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डीएम के निदेश पर 0 से 18 आयुवर्ग के दिव्यांग बच्चों के लिए शिविर का आयोजन

शिविर में दिव्यांगता प्रमाणीकरण, दिव्यांगता प्रमाण-पत्र तथा यूडीआईडी कार्ड निर्गत किया जाएगा

दिव्यांग बच्चों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा हैः डीएम

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/ सरकार के निर्णय के आलोक में जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह के निदेश पर पटना जिले में 0 से 18 आयुवर्ग के दिव्यांग बच्चों के सम्पूर्ण पुनर्वास हेतु दिव्यांग बच्चों/व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 में प्रावधानित सभी कोटि के दिव्यांग बच्चों को मेडिकल बोर्ड के द्वारा दिव्यांगता के प्रकार एवं दिव्यांगता के प्रतिशत का प्रमाणीकरण कर दिव्यांगता प्रमाण-पत्र एवं यूडीआईडी (यूनिक डिजेबिलिटि आईडेंटिटी कार्ड) का निर्माण, पेंशन की उपलब्धता, सहाय्य सामग्री एवं सुधारात्मक शल्य चिकित्सा हेतु चिन्हिकरण करने के लिए असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, पटना द्वारा सभी प्रखंडों में तिथिवार/प्रखंडवार चिकित्सकीय दल (मेडिकल बोर्ड) का गठन किया गया है। प्रखंडवार कैम्प की विवरणी निम्नवत् हैः-

1. दिनांक 07.05.2025 को पटना सदर प्रखंड में

2. दिनांक 08.05.2025 को फुलवारीशरीफ, दनियावाँ, बख्तियारपुर एवं दुल्हिन बाजार प्रखंड में

3. दिनांक 09.05.2025 को सम्पतचक, बेलछी, बिहटा एवं धनरूआ प्रखंड में

4. दिनांक 10.05.2025 को खुशरूपुर, अथमलगोला, नौबतपुर एवं पालीगंज प्रखंड में

5. दिनांक 13.05.2025 को मसौढ़ी, मनेर, पण्डारक एवं घोसवरी प्रखंड में

6. दिनांक 14.05.2025 को पुनपुन, दानापुर एवं बिक्रम प्रखंड में

7. दिनांक 15.05.2025 को फतुहा, बाढ़ एवं मोकामा प्रखंड में

सिविल सर्जन द्वारा कैम्प में चिकित्सकों तथा चिकित्सा कर्मियों को प्रतिनियुक्त किया गया है।

डीएम डॉ. सिंह ने सिविल सर्जन को निदेश दिया है कि दिव्यांग बच्चों को दिव्यांगता के प्रतिशत का प्रमाणीकरण/दिव्यांगता प्रमाण-पत्र एवं यूडीआईडी निर्गत करना सुनिश्चित किया जाएगा।

बौद्धिक अक्षमता, विशिष्ट अधिगम दिव्यांगता (स्पेशिफिक लर्निंग डिजेबिलिटि) एवं ऑटिज्म (ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिजेबिलिटि) का भी प्रमाण-पत्र एवं यूडीआईडी बनाने का विशेष ख्याल रखने का निदेश दिया गया है।

डीएम डॉ. सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को शिविरों का प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों एवं प्रधानाध्यापकों के माध्यम से वृहत स्तर पर प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया है। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अपने-अपने प्रखंड के आंगनबाड़ी सेविकाओं/सहायिकाओं के माध्यम से दिव्यांग बच्चों एवं उनके अभिभावकों को कैम्प के बारे में जागरूक करेंगे तथा कैम्प स्थल पर उनकी उपस्थिति के लिए प्रेरित करेंगे। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निदेश दिया गया है कि अपने-अपने प्रखंड अधीन माननीय जनप्रतिनिधियों यथा वार्ड सदस्यों, पंचायत समिति सदस्यों एवं मुखियों की सहायता से अपने स्तर से क्षेत्राधीन दिव्यांग बच्चों एवं उनके अभिभावकों को कैम्प के बारे में जागरूक करेंगे तथा कैम्प स्थल पर उनकी उपस्थिति के लिए प्रेरित करेंगे।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जिला स्तर पर चिन्हित 0 से 18 आयुवर्ग के दिव्यांग बच्चों की दिव्यांगता की जाँच-सह-मूल्यांकन, दिव्यांगता प्रमाणीकरण एवं विभिन्न विभागों द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा समेकित कार्य योजना बनाया गया है। इसके सफल क्रियान्वयन के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है। सहायक निदेशक, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग, पटना इसके नोडल पदाधिकारी हैं जो समन्वय का कार्य करेंगे।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि दिव्यांग बच्चों को विभिन्न विभागों की विकासात्मक एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्हें गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा, जरूरत के अनुरूप समय-समय पर स्वास्थ्य जाँच, चिकित्सा, सुधारात्मक शल्य चिकित्सा, दिव्यांगता पेंशन उपलब्ध कराना तथा आधार कार्ड बनवाने इत्यादि के लिए कार्य योजना के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा सभी कार्रवाई की जा रही है।

डीएम डॉ. सिंह ने संबंधित पदाधिकारियों को निर्धारित गतिविधि एवं कार्य को निर्धारित समय-सीमा के अंदर पूर्ण करने हेतु मिशन मोड में कार्य करने का निदेश दिया।

 

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