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भीषण गर्मी एवं लू से आम जनता की सुरक्षा के लिए बैठक का आयोजन।…

डीएम ने सौंपा 15 विभागों के जिला-स्तरीय पदाधिकारियों को दायित्व; लू आपदा टास्क फोर्स को सक्रिय रखने का दिया निदेश

अत्यधिक गर्मी एवं लू से वचाव हेतु विद्यालयों में प्रार्थना के समय विद्यार्थियों को जानकारी दी जाएगी

लोगों को बचाव हेतु जागरूक करने के लिए डैशबोर्ड एवं इन्टरफेस के माध्यम से बल्क एसएमएस भेजा जाएगा

त्रुटिरहित आपदा प्रबंधन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय सुनिश्चित करने का डीएम ने दिया निदेश

त्रिलोकी नाथ प्रसाद-जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने भीषण गर्मी एवं लू की संभावना के मद्देनज़र जन-सुरक्षा हेतु लू आपदा राहत टास्क फोर्स को पूर्णतः सक्रिय रखने का निदेश दिया है। साथ ही उन्होंने 15 विभागों के जिला-स्तरीय पदाधिकारियों को अहम दायित्व सौंपा है। वे आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में इस विषय पर आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, कृषि विज्ञान मंत्रालय (एम.ओ.ई.एस.) द्वारा वर्ष 2023 में राज्य के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में सामान्य से अधिक वृद्धि होने की संभावना व्यक्त की गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के स्थानीय इकाई द्वारा लू की पूर्व चेतावनी जारी की जाती है। जिले में गर्मी के मौसम में भीषण गर्मी के साथ लू चलने की संभावना रहती है। इसके कारण जन-जीवन प्रभावित होता है एवं आम जनता को स्वास्थ्य तथा पेयजल संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। विशेषकर छोटे बच्चों, स्कूली बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं एवं कार्य के लिए घर से बाहर निकलने वाले व्यक्तियों को काफी समस्याएँ आती हैं। साथ ही पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि इन सब के मद्देनजर गर्मी के मौसम में लू से क्षति को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार हर एक स्तर-प्रशासन एवं पब्लिक- पर सतर्कता की जरूरत है। त्रुटिरहित आपदा प्रबंधन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय सुनिश्चित रहनी चाहिए। डीएम डॉ. सिंह ने स्वास्थ्य, पशु एवं मत्स्य संसाधन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, नगर विकास, शिक्षा, समाज कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, जन-सम्पर्क, परिवहन, ऊर्जा, श्रम संसाधन, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, अग्निशमन, सूचना विज्ञान एवं आई.टी. सहित सभी विभागों के जिला-स्तरीय पदाधिकारियों को प्रदत्त निदेशों का अक्षरशः अनुपालन करने को कहा है। डीएम डॉ. सिंह ने सभी पदाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि आम जनता विशेषकर छोटे बच्चों, स्कूली बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं तथा काम के लिए घर से बाहर निकलने वाले व्यक्तियों को भीषण गर्मी एवं लू की स्थिति में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि गर्म हवाएँ तथा लू से बचाव हेतु हीट वेब एक्शन प्लान का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है। भीषण गर्मी एवं लू की संभावना के मद्देनज़र जन-सुरक्षा हेतु 18-सदस्यीय जिला-स्तरीय लू आपदा राहत टास्क फोर्स का गठन किया गया है। यह टास्क फोर्स हीट वेब की पूर्व तैयारियों की समीक्षा तथा लू से प्रभावितों को राहत एवं बचाव से संबंधित सम्पूर्ण कार्यों का अनुश्रवण कर रहा है। आम जनता को ‘‘क्या करें, क्या न करें’’ के बारे में नियमित तौर पर जागरूक किया जा रहा है। गर्मी एवं लू से लोगों को बचाव हेतु जागरूक करने के लिए डैशबोर्ड तथा इन्टरफेस के माध्यम से बल्क एसएमएस भेजा जाएगा। साथ ही इसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी। उन्होंने जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी (डीआईओ, एनआईसी) को यह सुनिश्चित करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन द्वारा भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के स्थानीय इकाई से लू की पूर्व चेतावनी एवं इसकी सूचना प्राप्त कर सभी प्रमुख स्टेकहोल्डर्स तक पहुँचाने की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही जिला आपदा प्रबंधन कोषांग द्वारा लू की पूर्व चेतावनी आम जनता को भी टीवी, रेडियो, प्रिंट मीडिया, प्रेस विज्ञप्ति एवं एसएमएस आदि के माध्यम से दी जाएगी।
डीएम डॉ. सिंह ने विभिन्न विभागों के जिला-स्तरीय पदाधिकारियों को निम्नलिखित दायित्व सौंपा हैः-
1. स्वास्थ्य विभागः- डीएम डॉ. सिंह ने असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, पटना को निदेश दिया है किः

* सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों/रेफरल अस्पतालों/सदर अस्पतालों/अनुमंडलीय अस्पतालों /मेडिकल कॉलेजों में लू से प्रभावितों के इलाज हेतु विशेष व्यवस्था की जाए। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों एवं अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ओ०आर०एस० पैकेट, आई० भी० फ्लूड एवं जीवन रक्षक दवा इत्यादि की व्यवस्था होनी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर जीवन रक्षक घोल (ओआरएस) की व्यवस्था की जाए।

* अत्यधिक गर्मी से पीड़ित व्यक्तियों के इलाज हेतु आवश्यकतानुसार अस्पतालों में आईसोलेसन वार्ड की व्यवस्था होनी चाहिए एवं लू से पीड़ित बच्चों, बूढ़ों, गर्भवती महिलाओं तथा गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। आवश्यकतानुसार प्रभावित जगहों हेतु स्टैटिक/चलन्त चिकित्सा दल की भी व्यवस्था कर ली जाए।

* गर्म हवाएं/लू से बचाव के उपाय से संबंधित सूचना, शिक्षा एवं संचार (आइईसी) सामग्री पम्पलेट/पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराएँ। आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से इसे जन-जन तक पहुँचाएँ।

2. नगर विकास एवं आवास विभागः- डीएम डॉ. सिंह ने सभी नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों को निदेश दिया है किः

* शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक जगहों पर पियाऊ की व्यवस्था सुनिश्चित रहनी चाहिए। इन स्थानों पर गर्म हवाओं एवं लू से बचाव से संबंधित सूचनाओं को भी प्रदर्शित किया जाना चाहिए ताकि आम जन इनसे भली भाँति अवगत हो सकें।

* अपने क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत खराब चापाकलों का मरम्मत युद्ध स्तर पर करायी जाएँ।

* आश्रय स्थलों में पेय जल तथा स्लम के निवासियों हेतु आकस्मिक दवाओं की व्यवस्था की जाए।

3. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभागः- कार्यपालक अभियंताओं द्वारा बताया गया कि वर्तमान में जिले में भूगर्भ जल स्तर न्यूनतम 10 फीट (पंडारक) एवं अधिकतम 29 फीट (पालीगंज) है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि भू-गर्भ जल-स्तर की अभी कोई समस्या नहीं है। 35 फीट से नीचे जाने पर संकट की स्थिति आ जाती है। उन्होंने कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी को निदेश दिया है किः

* भूगर्भ जल स्तर की लगातार समीक्षा की जाए एवं इस पर सतत् निगरानी रखी जाए।

* खराब चापाकलों का मरम्मत युद्ध स्तर पर किया जाए। टॉल फ्री नम्बर 18001231121 तथा दूरभाष संख्या 0612-2225796(पटना पूर्व) एवं 0612-2280879 (पटना पश्चिम) पर चापाकलो के खराब होने के बारे में आने वाली सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई करें। साथ ही चलंत चापाकल मरम्मति दलों द्वारा मरम्म्ति के संबंध में प्रतिवेदन दें।

* जिन स्थानों पर नल का जल नहीं पहुंचता हो एवं चापाकलों में पानी की कमी हो गयी हो, वहाँ आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा पेयजल संकट से निबटने हेतु निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार टैंकरों के माध्यम से पेयजल पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

4. शिक्षा विभागः- डीएम डॉ. सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेश दिया है किः

* सभी स्कूलों एवं परीक्षा केन्द्रों में पेयजल, ओआरएस की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। गर्म हवाएं/लू से बचाव के उपाय से संबंधित सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) सामग्री पम्पलेट/पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराएँ। साथ ही विद्यालयों के प्रार्थना के समय भी विद्यार्थियों को इसे पढ़कर सुनाया जाए ताकि वे बचाव हेतु जागरूक हो सकें।

5. समाज कल्याण विभागः- डीएम डॉ. सिंह ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, आईसीडीएस को निदेश दिया है किः

* सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पेयजल की समुचित व्यवस्था करायी जानी चाहिए एवं वहाँ पर गर्म हवाओं एवं लू से बचाव से संबंधित सूचना, शिक्षा एवं संचार सामग्री (बच्चों को समझने हेतु) प्रदर्शित कर जनता को जागरूक किया जाए।

* स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर जीवन रक्षक घोल (ओआरएस) की व्यवस्था की जाए।

* नवजात शिशु बच्चों, धातृ एवं गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से विशेष चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था की जाए।

6. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभागः- डीएम डॉ. सिंह ने जिला पशुपालन पदाधिकारी को निदेश दिया है किः

* सरकारी ट्यूबवेल के समीप अथवा अन्य सुविधायुक्त स्थानों पर गड्ढा खुदवा कर पानी इक्कट्ठा की जाए, ताकि पशु-पक्षियों को पानी मिल सके।

* पशुओं के बीमार पड़ने पर चिकित्सा दल की व्यवस्था की जाए।

7. ग्रामीण विकास विभागः- डीएम डॉ. सिंह ने उप विकास आयुक्त, पटना को निदेश दिया है किः

* मनरेगा अन्तर्गत तालाबों/आहर इत्यादि की खुदाई की योजनाओं में तेजी लायी जाए, जिससे इनमें पानी इकट्ठा कर पशु-पक्षियों को पानी उपलब्ध कराया जा सके।

* लू चलने पर मनरेगा की कार्य अवधि पूर्वाह्न 06.00 बजे से 11.00 बजे तक एवं अपराह्न 03.30 बजे से 06.30 बजे तक निर्धारित किया जाए।

* कार्य स्थल पर पेय जल तथा लू लगने पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाए।

8. पंचायती राज विभागः- डीएम डॉ. सिंह ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को निदेश दिया है किः

* ‘‘हर घर नल का जल’’ अंतर्गत सभी योजना को क्रियाशील रखें।

* विभाग के द्वारा पंचायतों में लू चलने के दौरान ‘‘क्या करें क्या न करें’’ का प्रचार प्रसार कराया जाए।

* गांवों में पेय जल की व्यवस्था हेतु पंचायतों को कार्य योजना बनाने हेतु निर्देशित किया जाए तथा जल संरक्षण की योजनाओं पर कार्य किया जाए।

9. श्रम संसाधन विभागः- डीएम डॉ. सिंह ने श्रम अधीक्षको को निदेश दिया है किः

* लू से बचाव हेतु मजदूरों के कार्य अवधि को लचीला किया जा सकता है। लू चलने पर पूर्वाह्न 06.00 बजे से 11.00 बजे तक एवं अपराह्न 03.30 बजे से 06.30 बजे तक कार्यावधि निर्धारित किया जाए।

* कार्य स्थल पर पेय जल की व्यवस्था तथा लू लगने पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाए। जिला खनिज पदाधिकारी से समन्वय कर ईंट-भट्ठों में प्राथमिक उपचार, शेड आदि सुरक्षात्मक प्रबंध सुनिश्चित करें।

* खुले में काम करने वाले भवन बनाने वाले तथा कल-कारखानों में काम करने वाले मजदूरों के लिए पेय जल, आईस पैड की व्यवस्था के साथ शेड की भी व्यवस्था की जाए।

* साथ ही लू से बचाव हेतु औद्योगिक मजदूरों एवं अन्य मजदूरों के बीच जागरूकता कैम्प लगवाया जाय।

10. परिवहन विभागः- डीएम डॉ. सिंह ने जिला परिवहन पदाधिकारी को निदेश दिया है किः

* लू चलने की अवधि में जहाँ तक संभव हो वाहनों का परिचालन कम से कम करना चाहिए। 11.00 बजे पूर्वाह्न से 03.30 बजे अपराह्न तक सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों के परिचालन को नियंत्रित किया जाए।

* सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों में पेय जल तथा ओ०आर०एस० के साथ-साथ प्राथमिक उपचार की भी व्यवस्था किया जाय।

11. ऊर्जा विभागः- डीएम डॉ. सिंह ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निदेश दिया है किः

* बिजली के ढीले तारों को ठीक करवाने की व्यवस्था की जाए।

* निर्बाध बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था की जाए।

12. सूचना एवं जन-सम्पर्क विभागः- डीएम डॉ. सिंह ने जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी को निदेश दिया है किः

* गर्म हवाएं/लू से बचाव के उपाय से संबंधित सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) सामग्री का प्रचार-प्रसार कराया जाय। पंचायतों, गॉवों, थानों, प्रखंडों, पीएचसी एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर होर्डिंग-फ्लेक्स के माध्यम से प्रचार कराएँ।

13. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभागः- डीएम डॉ. सिंह ने वन विभाग के पदाधिकारी को निदेश दिया है किः

* गर्मियों के दिनों में लू चलने से वन्य जीव भी प्रभावित होते हैं। अतः वन्य जीव उद्यानों तथा अभयारण्यों में पानी की व्यवस्था की जाए।

* वन्य जीव उद्यानों में जानवरों के पिंजड़ों को ठंडा रखने की व्यवस्था की जाए।

* अभयारण्यों में गड्ढे खोदकर वन्य जीवों के लिए जल की व्यवस्था की जानी चाहिए।

* पर्यटन स्थलों पर पेयजल की व्यवस्था की जाय। साथ ही लू से बचाव हेतु पर्यटकों के लिए एडभाईजरी निर्गत किया जाय।

14. अग्निशमनः- डीएम डॉ. सिंह ने जिला अग्निशमन पदाधिकारी को निदेश दिया है किः

* भीषण गर्मी के कारण अगलगी की घटनाओं में भी वृद्धि होने की संभावना रहती है। अगलगी की घटनाओं से निबटने एवं उनके रोकथाम के लिए विभागीय मानक संचालन प्रक्रियानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

15. जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी/आईटी मैनेजरः- गर्म हवाएँ एवं लू से बचाव हेतु जिला-स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए डैशबोर्ड/इन्टरफेस बनाया जाएगा। इसके माध्यम से बल्क एसएमएस भेजने की व्यवस्था की जाएगी।

डीएम डॉ. सिंह ने सभी अंचलाधिकारियों को भी भीषण गर्मी एवं लू से आम जनता के सुरक्षा के लिए सतर्क रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग के पदाधिकारी लू की पूर्व चेतावनी तथा इसकी सूचना प्राप्त कर सभी भागीदारों (स्टेकहोल्डर) तक ससमय पहुँचाने की व्यवस्था करेंगे ताकि इसकी विभीषिका से बचा जा सके।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जनसामान्य को हरेक सहायता पहुँचाने के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है।

इस बैठक में उप विकास आयुक्त, पटना श्री तनय सुल्तानिया, अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन श्री संतोष कुमार झा, सिविल सर्जन श्री श्रवण कुमार, अपर नगर आयुक्त श्रीमती शीला ईरानी एवं अन्य भी उपस्थित थे।

 

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