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बिहार को आपदा ग्रस्त राज्य घोषित करे केंद्र: भाकपा।…

कुणाल कुमार/पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि नेपाल और पूरे बिहार में चार दिनों तक हुई लगातर बारिश से बिहार की सभी नदियों में आई बाढ़ से बड़े पैमाने पर क्षति हुई है। बागमती और कोशी का तटबंध टूट गया है। खेतों में लगे फसल बर्बाद हो गये है। लोगों के घर जलप्लावित और बर्बाद हो गये है। बाढ़ पीड़ित जनता त्राहिमाम कर रही है। बिहार के 22 जिला सूखे के बाद बाढ़ की चपेट में है वहीं 16 जिला सूखाग्रस्त है। केंद्र सरकार बिहार को आपदाग्रस्त राज्य घोषित करे।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि 47 वर्षों के बाद कोशी नदी में सबसे ज्यादा पानी छोड़ा गया है। राज्य के 22 जिलों के चार करोड़ से ज्यादा की आबादी बाढ़ की त्रासदी झेल रही है, लेकिन सरकार का राहत कार्य कहीं नहीं दिख रहा है। बाढ़ पीड़ित त्राहिमाम कर रहे हैं,लेकिन राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों को राहत मुहैया नहीं कर पा रही है और न बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचा रही है, जिसे अविलम्ब राहत दिया जाय और सुरक्षित स्थान पर पहूंचाया जाय। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सामुदायिक रसोई का संचालन नहीं किया जा रहा है जिसे चालू किया जाय। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में लोगों के स्वास्थ्य की देख-भाल हेतु पर्याप्त दवाओं के साथ चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की जाय। जल प्लावित क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में नाव की व्यवस्था की जाय तथा बोट एम्बुलेंस का भी परिचालन किया जाय।

भाकपा राज्य सचिव ने केन्द्र सरकार से बिहार को आपदाग्रस्त राज्य घोषित करने की मांग के साथ-साथ राज्य सरकार से बाढ़ पीड़ितों को सहायता उपलब्ध कराने, फसल क्षति का आकलन कर प्रत्येक एकड़ 50 हजार रुपए की दर से मुआवजा देने, जिनके घर टूट गये और बर्बाद हो गये हैं, उन्हें पक्का मकान देने और किसानों का कृषि ऋण माफ करने की मांग की है।राज्य सरकार बाढ़ को गंभीरता से ले और युद्ध स्तर पर राहत कार्य चलाये।

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