औरंगाबाद : कृषी अनुदान में ब्यापक पैमाने पर लूट, रिश्वत की बदौलत गैर रैयत उठा रहे हैं लाभ, जिसकी सुनवाई भी नहीं, किसान भी रिश्वत देने के लिए हैं विवश..

औरंगाबाद/अनिल कुमार मिश्र, जिले के कुटुम्बा प्रखंड़ में किसानों की हलात एवं वर्तमान ब्यवस्था से स्पष्ट हैं कि कृषी अनुदान हेतू आवेदन के साथ रिश्वत देना किसानों की मजबूरी है और बिना रिश्वत का आवेदन भी कर्मावसंतपुर एवं तेलहारा पंचायत के कृषी समन्वयक आषुतोष कुमार द्वारा नहीं लिया जाता है।किसानो की बात मान ली जाये तो किसान समन्वयक द्वारा कृषी अनुदान की राशि किसानो के जगह अधिकांश गैर रैयत को 50-50 फिफ्टी- फिफ्टी के बटवारे पर दिया जाता है और जो किसान प्रति आवेदन 02 हजार रूपये अग्रीम राशि किसान समन्वयक को नहीं देते है उनका आवेदन नहीं लिया जाता है, अगर अलाधिकारियों के हस्ताक्षेपर आवेदन ले भी लिया गया तो अस्वीकृत कर दिया जाता है।जिसमें आवेदन अस्वीकृत करने का स्पष्ट कारण भी नहीं होता है और आवेदन का अस्वीकृति का कारण तकनीकि खामिया केवल बताया जाता है।ज्ञातब्य हों कि कुटुम्बा प्रखंड़ के ग्राम पंचायत कर्मावसंतपुर पंचायत का किसान समन्वयक आषुतोष सिंह के विरूद्ध पंचायत के किसानो नें राज्यस्तरीय अलाधिकारियो से शिकायत किया था जाँचोपरान्त जिला कृषी पदाधिकारी ने कर्मावसंतपुर पंचायत के किसान समन्वयक को पंचायत से हटा दिया गया और विभागीय कार्रवाई का अश्वासन किसानो को मिलता रहा, कार्रवाई तो नहीं हुआ किन्तू पदाधिकारी द्वारा आरोपित किसान समन्वयक को पुनः कर्मावसंतपुर पंचायत को दे दिया गया और लूट की छुट के साथ किसान समन्वयक की मनमानी सभी माप दंड़ो को पार कर चूका है।