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किशनगंज : बाढ़ की मार झेल रहे नेबुगुड़ी में राहत बना स्वास्थ्य शिविर

ठाकुरगंज प्रखंड के भटगांव पंचायत में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संभाली जिम्मेदारी, मरीजों की जांच कर वितरित की गई दवाएं

किशनगंज,05अक्टूबर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, लगातार बारिश के बाद जब किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत नेबुगुड़ी गांव का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया, तब लोगों के सामने सबसे बड़ी चिंता बीमारियों और स्वास्थ्य सुरक्षा की थी। ऐसे समय में स्वास्थ्य विभाग की तत्परता और प्रशासन की सूझबूझ ग्रामीणों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आई।

वार्ड संख्या 12 में लगा विशेष स्वास्थ्य शिविर

भटगांव पंचायत के वार्ड-12 में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित विशेष शिविर में सैकड़ों बाढ़ पीड़ितों की चिकित्सा जांच, दवा वितरण और जनजागरूकता का कार्य किया गया। सुबह से ही शिविर स्थल पर ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिनमें बच्चे, महिलाएं, वृद्ध और गर्भवती महिलाएं शामिल थीं।

बाढ़ के बाद संक्रमण का खतरा, सतर्कता बनी प्राथमिकता

पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश से इलाके में जलभराव और गंदगी ने डायरिया, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और त्वचा संबंधी रोगों के खतरे को बढ़ा दिया है। इसे देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मोबाइल चिकित्सा टीमों को सक्रिय किया।

टीम ने की व्यापक जांच, दी गई दवाएं और परामर्श

शिविर में मौजूद चिकित्सा अधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों की टीम ने ब्लड प्रेशर, शुगर, बुखार, पेट दर्द, त्वचा संक्रमण, सर्दी-खांसी जैसे सामान्य रोगों की जांच की।

  • गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से आयरन व कैल्शियम की गोलियां दी गईं।
  • बच्चों को विटामिन ए, ओआरएस और जिंक टैबलेट वितरित किए गए।
  • सामान्य बुखार और दस्त के लिए आवश्यक दवाएं मुफ्त दी गईं।

टीम में चिकित्सा अधिकारी, सीएचओ, एएनएम, आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य सहायक शामिल रहे। ये सभी घर-घर जाकर लोगों को शिविर की जानकारी दे रहे थे और उन्हें जांच के लिए प्रेरित कर रहे थे।

“प्राथमिकता है कि कोई भी चिकित्सा सुविधा से वंचित न रहे”

सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा, “बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हमारी निगरानी और चिकित्सा टीमें पूरी सक्रियता से कार्य कर रही हैं। हमारा लक्ष्य है कि कोई भी मरीज दवा या इलाज से वंचित न रह जाए।”
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे उबला हुआ पानी पिएं, मच्छरदानी का उपयोग करें और किसी भी लक्षण पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।

ग्रामीणों ने जताया आभार, शिविर बना राहत की किरण

नेबुगुड़ी के ग्रामीणों ने इस पहल को मानवता और सेवा की मिसाल बताया। उनका कहना है कि बाढ़ से बर्बाद हालात में जब प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंचती है, तो वह सिर्फ इलाज नहीं, सहारे का विश्वास लेकर आती है।

“ऐसे शिविर और बार-बार लगने चाहिए”

स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि ने शिविर को सराहते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन बाढ़ जैसी आपदाओं के बाद बीमारियों को रोकने में कारगर साबित होते हैं। उन्होंने मांग की कि इन शिविरों की नियमितता बनाए रखी जाए।

जागरूकता और स्वच्छता – रोगों से बचाव की मजबूत ढाल

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने शिविर के अंत में सभी ग्रामीणों को स्वच्छता बनाए रखने, जमे हुए पानी को हटाने, बच्चों को गंदे पानी से दूर रखने, और भोजन को ढककर रखने जैसे महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि आपदा के बाद रोग फैलने से रोकने का सबसे प्रभावी उपाय जागरूकता और साफ-सफाई है।

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