एक अराजक तत्व को नकली शंकराचार्य बनाए जाने पर विवाद:जगद्गुरु पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती
एक अराजक तत्व को नकली शंकराचार्य बनाए जाने पर विवाद:
पुरी शंकराचार्य हुए नाराज, बोले– मोदी जी, जिसके नाम पर आप कूद रहे हैं, उसी को यातना दे रहे हैं!
फाइल फोटो
जगद्गुरु पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती शंकराचार्य के पद पर एक अराजक तत्व को असम के मुख्य मंत्री के सह पर पदस्थापित किए जाने को लेकर नाराज हो गए हैं।
दरअसल, पिछले दिनों मथुरा में स्वामी अधोक्षजानंद ने असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के सामने अपना परिचय पुरी के शंकराचार्य के तौर पर दिया।
निश्चलानंद सरस्वती ने इसी बात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संघ चालक मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि
एक आतंकवादी का शंकराचार्य के रूप में स्वागत होना निंदनीय !
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि, “अंग्रेजों के शासनकाल में एक महामंडलेश्वर ने अपने नाम के पहले जगद्गुरु का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। अंग्रेजों ने मना कर दिया और कहा कि चार पीठों के शंकराचार्य के अतिरिक्त कोई भी जगद्गुरु का इस्तेमाल नहीं करेगा। देश स्वतंत्र का मैं पक्षधर हूं, लेकिन देश अभी परतंत्र है। इंग्लैंड की दास्तां अभी भी है।
एक आतंकवादी असम के मुख्यमंत्री को लेकर मथुरा आया। पुरी के शंकराचार्य के रूप में उसका स्वागत हुआ इस दौरान कलेक्टर और प्रशासनिक अमले ने अधोक्षजानंद का स्वागत भी किया। असम के मुख्यमंत्री ने भरे समाज में कहा कि मैं इनका शिष्य हूं।
इस तरह की निंदनीय घटना आखिर योगी आदित्यनाथ के शासन काल में क्यों हुआ?”
योगीजी के शासन में आश्रम पर कब्जा होना निंदनीय!
उन्होंने कहा, “एक आश्रम का मै ट्रस्टी था। एक रुपए से लेना-देना नहीं था। उस आश्रम पर एक अराजक तत्व ने कलेक्टर की सहमति से कब्जा कर लिया, क्या आपको (योगी आदित्यनाथ को) मालूम नहीं है।
मोदी जी मैं आपको याद दिलाान चाहता हूं आप भूल गए होंगे। जब आप गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब पुरी के एक महापात्र पुलिस के सबसे बड़े अधिकारी थे। उन्होंने कहा था कि एक अराजक तत्व पुरी के शंकराचार्य के रूप में घूम रहा है। मैं पुरी का हूं, मैं उसे अरेस्ट करना चाहता हूं। तब आपने मना किया कर दिया था।
शंकराचार्य को यातना देना, निंदनीय?
निश्चलानंद सरस्वती बोले- अब आप प्रधानमंत्री के पद पर हैं। क्या आपको मालूम नहीं है कि पुरी के शंकराचार्य को दबोचने के लिए जो किया जा रहा है, उसमें भाजपा भी शामिल है। अमित शाह आप मेरे लाड़ले और प्यारे हैं। मैंने शिवराज सिंह चौहान के सामने आप से कहा था, आप पर कोई प्रभाव पड़ा? इसका मतलब है कि पुरी के शंकराचार्य को यातना देने के लिए आपने व्यूह रचना की है। कांग्रेस ने जो अत्याचार तैयार किया था, अब आप उसके पोषक बन रहे हैं, क्या आप दो दिन भी शासन करने के योग्य हैं? परंपराप्राप्त शंकराचार्य कोई जीवित ना रहे, उसे यातना दी जाए, ये क्या शासन है?
मेरा अपराध क्या है, यही कि आपकी दासता नहीं पालता?
उन्होंने कहा, “मुलायम सिंह जी आप जीवित हैं, आप अपने पाप पर ध्यान दीजिए। आपने चार अराजक तत्व को अपने शासनकाल में शंकराचार्य बनाकर घुमाया था। लालू यादव जेल के शिकंजे में हो, ध्यान रखो, तुमने भी चार शंकराचार्यों को घुमाया था। मुख्यमंत्री लोग भूतपूर्व और वर्तमान शंकराचार्य बनाकर घुमाते हैं। सबके सब मिलकर पुरी के शंकराचार्य को यातना देने के लिए लगे हैं।
मेरा अपराध क्या है? मैं आपकी दासता नहीं पालता। शासन तंत्र की दासता पालने वाला शंकराचार्य होगा? शासकों पर भी शासन करने का ये पद है।
आप जैसे एक हजार वर्तमान और भूतपूर्व प्रधानमंत्री दमन नहीं कर सकते हैं। आपका इतिहास कलंकित हो रहा है।”
चंपत राय जी, भागवतजी सुन लीजिए!अगर मैंने रामालय प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए होते तो रामलला मंदिर की नींव रखने का मौका क्या आपको मिलता? नरसिम्हा राव के शासन में ही मंदिर बन गया होता। और कुछ ही दूरी पर आमने–सामने मस्जिद बन गई होती। आप उस व्यक्ति को यातना दे रहे हैं, जिसके नाम पर आप कूद रहे हैं!
क्या है पूरा मामला:-
पिछले दिनों असम के सीएम सर्वानंद सोनोवाल को अधोक्षजानंद ने कृष्ण जन्मभूमि में पूजा-अर्चना करवाई। उन्होंने खुद को पुरी का शंकराचार्य बताया। इस दौरान कलेक्टर और प्रशासनिक अमले ने अधोक्षजानंद का स्वागत भी किया। खुद को पुरी का शंकराचार्य घोषित करने पर अधोक्षजानंद से निश्चलानंद सरस्वती नाराज हैं और मोदी,भागवत व योगी पर भी तंज कस रहे हैं। इनका कहना है कि क्या सरकार या प्रशासन को नहीं पता कि जो इंसान शंकराचार्य जी की वेश भूसा में घूम रहा है वो एक अतंकवादी है? यही है जिसने CAA का भी विरोध किया था पुरी के पीठाधीश्वर बन कर।
गौर तलब है कि पिछले कई वर्षो से अधोक्षजानंद के द्वारा कई सरकार विरोधी बयान मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित हुए हैं!
इस घटना पर पूरी शंकराचार्य जी की प्रतिक्रिया इस वीडियो में देखें:-
https://twitter.com/govardhanmath/status/1321838272012677121?s=09
गोवर्धन मठ पूरी की तरफ से जारी किए गए सूचना की प्रति जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखा है कि:-
हमारी शान्ति–प्रियता को शासन तन्त्र दुर्बलता न समझे; पुरी–पीठ के मान्य शङ्कराचार्य के रूप में स्वयं को ख्यापित कर विश्वस्तर पर अराजकता फैलानेवाले किसी भी व्यक्ति को हम सहन नहीं कर सकते।
https://twitter.com/govardhanmath/status/1322503518029180931?s=09
इतनी बड़ी घटना पर सरकार ने कुछ भी नहीं किया सब शांत बैठे हैं जैसे कि कुछ हुआ ही ना हो या इन्हें कुछ पता ही नहीं है।
कल गए यह मामला कुछ अलग ही रूप ना ले ले इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है! बावजूद इसके शासन तंत्र का इस कदर मौन धारण किए रहना समझ से परे है!
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी का यह वीडियो चेतावनी है भारत सरकार को जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से शासन तंत्र को ही अतंकवाद का पोषक बताया है:-
https://twitter.com/govardhanmath/status/1322806809501970432?s=09