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किशनगंज : बारिश के मौसम में टायफाइड को लेकर रहें सतर्क, अधिक दिनों तक लगातार बुखार रहने पर खून की करा लें जांच:-सिविल सर्जन

दूषित पानी पीने और संक्रमित भोजन करने से होता है टायफाइड।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में अभी बारिश का मौसम चल रहा है। इस तरह के मौसम में कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा रहता है। डायरिया, डेंगू, चिकनगुनिया से लेकर अभी कोरोना तक का खतरा लोगों पर बना हुआ है, लेकिन टायफाइड को लेकर ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। इसलिए सेहत पर विशेष ध्यान दें। स्वच्छ पानी और भोजन का सेवन करें। गंदा पानी व भोजन के सेवन से कई प्रकार की पेट संबंधी बीमारियां होती हैं। इनमें एक बीमारी टायफाइड भी है जो दूषित पानी व संक्रमित भोजन के सेवन से होता है। गर्मी और बरसात के मौसम में पानी व भोजन का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। ऐसे मौसम में टायफाइड यानी मियादी बुखार के मरीज अधिक मिलते हैं। टायफाइड सालमोनेला टाइपी नामक बैक्टीरिया से फैलने वाला एक गंभीर रोग है। यह बैक्टीरिया दूषित पानी एवं संक्रमित भोजन में पनपते हैं। गंदे परिवेश वाली जगहों पर टायफाइड फैलने की संभावना अधिक होती है। एसीएमओ डॉ. सुरेश प्रशाद ने बताया दूषित पानी व संक्रमित भोजन के सेवन से व्यक्ति मियादी बुखार से ग्रसित हो जाता है। टायफाइड के कारण लिवर में सूजन हो जाती है। ऐसे में साफ पानी और भोजन का ध्यान रखना जरूरी है। सब्जियों का सही से नहीं धोना, शौचालय का इस्तेमाल नहीं होना और खुले में मलमूत्र त्याग करना, खाने से पहले हाथों को नहीं धोना, आदि कई कारणों से टायफाइड हो सकता है। तेज बुखार के साथ दस्त व उल्टी होना, बदन दर्द रहना, कमजोरी और भूख नहीं लगना टाइफाइड के प्रमुख लक्षण हैं। इसके साथ ही पेट, सिर और मांसपेशियों में भी दर्द रहता है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि टायफाइड पाचन तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करता है। खून की जांच कर इसका पता लगाया जाता है। बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं में बुखार के लंबे समय तक रहने पर तुरंत चिकित्सीय परामर्श प्राप्त करना चाहिए। टायफाइड होने पर मरीज को पूरी तरह आराम करना चाहिए। उन्हें ऐसे भोजन दिये जाने चाहिए जो आसानी से पचाया जा सके। पीने के लिए उबाले हुए पानी को ठंडा कर दें। रोगी को मांस-मछली का सेवन नहीं करने दें। अधिक से अधिक तरल पदार्थ लेना बेहतर है। भोजन में हरी सब्जी, दूध और पाचन तंत्र को बेहतर बनाये रखने वाले भोजन लें। ताजे मौसमी फल का सेवन करें। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि चाय कॉफी तथा अन्य कैफिन युक्त पदार्थ, रिफाइंड और प्रोसेस्ड फूड और अधिक तेल मसाले वाले भोजन से दूरी बनायें। इसके अलावा घी, तेल, गरम मसाला व अचार तथा गर्म तासीर वाले भोजन से परहेज करें। सही तरीके से इलाज नहीं होने और अधिक समय तक टायफाइड रहने से व्यक्ति काफी कमजोर हो जाता है। बार-बार टायफाइड का होना गंभीर है। इसलिए जिसे पहले कभी टायफाइड हुआ है, वह खास तौर पर सतर्क रहें।

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