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किशनगंज : बिहार कैडर के एक IPS नशे के खिलाफ चला रहे है मुहिम, कड़क पुलिसिया कार्रवाई के साथ, समय निकालकर लोगों को करते है जागरूक..

नशे के लिए समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्‍बाकु और धूम्रपान (बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, चिलम) सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक दवाओं और पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है इन जहरीले और नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचने के साथ ही इससे सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता ही है साथ ही स्‍वयं और परिवार की सामाजिक स्थिति को भी भारी नुकसान पहुंचाता है।किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, देश का युवा जहां एक तरफ नशे का शिकार हो रहा है, वहीं दूसरी ओर लोगों को नशे से सावधान रहने की प्रेरणा देने वाले भी कम नहीं हैं। ऐसी ही एक मुहिम बिहार के किशनगंज के युवा एसपी IPS एसपी कुमार आशीष चला रहे है। अपनी व्यस्त दिनचर्या में से कुछ समय निकाल कर लोगों को नशे से दूर रहने के लिए युवा पीढ़ी को एसपी मुहिम चलाकर जागरूक कर रहे हैं। एसपी कुमार आशीष अपनी व्यस्त दिनचर्या एवं ऑफिस के कामो से समय निकालकर खाली वक्त में किशनगंज जिला के सुदूरवर्ती इलाको के गांवों एवं स्कूलों में माननीय मुख्यमंत्री, बिहार सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना पूर्ण शराबबंदी तथा पूर्ण नशाबंदी के लिए अलख जगाने के लिए प्रयासरत है। नशे जैसी आदत से लोगों को बचाने की एसपी कुमार आशीष की ये मुहिम अब रंग लाने लगी है। अब युवा, स्कूली छात्र-छात्राएं, अभिभावक एवं समाज के प्रबुद्ध नागरिक भी इनके साथ आने लगे हैं। एसपी कुमारआशीष का कहना है आज युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में हैं। हमारा प्रयास समाज मे नशे की लत में घिर चुके युवा पीढ़ी को नशा त्यागने की प्रेरणा देने के लिए किया जा रहा हैं। प्रतिक्रिया सकारात्मक है इसलिए कि उम्मीद पर दुनिया कायम है। और हम लोगों को ही सही समय पर नशे की गिरफ्त में आने से पहले अगर बचा ले तो ये हमारे लिए देश सेवा से कम नही होगा। मेरे विचार में कोई भी चीज जिसकी शरीर को तलब महसूस होती है और जिससे शरीर को तकलीफ महसूस हो, उसे नशा कहते हैं, चाहे वो शराब, तम्बाकू, ड्रग्स, गांजा, भांग या अन्य कोई पदार्थ क्यों ना हो। हर प्रकार के मादक द्रव्यों का सेवन आपके जीवन में तबाही लेकर आता है। नशा एक अभिशाप है। यह एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। नशे के लिए समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्‍बाकु और धूम्रपान (बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, चिलम) सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक दवाओं और पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है इन जहरीले और नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचने के साथ ही इससे सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता ही है साथ ही स्‍वयं और परिवार की सामाजिक स्थिति को भी भारी नुकसान पहुंचाता है। नशे के आदी व्यक्ति को समाज में हेय की दृष्टि से देखा जाता है। नशे करने वाला व्‍यक्ति परिवार के लिए बोझ स्वरुप हो जाता है, उसकी समाज एवं राष्ट्र के लिया उपादेयता शून्य हो जाती है। वह नशे से अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है तथा शांतिपूर्ण समाज के लिए अभिशाप बन जाता है। उनके जुझारू नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में किशनगंज पुलिस आम नागरिकों के सहयोग से लगातार सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करने में लगी हुई है। पर्याप्त संसाधनों की कमी के बावजूद किशनगंज पुलिस ने पिछले तीन सालों के उनके अब तक के कार्यकाल में निम्नांकित उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की है।शराबबंदी से किशनगंज पुलिस की उपलब्धि: जनवरी 2018 से जुलाई 2021 तक के आंकड़े-

  • शराबबंदी से सम्बंधित 1070 कांड दर्ज हुए, कुल 1194 लोग गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं। 05 कांडों में माननीय न्यायालय द्वारा आरोपियों को सज़ा सुनाई जा चुकी है। शराब के 25 कांडों में स्पीडी ट्रायल जारी।
  • कुल 33 हज़ार लीटर से ज्यादा देसी शराब, 94,294ली० विदेशी शराब सहित कुल 1,27,299 ली० शराब जब्त हुए, 124 दोपहिया एवं 135 चारपहिया सहित कुल 259 वाहन जब्त किये गए !
  • 803 किलो गाँजा जब्त, 120 ग्राम स्मैक, 260 ग्राम हीरोइन, 203 ग्राम ब्राउन सुगर, 752 ग्राम अफीम, 138 किलोग्राम अफीम का पौधा, 498 ग्राम मस्कलिन इत्यादि।
  • सूखे नशे के कुल 67 काण्ड दर्ज, 163 लोग गिरफ्तार।
  • महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार में 20.93% की कमी आई। गृहभेदन, साधारण दंगा, फिरौती हेतू अपहरण, अनु जाति/जनजाति के प्रति अपराध तथा साम्प्रदायिक दंगे के कांडों में कमी आई है! इनके अलावा अन्य आंकड़ों में भी सुधार साफ दिखाई देने लगा है।

किशनगंज पुलिस की अपील“जिस तरह हमारे देश मे युवाओं का नशे की तरफ रुझान बढ़ रहा है, वह वाकई गंभीर चिंता का विषय है। वह युवा जिसे हम अपने देश की शक्ति मानते है जिसे हम भारत देश का भविष्य मानते है, उसे नशे की कीड़े ने ऐसा जकड़ लिया है की जैसे शिकारी अपने शिकार को जकडता है, ओर नशा का कीड़ा ऐसा होता है की जो व्यक्ति की मौत के बाद ही उसे छोड़ता है। वही किशनगंज पुलिस का कहना है की अगर कोई भी व्यक्ति “पूर्ण नशा बंदी” में पुलिस का सहयोग करता है तो उन्हें समुचित रूप से एसपी किशनगंज द्वारा पुरस्कृत भी किया जाएगा।” आइये, हम सब बिहार सरकार के इस महाभियान जो समाज की दिशा और दशा दोनों बदल सकता है, इसके अक्षरश: अनुपालन अपना अपना महती सहयोग करें, अपने बच्चों, देश-राज्य के भविष्य को नशे के चंगुल से बचाएं, एक सुदृढ़ और सरंक्षित भारतराष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान करें।

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