किशनगंज : कैंसर से बचाव के लिये जागरूकता, उचित खान-पान व संयमित जीवन शैली जरूरी।

छत्तरगाछ रेफरल अस्पताल में कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम आयोजित, समय पर रोग की पहचान व उपचार से कैंसर का समुचित इलाज संभव।
ओरल कैंसर के लक्षण-
- मुँह में छाले व सफेद दाग का होना।
- मुँह का खुलना कम हो रहा हो।
- तीखा खाने से मुँह में जलन का होना।
स्तन कैंसर के लक्षण-
- स्तन के अंदर या काँख में गांठ होना।
- स्तनाग्र (निपल) से स्राव आना।
- स्तन की बाहरी त्वचा का रंग या पोत में बदलाव (गड्ढा आना, सिकुड़ना/छिलना) स्तनाग्र की दिशा में बदलाव-अंदर की ओर खिंचना।
गर्भाशय मुख (सर्वाइकल) कैंसर के लक्षण:
- मासिक अवधि के बीच के दिनों में रक्तस्राव।
- संभोग के बाद रक्तस्राव होना।
- रजोनिवृत्ति (मासिक रुकना) के बाद रक्तस्राव।
- अनियमित भारी मासिक धर्म।
- योनि से असाधारण रक्त के धब्बों के साथ स्राव निकलना।
- बिना कारण कमजोरी, थकान, वजन कम होना।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, कैंसर एक ऐसी जटिल एवं गंभीर बीमारी है जिसकी जद में आकर पूरे विश्व में हर वर्ष लाखों लोग काल के गर्भ में समा जाते हैं। ज्यादातर मरीजों में जांच के दौरान पाया जाता है कि उनका कैंसर अब आखरी चरण में पहुँच चुका और वैसी स्थिति में उपचार संभव नहीं होता है।
चिकित्सक एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि कैंसर का उपचार शुरुआती लक्षणों को पहचानने के उपरांत ही संभव है। लक्षण नजर आते ही कैंसर की जांच करवाना कई जिंदगी बचा सकता है। कैंसर दुनिया में मौत के दूसरे सबसे बड़े कारणों में से कैंसर एक है। इसी के अंतर्गत जिले के छत्तरगाछ रेफरल स्वास्थ्य केन्द्र में मंगलवार को जागरूकता संबंधी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस दौरान कैंसर से बचाव संबंधी कई तरह की जानकारी दी गई। विशेष कैंसर स्क्रीनिंग सह परामर्श शिविर में डॉ सद्दाम अंसारी, सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे। जागरूकता शिविर में 20 महिला एवं 30 पुरुष की स्क्रीनिंग कर उन्हें जरूरी चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराया गया।
डॉ सद्दाम अंसारी ने बताया कि कैंसर रोग, इससे जुड़े लक्षण व स्क्रीनिंग में होने वाली देरी देश में कैंसर से होने वाली मौत का सबसे बड़ा कारण है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में हर साल 1.40 लाख कैंसर के मामले सामने आते हैं। इसमें दो तिहाई से अधिक मामले एडवांस स्टेज में पहुंच चुके होते हैं। हाल के दिनों में मुंह, ब्रेस्ट व सरवाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसलिये लोगों को कैंसर के खतरों के प्रति जागरूक होने की जरूरत है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि व्यक्ति में कैंसर आनुवांशिक, ख़राब एवं अनियंत्रित दिनचर्या, शराब एवं तंबाकू का सेवन, शरीर पर रेडिएशन का प्रभाव, अंग प्रत्यारोपण आदि से हो सकता है। व्यसनों से दूरी, नियंत्रित दिनचर्या एवं सजगता कैंसर से बचने का सबसे सरल एवं सुगम तरीका है।
सिविल सर्जन ने बताया कि समय पर रोग की पहचान व उपचार से कैंसर से होने वाली मौत को काफी हद तक कम किया जा सकता है। हाल के दिनों में ओरल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके अलावा गॉल ब्लाडर, महिलाओं में ब्रेस्ट व सरवाइकल कैंसर आम है। उन्होंने कहा कि जागरूकता की कमी, बड़ी संख्या में लोगों द्वारा तंबाकू उत्पाद का सेवन कैंसर के बढ़ते मामलों की वजह है। इसे नियंत्रित करने के उद्देश्य से हाल के दिनों में जागरूकता के साथ-साथ स्क्रीनिंग संबंधी सेवाओं की मजबूती का प्रयास हुआ है। जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि जागरूकता कैंसर से बचाव का महत्वपूर्ण माध्यम है। तंबाकू का सेवन, भूजल में आर्सेनिक की अधिकता, बड़े पैमाने पर कीटनाशकों के प्रयोग के कारण हाल के दिनों में कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर विभाग द्वारा एनसीडी सेवाओं की बेहतरी का निरंतर प्रयास किया जा रहा है।