किशनगंज : विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर किशनगंज में चला जागरूकता अभियान, तंबाकू मुक्त समाज का लिया संकल्प

किशनगंज,31 मई(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, हर साल 31 मई को मनाया जाने वाला विश्व तंबाकू निषेध दिवस इस बार जिले में खास पहल और जनभागीदारी के साथ मनाया गया। तंबाकू के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों, अधिकारियों, छात्रों और आम नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने की। कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र कुमार (जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी), डॉ. उर्मिला कुमारी (गैर संचारी रोग पदाधिकारी), IDSPO, SMO, ANM स्कूल की प्राचार्या, शिक्षकगण व छात्राएं मौजूद रहीं। इस अवसर पर सभी ने तंबाकू से दूर रहने और दूसरों को भी प्रेरित करने की शपथ ली।
रैली और पोस्टर प्रदर्शनी से फैला जागरूकता का संदेश
ANM कॉलेज की छात्राओं द्वारा निकाली गई जागरूकता रैली में स्लोगन और पोस्टरों के माध्यम से तंबाकू के हानिकारक प्रभावों को जनमानस के सामने रखा गया। जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व उपकेंद्रों पर भी शपथ ग्रहण व जनजागरूकता शिविर आयोजित किए गए।
तंबाकू – जन स्वास्थ्य की गंभीर चुनौती
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि बिहार में करीब 25% लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। इसमें 23.4% खैनी, जर्दा, पान मसाला जैसे उत्पादों का और 4.2% बीड़ी तथा 0.9% सिगरेट का सेवन करते हैं। युवाओं में इसकी बढ़ती लत चिंता का विषय है।
कैंसर का प्रमुख कारण
गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा कि तंबाकू सेवन खासकर मुंह के कैंसर का प्रमुख कारण है और किशनगंज में इससे पीड़ित रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
तंबाकू से पीढ़ियों का भविष्य खतरे में
सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने कहा कि तंबाकू का सेवन न सिर्फ व्यक्ति को, बल्कि पूरे समाज की भावी पीढ़ी को बर्बादी की ओर ले जा रहा है। उन्होंने एकजुट होकर तंबाकू के खिलाफ मुहिम चलाने का आह्वान किया।
डॉ. देवेंद्र कुमार ने कहा कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों ने यह संदेश दिया कि तंबाकू से मुक्ति केवल व्यक्तिगत निर्णय नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन है। जब समाज के सभी वर्ग एकजुट होकर प्रयास करेंगे, तभी तंबाकू मुक्त और स्वस्थ भविष्य की कल्पना साकार हो सकती है।