तेजस्वी का नीतीश सरकार द्वारा दिए गये आरक्षण को घटाने का मंसूबा कभी पूरा नहीं होने देंगे बिहारी: राजीव रंजन

पटना डेस्क:- आज जदयू कार्यालय में जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता व अतिपिछड़ा समाज के नेता राजीव रंजन, प्रदेष प्रवक्ता श्रीमती अंजुम आरा एवं सुश्री अनुप्रिया ने संयुक्त तौर पर आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा है कि जिस राजद ने 15 वर्ष के राज में समाज के किसी भी वर्ग के आरक्षण को 1ः भी नहीं बढ़ाया, आज उसके युवराज अपना राज आने पर फिर से कर्पूरी माॅडल लागू कर नीतीश राज में बढे आरक्षण को घटाने का दावा कर रहे हैं. राजद के युवराज जान लें कि बिहार के दलित-पिछड़े औत अतिपिछड़े समाज के लोग नीतीश राज में मिले आरक्षण से किसी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करने वाले. ऐसा मंसूबा रखने वाले लोगों की जनता खाट खड़ी कर देगी।
उन्होंने कहा कि वास्तव में श्रद्धेय कर्पूरी ठाकुर जी पहले राजनेता थे जिन्होंने पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज के आरक्षण की नींव रखी थी. नीतीश कुमार ने उनके आरक्षण को बढ़ाकर उसी नींव पर के बुलंद इमारत खड़ी कर दी. लेकिन तेजस्वी अब उस इमारत को तोड़ कर आरक्षण को फिर से नींव पर लाना चाहते हैं।
आंकड़े देते हुए जदयू प्रवक्ता ने कहा कि याद करें तो कर्पूरी ठाकुर जी से पहले केवल दलित समाज को आरक्षण की सुविधा प्राप्त थी. पिछड़े-अतिपिछड़ी जातियों को कोई पूछता तक नहीं था. कर्पूरी जी ने पहले नेता थे जिन्होंने पिछड़े-अतिपिछड़े समाज की सुध ली और उन्हें क्रमशः 8 व 12 प्रतिशत का आरक्षण दिया. इसके कई दशक बाद नीतीश कुमार पहले राजनेता हुए जिन्होंने गरीबों के तेज विकास के लिए पहल करते हुए पिछड़े-अतिपिछड़े समाज के आरक्षण को बढ़ाकर क्रमशरू 12 व 18 प्रतिशत कर दिया.
उन्होंने कहा कि अब जातिगत गणना करवा कर नीतीश सरकार ने इसे और बढ़ाते हुए पिछड़ा समाज के आरक्षण को 18 व अतिपिछड़ा समाज के आरक्षण को 25 प्रतिशत कर दिया है. इसी तरह दलितों को मिल रहे 15ः आरक्षण को भी बढ़ाकर पहले 16ः किया गया और अब जातिगत गणना के बाद इसे 20ः करने का निर्णय ले लिया गया. नीतीश सरकार के कारण ही आज बिहार में आरक्षण की सीमा 75ः हो चुकी है. लेकिन तेजस्वी यादव कर्पूरी माॅडल लागू कर दलितों-पिछड़ों व अतिपिछड़ों के आरक्षण को फिर से पहले वाली स्थिति में लाना चाहते हैं. तेजस्वी यह जान लें कि विकास के रुख वापस पलटना अब नामुमकिन है।
अतिपिछड़ा नेता ने कहा कि तेजस्वी के बयान से स्पष्ट है कि गरीबों के विकास राजद की दुश्मनी अभी समाप्त नहीं हुई है. वास्तव में जैसे जैसे गरीब सशक्त होते गये हैं, वैसे वैसे वह बहला-फुसला कर वोट लेने वाली राजद जैसी पार्टियों से दूर होते गये हैं. यही वजह है कि तेजस्वी उन्हें फिर से कमजोर बना कर अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं. वह जान लें कि उनका सपना कभी पूरा नहीं होने वाला।