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आरक्षण की पुख्ता व्यवस्था कर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कमजोर वर्गों का किया सामाजिक उत्थान – परिमल कुमार

ऋषिकेश पांडे/जद (यू0) प्रदेश प्रवक्ता श्री परिमल कुमार ने मीडिया में जारी बयान में कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सरकार ने आरक्षण की पुख्ता व्यवस्था कर समाज के कमोजर तबकों के सामाजिक उत्थान करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि साल 2005 में बिहार की सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने शोषितों वंचितों के उत्थान के लिए कई  क्रांतिकारी फैसले लिए।

पार्टी प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने अपने 19 वर्षों के शासनकाल में जननायक कर्पूरी ठाकुर के विचारों और आदर्शों को जमीन पर उतारने की पहल की और उनके सपनों को साकार करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि बिहार पंचायती राज अधिनियम, 2006 पारित होने के बाद बिहार पूरे देश में ऐसा पहला राज्य बना, जिसने अतिपिछड़ा वर्ग को पंचायतों में 20 प्रतिशत तक का आरक्षण देने का काम किया। इसके बाद 2007 में नगर निगमों एवं नगर निकायों में भी 20 प्रतिशत तक के आरक्षण का प्रावधान किया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सरकार ने 2016 में न्यायिक सेवाओं में अतिपिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान किया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 लागू किया जहां अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जन जनजातियों के लिए उनकी आबादी के अनुरुप आरक्षण का प्रावधान किया गया। वर्ष 2007 में त्रिस्तरीय पंचायतों की तरह ही नगर निकायों के निर्वाचन में भी इन वर्गों के लिए आबादी के अनुरुप आरक्षण कर उनका प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया।

 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सरकार में बिहार में जाति आधारित सर्वे का काम सफलतापूर्वक पूरा किया गया और इसकी रिपोर्ट के आधार पर जरुरतमंदों को उसकी आबादी के अनुरुप आरक्षण का लाभ देने काम किया गया है। विपक्षी पार्टियां जहां जाति को चुनावी राजनीतिक हथियार के रूप में प्रयोग करती है वहीं हमारे नेता, जाति को विकास की इकाई के रूप में चिन्हित कर समाज के संतुलित, समग्र एवं समेकित विकास सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि जाति आधारित सर्वे कराकर उन्होंने जहां गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वाले 94 लाख परिवारों को दो-दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया वहीं सभी जाति, सभी वर्ग एवं सभी धर्म के लोगों को जो कि आर्थिक रूप से कमजोर थे उसके लिए नई आरक्षण व्यवस्था लागू की जिससे समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हालांकि आरक्षण की नई व्यवस्था न्यायालय के विचाराधीन है लेकिन आशा है कि सरकार को इसमें निश्चित सफलता मिलेगी। इससे बिहार के विकास की प्रक्रिया को एक नई दिशा एवं नया आयाम प्राप्त होगा एवं लोहिया के समता मूलक समाज का सपना साकार होगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बिहार में खासकर महिलाओं की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक प्रगति के लिए अनेकों योजनाएं बनाई और उनपर अमल करने का काम किया। माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के साल 2005 में सत्ता संभालते ही 2006 में पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का काम किया गया। वहीं साल 2007 में नगर निकायों में भी महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई। नौकरियों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने हेतु मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सरकार ने सभी प्रकार के पदों पर सीधी नियुक्ति में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने का काम किया। साथ ही प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन/नियुक्ति में भी महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया।

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