किशनगंज : रैक प्वाइंट पर रैक लगते ही ओवरलोड ट्रैक्टर धड़ल्ले से शहर के बीचोंबीच से दिनभर गुजरने का चालू रहता है सिलसिला, खासकर अनाज और खाद लदे ओवरलोड ट्रैक्टर का..
सोमवार को भी सुबह से ही रैक प्वाइंट से अनाज लदे सैकड़ों ओवरलोड ट्रैक्टर संचालन जारी रहा। पूरे दिन ओवरलोड गाड़ी का संचालन होते रहा लेकिन इस ओर देखने की किसी अधिकारी के फुर्सत तक नहीं हुई।
- ओवरलोड ट्रैक्टर बिना किसी रोक-टोक के शहर में संचालित होते रहता है। इस ओर संबंधित कोई पदाधिकारी झांकने तक का प्रयास नहीं करते कि आखिर शहर में क्या हो रहा है।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिला में परिवहन विभाग के नियम कानून को पालन कराने में विभागीय उदासीनता का आलम है कि यहां नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिला के आला प्रशासनिक अधिकारियों का मुख्यालय समाहरणालय और परिवहन विभाग के सामने से प्रतिदिन रैक प्वाइंट से निकलने वाले सैकड़ों ओवरलोड वाहनों का संचालन होता है लेकिन इस पर रोक लगाने वाला कोई नहीं है। स्थिति ऐसी दिखती है कि मानो रैक प्वाइंट से निकलने वाले ऐसे ओवरलोड वाहन पर संबंधित अधिकारी मेहरबान बने हुए हैं। रैक प्वाइंट पर रैक लगते ही शहर में ओवरलोड वाहन के संचालन का सिलसिला चालू हो जाता है। खासकर अनाज और खाद लदे ओवरलोड ट्रैक्टर धड़ल्ले से शहर के बीचोंबीच से दिनभर गुजरते रहती है। सोमवार को भी सुबह से ही रैक प्वाइंट से अनाज लदे सैकड़ों ओवरलोड ट्रैक्टर संचालन जारी रहा। पूरे दिन ओवरलोड गाड़ी का संचालन होते रहा लेकिन इस ओर देखने की किसी अधिकारी के फुर्सत तक नहीं हुई। रैक प्वाइंट से निकलने वाले एक ओवरलोड ट्रैक्टर पर तीन-चार ट्रैक्टर के भार क्षमता का अनाज लदा हुआ रहता है। यह ओवरलोड ट्रैक्टर बिना किसी रोक-टोक के शहर में संचालित होते रहता है। इस ओर संबंधित कोई पदाधिकारी झांकने तक का प्रयास नहीं करते कि आखिर शहर में क्या हो रहा है। कहा जाए तो जिला में भगवान भरोसे ही परिवहन विभाग संचालन हो रहा है। जिम्मेदार पदाधिकारी अपने काम के प्रति रूचि नहीं दिखाते हैं जिसका फायदा उठाकर ऐसे ठेकेदार ओवरलोड वाहन का संचालन कर अधिकारियों के साख पर बट्टा लगा रहे हैं। आपको बताते चलें कि जिला के अति महत्वपूर्ण विभाग में शामिल परिवहन विभाग प्रभार में चल रहा है। इसका फायदा जमकर यहां के ओवरलोड वाहन संचालक उठाते हैं। बताते चलें कि परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त रखने की महती जिम्मेदारी जिन पदाधिकारी पर होती है उसमें जिला परिवहन पदाधिकारी और एमवीआई का पद होता है। जिला में दोनों पद प्रभार में चल रहा है। पूर्णिया के परिवहन पदाधिकारी किशनगंज परिवहन पदाधिकारी के प्रभार में हैं वहीं कटिहार के एमवीआई किशनगंज के प्रभार में है। दोनों महत्वपूर्ण पद का प्रभार में होने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला में परिवहन व्यवस्था का क्या हाल होगा। एक अधिकारी सप्ताह में दो-तीन दिन अपने पदस्थापना वाले जिला में तो दो-तीन दिन प्रभार वाले जिला में आकर कार्यभार संभाल रहे हैं। बड़ी बात यह है कि ऐसे पदाधिकारियों को जिला में परिवहन विभाग के कानून का किस तरह धज्जियां उड़ाई जा रही है इसकी जानकारी होने के बाद भी कार्रवाई के लिए कदम नहीं उठाते हैं। ऐसे पदाधिकारियों के कारण ही जिला के लोग भी प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाते रहते हैं।