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ठाकुरगंज पीएचसी में नियमों की उड़ रही धज्जियां, MBBS डॉक्टर की जगह आयुष डॉक्टर कर रहे इलाज!

किशनगंज/ठाकुरगंज,22जुलाई(के.स.)। सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लापरवाही और अनियमितता कोई नई बात नहीं रह गई है, लेकिन अब यह सवालों के घेरे में आ गया है कि आखिर ज़िम्मेदार अफसर ही नियमों को क्यों ताक पर रख रहे हैं? 22 जुलाई को ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) में ओपीडी के दौरान MBBS डॉक्टर की जगह आयुष डॉक्टर सुमन कुमार मरीजों का इलाज करते हुए देखे गए। जबकि अस्पताल के सिस्टम में बतौर प्रभारी चिकित्सक डॉ. अखलाकुर रहमान का नाम दर्ज है।

सूत्रों की मानें तो यह कोई पहली घटना नहीं है। अस्पताल कर्मियों के अनुसार, डॉ. अखलाकुर रहमान अक्सर अस्पताल में ऐसे ही करते रहते हैं और आयुष डॉक्टरों को ही इलाज करने की जिम्मेदारी दे देते हैं। यह न सिर्फ मेडिकल प्रोटोकॉल का उल्लंघन है, बल्कि मरीजों की जान से खिलवाड़ भी है।

इतना ही नहीं, अस्पताल परिसर में डॉक्टर बिना यूनिफॉर्म के घूमते देखे गए हैं। इससे मरीजों और परिजनों के लिए यह समझ पाना भी मुश्किल हो जाता है कि असली डॉक्टर कौन है।कुछ ही दिन पूर्व ऐसी ही एक तस्वीर पौआखाली स्थित UPHC (शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) में सामने आई, जहां डॉ. अनिल कुमार बिना यूनिफॉर्म के ओपीडी में मरीजों को देख रहे थे। यह सब प्रखंड चिकित्सा प्रभारी की मौजूदगी में हुआ, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।

जब इस पूरे मामले को लेकर प्रखंड चिकित्सा प्रभारी डॉ. अखलाकुर रहमान से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो अस्पताल कर्मियों ने कहा कि “वो मीटिंग में गए हैं।” उनका पक्ष मिलने पर शामिल किया जाएगा।

अपडेट:

CHC ठाकुरगंज में डॉक्टर की कमी : प्रभारी अखलाकुर रहमान

किशनगंज,24जुलाई(के.स.)। जिले के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) ठाकुरगंज में डॉक्टरों की भारी कमी सामने आ रही है। इस विषय को लेकर हाल ही में “केवल सच” द्वारा एक खबर प्रकाशित की गई थी, जिसमें यह बताया गया था कि MBBS डॉक्टर की जगह आयुष डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए CHC प्रभारी डॉक्टर अखलाकुर रहमान ने डॉक्टरों की कमी की बात को स्वीकार किया है। उन्होंने जानकारी दी कि घटना के समय बैठक में शामिल थे और उसी दौरान MBBS डॉक्टरों के अभाव में आयुष डॉक्टर मरीजों की जांच कर रहे थे।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह स्थिति मजबूरीवश उत्पन्न हुई है, क्योंकि स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त MBBS डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं है।

अब सवाल यह उठ रहा है कि जब लंबे समय से CHC ठाकुरगंज में डॉक्टरों की कमी बनी हुई है, तो स्वास्थ्य विभाग इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए जरूरी कदम क्यों नहीं उठा रहा है?

रिपोर्टर/धर्मेंद्र सिंह

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