अच्छे नागरिक बनने के लिए बापू की जीवनी जनना है जरूरी:राजकुमार

औरंगाबाद/मयंक कुमार, अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग पटना के आदेशानुसार जिले के सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में गांधी जयंती समारोह एवं गांधी कथा वाचन नए तरीके से किया गया।महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह पूर्वक आयोजित करने का निर्देश शिक्षा विभाग पटना द्वारा जारी किया गया था।जिसके आलोक में जिले के सभी विद्यालयों में गांधी कथा वाचन एक था मोहन तथा बापू की पाती पुस्तक से नए कलेवर में प्रस्तुत किया गया। गांधी कथा वाचन के लिए जिला तथा प्रखंड स्तर पर पिछले 16 सितंबर से प्रत्येक विद्यालय के 22 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया था।शिक्षकों ने कथा वाचन के दौरान बच्चों को उस पाठ के मूल भाव को बच्चों के बीच प्रस्तुत किया।इसी कड़ी में उर्दू मध्य विद्यालय बहुआरा में गांधी जयंती तथा शास्त्री जयंती समारोह पूर्वक मनाया गया। सर्वप्रथम उपस्थित शिक्षकों एवं गणमान्य व्यक्तियों द्वारा गांधी जी तथा शास्त्री जी के तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।इस अवसर पर राज्य स्तरीय प्रशिक्षक राजकुमार प्रसाद गुप्ता ने बतलाया कि गांधी कथा वाचन कराने का मुख्य उद्देश्य है बापू की जीवनी को बच्चों तक पहुंचाना, ताकि वे अच्छे नागरिक बन सकें।गांधी जी के विचारों को स्वयं तथा बच्चों के जीवन से जोड़ना, बच्चों को सद्गुणों के महत्व से अवगत कराना, जैसे नैतिक बल, अभय और आत्मबल ताकि वे सहयोग की भावना विकसित कर सकें।गांधी जी की जीवन शैली को अपनाएं, उसे समझें तथा अपने जीवन में उतारे ताकि मानसिक स्तर विकसित हो सके।गांधीजी की चारित्रिक दृढ़ता को समझना एवं दूसरों को समझाना इस वाचन का मुख्य उद्देश्य है।इसके माध्यम से बच्चों में नैतिकता, निर्भयता और सत्य आधारित दूसरे मूल्यों का सामाजिक और व्यक्तिगत विकास करना, कार्यों के द्वारा शरीर श्रम के महत्व को समझाना, स्वाध्याय की शिक्षा, शिक्षकों और बच्चों के जीवन में गांधीजी के विचार और आदर्श का बीजारोपण करना, व्यवहारिकता से जीवन यापन करना, बच्चों में गांधीजी के प्रति समझ विकसित करना वाचन का मुख्य ध्येय है।विद्यालय में अब प्रतिदिन चेतना सत्र के दौरान इसी नए तरीक़े से गांधी वाचन कराया जाएगा।इस अवसर पर जिला समग्र शिक्षा अभियान मीडिया प्रभारी राजेश मोहन, विद्यालय के प्रधानाध्यापक धर्मेंद्र कुमार सिंह, शिक्षक मोहम्मद कलामुद्दीन, तरन्नुम परवीन, विजय पासवान, मो. कुनैन, सरफराज आलम, शाहजहां सहित अन्य ग्रामीण तथा अभिभावक मौजूद थे।कार्यक्रम की समाप्ति रघुपति राघव राजा राम भजन के साथ किया गया।