*बिहार के लिए राजनीतिक विकल्प बन रहा है आसा पार्टी*

जितेन्द्र कुमार सिन्हा ::बिहार में कई राजनीतिक पार्टियां अपनी जमीन तलाशने में लगी हैं वहीं “आप सबकी आवाज (आसा)” पार्टी अपनी संगठन को मजबूत करने में लगी है। यह कहना उचित प्रतीत होता है कि जिस प्रकार से जमीनी स्तर पर अपनी मजबूत पकड़ बनाया है और बना रहा है उससे यह कहना न्याय संगत कहलाएगा कि बिहार की राजनीति में नया विकल्प बन रही है।
बिहार में इसी वर्ष होने वाली विधानसभा चुनाव में और जनता नई विकल्प खोज रही है और आसा पार्टी गांव- गांव तक पहुंच कर अपनी पार्टी के प्रतिनिधि तैयार कर रही ऐसी स्थिति में यह निश्चित है कि बिहार की राजनीति में आसा पार्टी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।
आसा पार्टी ने अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के माध्यम से पटना, मधुबनी, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, सिवान, सुपौल, नालंदा, पूर्णिया, आरा, मधेपुरा, दरभंगा, भागलपुर, जहानाबाद, सहरसा, अररिया, गोपालगंज, छपरा, मुंगेर, बेगूसराय एवं पूर्णिया में पार्टी गठित कर दिया है। वहीं समस्तीपुर जिला अध्यक्ष संतोष राय उर्फ यशवंत राय ने समस्तीपुर जिला उपाध्यक्ष सह प्रभारी खानपुर और शिवाजीनगर के पद पर पवन कुमार शर्मा को, समस्तीपुर जिला महासचिव के पद पर हेम नारायण महतो, मुकेश कुमार ठाकुर, राम नारायण महतो, संतोष कुमार ठाकुर, विनय कुमार राय को. सिंधिया प्रखंड अध्यक्ष के पद पर बोलबम दास को, शिवाजीनगर प्रखंड अध्यक्ष के पद पर विनीत कुमार शर्मा को, रोसरा प्रखंड अध्यक्ष के पद पर राजेश चंद्र गारा को, समस्तीपुर जिला उपाध्यक्ष के पद पर सुरेश प्रसाद को, समस्तीपुर नगर अध्यक्ष के पद पर श्रीमति अनामिका राय को, पुसा प्रखंड अध्यक्ष के पद पर कुंदन कुमार को, ताजपुर प्रखंड अध्यक्ष के पद पर देवकी नंदन गौतम को, मोहनपुर प्रखंड अध्यक्ष के पद पर सुधाकर प्रसाद राय को, कल्याणपुर प्रखंड अध्यक्ष के पद पर नीरज कुमार को और वारिसनगर प्रखंड अध्यक्ष के पद पर कुंदन कुमार को नियुक्त किया है।
आसा पार्टी के मुखिया राम चन्द्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) के दिशा-निर्देश पर पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारी जमीनी और बूथ स्तर पर पार्टी को अधिक मजबूत करने के लिए अभियान चलाकर कार्य शुरू कर दिया है और इसका अच्छा परिणाम दिख रहा है। आसा पार्टी हर वक्त चुनाव को ध्यान में रख कर अपनी पार्टी को तैयार करने में लगा हुआ है।
सूत्रों की माने तो आसा पार्टी देश के कई राज्यों में, पार्टी की मजबूती के लिए, सिक्किम, हरियाणा, पश्चिम बंगाल के अध्यक्षों द्वारा काम किया जा रहा है। पिछड़ा प्रकोष्ठ सहित 26 प्रकोष्ठ कार्य कर रहा है।
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