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किशनगंज : निक्षय मित्र बनकर देश को टीबी मुक्त करने में आप भी दे सकते हैं योगदान: स्पर्श गुप्ता

विभागीय प्रयास से 12 टीबी संक्रमित मरीजों को लिया गया है गोद, मरीजों को हर महीने उपलब्ध करायी जायेगी फूड बास्केट व अन्य सहायता

किशनगंज, 22 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले को टीबी मुक्त बनाने की कवायद तेज हो गयी है। भारत ने देश से टीबी की बीमारी को हराने का संकल्प लिया है, और 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इस अभियान को जन-आंदोलन बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए निक्षय मित्र योजना की भी शुरुआत की गई है। इस योजना का खास बात ये है कि टीबी के खिलाफ इस जंग में आम आदमी भी अपना योगदान दे सकता है। इसे लेकर विभिन्न स्तरों पर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। रोगी खोज अभियान व संक्रमितों तक जरूरी चिकित्सकीय सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कराने को लेकर जरूरी पहल की जा रही है। वहीं सक्षम व्यक्ति, सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को टीबी मरीजों को गोद लेने के लिये स्वास्थ्य विभाग के स्तर से प्रेरित व प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला यक्ष्मा कार्यालय के द्वारा 01 एवं रेड क्रॉस सोसाइटी के द्वारा टीबी संक्रमित 12 मरीजों को गोद लिया है। उनके द्वारा टीबी रोगियों को जरूरी चिकित्सकीय सहायता के साथ फूड बास्केट उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है।प्रभारी जिलाधिकारी स्पर्श गुप्ता ने सभी जिलेवासियो से निक्षय मित्र बनकर टीबी के खिलाफ जंग को मजबूती देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह जिला ने सम्मलित प्रयासों से कोरोना के खिलाफ जंग जीती है, उसी प्रकार टीबी के खिलाफ जंग को जीतने के लिए सम्मिलित प्रयास किया जाना आवश्यक है। इसलिए उन्होंने सक्षम व्यक्ति, जिम्मेदार सरकारी व गैर सरकारी संस्था के प्रतिनिधियों से टीबी उन्मूलन अभियान को गति प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा संचालित निक्षय मित्र अभियान से जुड़ने की अपील की। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि कि जिला यक्ष्मा कार्यालय के द्वारा संयुक्त रूप से किशनगंज ग्रामीण के महेश्बथ्ना एवं रेड क्रॉस सोसाइटी के द्वारा किशनगंज शहरी क्षेत्र के 11 मरीज को गोद लिया गया है। विदित हो की जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री के हाथो 10 टीबी संक्रमित मरीजो को फ़ूड पेकेट्स विश्व रेड क्रॉस सोसाइटी दिवस के दिन उपलब्ध करवाया गया था। साथ हीं टीबी उन्मूलन के प्रयासों के तहत सरकार द्वारा संचालित निक्षय मित्र योजना की समुचित जानकारी मरीजों को उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने बताया कि गोद लिये गये टीबी मरीजों के बीच हर माह उनके द्वारा फूड बास्केट उपलब्ध करायी जायेगी। बास्केट में तीन किलो चावल, डेढ़ किलो दाल, खाद्य तेल, विटामीन टैबलेट सहित बेहतर पोषण से जुड़ी अन्य जरूरी चीजें शामिल होंगी। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर सोमवार जानकारी देते हुए बताया कि कोई भी व्यक्ति टीबी मरीजों को गोद ले सकता है। इसके लिये निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवेदन किया जा सकता है। गोद लेने वाले व्यक्ति व संस्था नियमित अंतराल पर संक्रमितों से मुलाकात करते हुए मरीजों को नियमित दवा सेवन व सेहत का विशेष ध्यान देने के लिये प्रेरित करेंगे। साथ ही मरीजों को बेहतर पोषण व स्वास्थ्य देखभाल के लिहाज से जरूरी मदद कर सकेंगे। मरीज की सेहत बेहतर होने पर गोद लेने वाले व्यक्ति को विभागीय स्तर से प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया जायेगा। गोद लिये गये व्यक्ति की पहचान किसी से साझा नहीं की जा सकती है। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि दरअसल अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में या शहरी क्षेत्रों में भी लापरवाही की वजह से टीबी के मरीज बीच में ही अपना इलाज छोड़ देते हैं। टीबी के वायरस कई प्रकार के होते हैं, ऐसे में इनके इलाज और दवा भी अवधि भी अलग होती और व्यक्ति के खानपान का विशेष ध्यान रखना होता है। जिससे उसके अंदर संक्रमण से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़े। इलाज पूरा न होने और दवा सही समय पर न खाने से मरीज के अंदर का टीबी वायरस खत्म नहीं होता और दूसरे भी संपर्क में आकर संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे में सरकार की गोद लेने की यह पहल भारत को टीबी मुक्त करने में बड़ा योगदान देगी। हालांकि ये प्रक्रिया मरीज के स्वेच्छा और उसकी अनुमति पर ही होगी।

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