राजनीति

भाकपा 25 जुलाई को राज्य में मणिपुर एकजुटता दिवस मनाएगी…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने मणिपुर की घटना की तीखे शब्दों में निंदा की है। पार्टी ने राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत पूरे राज्य में 25 जुलाई को मणिपुर एकजुटता दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया है। मणिपुर की हालात गंभीर हैं। हिंसा, रेप, आगजनी और लोगों की हत्या चिंता का विषय है। महिलाओं के साथ रेप कर नग्न घुमाया गया। यह देश को शर्मशार करने बाला है। स्थिति को बिगाड़ने के लिए भाजपा की मणिपुर सरकार और केंद्र सरकार पूरी तरह जिम्मेवार है। इस मुद्दे पर 77 दिनों तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप रहे। यह चुप्पी समझ से परे है। यह सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है।

भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं। खुलेआम रेप की घटनाएं घट रही है। मणिपुर में जारी उथल-पुथल भाजपा की डबल इंजन सरकार द्वारा लोगों को बांटने की नीति का प्रत्यक्ष परिणाम है। भाजपा ने चुनावी लाभ के लिए लोगों को बांटने का कार्य कर रही है। परिणामस्वरूप मणिपुर जैसे राज्य व्यापक हिंसा के चपेट में आ गया है। इसे बल प्रयोग से स्थायी रूप से नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। यह केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई मणिपुर नीति की विफलता का प्रमाण है। हिंसा में 150 से अधिक लोगों की जाने चली गई, बड़ी संख्या में लोग घायल है और तीस हजार से अधिक लोग विस्थापित हो गये है। घरों और दुकानों को जलाया गया है। भाजपा की डबल इंजन की सरकार मणिपुर के लोगों के बीच अपना विश्वास खो चूकी है। भाकपा मणिपुर के सभी वर्गों से शांति बनाए रखने की अपील करती है।

भाकपा राज्य सचिव ने कहा जब से केन्द्र में भाजपा की सरकार आयी है तब से लगातार अदिवासियों, दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं और आपसी रंजीश बढ़ा है। केंद्र में बैठी भारतीय जनता पार्टी की सरकार चुनावी लाभ के लिए फूट डालो और राज करो की नीति अपना रही है। इस सरकार में आपसी भाईचारा समाप्त हो गया है। भाजपा पूरी तरह समाज को बांटने में लगी हुई है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने मणिपुर दौरे पर गई जांच टीम के सदस्य एनएफआईडब्ल्यू के महासचिव और सीपीआई के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एनी राजा, एनएफआईडब्ल्यू के राष्ट्रीय सचिव और राजस्थान में सीपीआई की नेतृ निशा सिद्धू और स्वतंत्र वकील दीक्षा द्विवेदी पर मणिपुर सरकार द्वारा दर्ज प्राथमिकी को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की तथा पार्टी द्वारा आयोजित 25 जुलाई को मणिपुर एकजुटता दिवस कार्यक्रम में अधिक से अधिक लोगों को भाग लेने की अपील की है।

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