्वारा भागीदारी सुनिश्चित की गई। सभी कार्यालय में शपथ ग्रहण करवाया गया। जिलाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने बताया शपथ का मूल उद्देश्य शिक्षा व प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों में व्यवहार परिवर्तन लाने की कोशिश है।
सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने बताया कि नशा मुक्ति दिवस पर जिला स्वास्थ्य समिति के साथ जिले के सभी स्वास्थ्य कार्यालय में अधिकारियों व कर्मियों ने नशा नहीं करने की शपथ ली है। नशा मुक्ति के लिए अभियान चलाकर स्कूल व कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया पूर्व में जिलाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश के द्वारा दिये गए दिशानिर्देश के आलोक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी सरकारी परिसर एवं स्वास्थ्य संस्थानों में तम्बाकू मुक्त परिसर का बोर्ड, होर्डिंग अथवा साइनेज लगाया गया है। साथ ही सभी चिकित्सकों के द्वारा मरीजों के तम्बाकू के प्रयोग पर रोक लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ मुनाजिम ने बताया कि नशा व तम्बाकू उत्पादों के सेवन से न कि बड़ों बल्कि छात्र-छात्राओं, युवाओं को बचाने के लिए यह आवश्यक है कि समाज के सभी वर्गों के लोग अपने-अपने स्तर पर छात्र-छात्राओं को तम्बाकू उत्पादों के सेवन से बचने के लिए जागरूक करें। हमारे आने वाली पीढ़ियों के भविष्य का सवाल है। तंबाकू का सेवन करके यत्र तत्र थूकने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है। साथ ही 6 माह की जेल भी हो सकती है। इधर-उधर थूकने से कोरोना वायरस के फैलने का खतरा ज्यादा है। किसी भी सरकारी या गैर सरकारी कार्यालय एवं परिसर में किसी भी प्रकार का तंबाकू पदार्थ, सिगरेट, खैनी, गुटखा, पान मसाला, जर्दा आदि का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित है। सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया की शराब को शरीर का सबसे बड़ा दुश्मन इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह एक साथ कई अंगों को नुकसान पहुंचाती है। इससे न केवल लिवर खराब होता है, बल्कि दिमाग पर भी विपरीत असर पड़ता है। एक अध्ययन के अनुसार, शराब की एक घूंट महज 30 सेकंड में दिमाग तक अल्कोहल पहुंचाने के लिए काफी है। दिमाग में पहुंच कर यह अल्कोहल उन केमिकल्स और प्रोसेस को प्रभावित करता है, जो दिमाग से संदेश लेकर शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंचाता है। इसी के कारण दिमाग के काम करने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती और इसका संतुलन गड़बड़ा जाता है। ज्यादा शराब पीने से याददाश्त कमजोर हो जाती है। शराब का सबसे ज्यादा असर किडनी पर पड़ता है। शरीर में जाने के बाद अल्कोहल को प्रोसेस करने का काम लिवर करता है। इस तरह अल्कोहल में शामिल कई टॉक्सिन्स लिवर तक पहुंचते हैं। इनके कारण लिवर फूल जाता है, जिसे फैटी लिवर कहा जाता और यह खराब हो सकता है। डायबिटीज का सबसे ज्यादा खतरा शराब पीने वालों को होता है। कारण-शरीर में इन्सुलिन बनाने का काम पैंक्रियाज यानी अग्नाशय का होता है और अल्कोहल इस काम में बाधा बनता है। लंबे समय तक अधिक शराब पीने से शरीर पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन नहीं बना पाता है और व्यक्ति डायबिटीज का मरीज बन जाता है।