ब्रेकिंग न्यूज़

*प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए गौरैया का संरक्षण जरूरी: अरिमर्दन सिंह*

गौरैया बचाने के लिए आगे आएं युवा: मो. दिलावर*

*विश्व गौरैया दिवस मनाने की शुरुआत करने वाली टीम नेचर फॉर एवर सोसायटी के प्रमुख ने की बेबिनार में शिरकत*

*लॉरेटो कान्वेंट की छात्राओं ने ली शपथ, क्विज में लिया हिस्सा*

*विश्व गौरैया दिवस के मौके पर पत्र सूचना कार्यालय, प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो, रांची और क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो, दुमका के संयुक्त तत्वावधान में वेबिनार का आयोजन*

त्रिलोकी नाथ प्रसाद प्रकृति के संतुलन के लिए आहार चक्र बनाए रखना आवश्यक होता है। इसलिए सभी जीव-जंतुओं का संरक्षण जरूरी है। आज विश्व गौरैया दिवस के मौके पर हम सभी को यह प्रण लेना चाहिए कि हम सभी अपने घरों में उनके लिए अनुकूल वातावरण बनाएंगे और उनका संरक्षण करेंगे। उपर्युक्त बातें *विश्व गौरैया दिवस* पर आयोजित वेबिनार के दौरान पत्र सूचना कार्यालय के अपर महानिदेशक श्री अरिमर्दन सिंह ने  कही।  वेबिनार का आयोजन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पत्र सूचना कार्यालय, प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो, रांची और क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो, दुमका के संयुक्त तत्वावधान में किया गया ।

श्री सिंह ने  कहा कि हम सभी मनुष्य अपने जीवन के लिए प्रकृति पर आश्रित हैं। प्रकृति से हम हवा, भोजन और पानी के अलावा अपनी विलासिता के लिए न जाने कितनी वस्तुएं लेते हैं पर क्या हम प्रकृति को उसके बदले कुछ देते हैं? हमें इस बात पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। इसके लिए हमें हर दिन ” नेचर ऑडिट” करना चाहिए कि हमनें प्रकृति से क्या लिया और उसके बदले प्रकृति को क्या दिया ? पेड़-पौधे लगाकर, बिजली बचाकर, प्राकृतिक संसाधनों का  यथासंभव कम से कम इस्तेमाल करके भी हम प्रकृति को बहुत कुछ लौटा सकते हैं।

विश्व गौरैया दिवस मनाने की शुरुआत करने वाली टीम के प्रमुख नेचर फॉर एवर सोसायटी, के अध्यक्ष श्री मोहम्मद दिलावर ने कहा कि गिद्ध आज विलुप्ति की कगार पर हैं, पर ऐसा गौरैयों के साथ नहीं होगा। शुरुआत में जब हम लोग गौरैया बचाने की बात करते थे लोग हमें पागल समझते थे, पर लगातार प्रयास से लोगों की मानसिकता में बदलाव आया और लोग इस छोटे से पक्षी के संरक्षण के लिए आगे आ रहे हैं। नई पीढ़ी के कई बच्चों ने गौरैया नहीं देखी है, हमारे भविष्य भी ये युवा हैं इसलिए आज के युवाओं को भी इनके संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए। आज विश्व गौरैया दिवस लोगों के लिए अभियान बन चुका है। हमें खुद से इनके लिए अनुकूल आश्रय बनाने चाहिए। छतों पर मिट्टी के छोटे बर्तन में पानी, दाना, इनके रहने के लिए घोंसले या दीवारों में सुराख होने चाहिए जहां ये रह सकें। यदि गौरैया विलुप्त हो जाएंगी तो अगला नंबर हमारा भी हो सकता है, इसलिए हमें मिलकर इन्हें संरक्षित करना होगा। हमारी संस्था पक्षियों के लिए घोंसले उलब्ध कराती है। ये घोंसले वैज्ञानिक तरीके से बनाए गए हैं जो गौरैयों के लिए अनुकूल हैं। इसे www.natureforever.org पर जाकर उन्हें मंगाया जा सकता है।

वेबिनार को संबोधित करते हुए गौरेया संरक्षक, पक्षी प्रेमी और पत्र सूचना कार्यालय पटना के सहायक निदेशक  श्री संजय कुमार ने कहा कि  शहरों में बनने वाले पक्के मकानों में सुराख नहीं होने के कारण गौरैयों का आशियाना छिन गया है। खेती-बारी में कीटनाशकों के प्रयोग के कारण कीड़े नहीं मिल रहे हैं जो इन गौरैयों का प्रमुख आहार है। हमें ही अपने प्रयासों से गौरैयों को फिर से बुलाना होगा, उनके भोजन और आवास की व्यवस्था करनी होगी। चर्चा नहीं बल्कि समुचित प्रयास करने की शपथ लेनी होगी जिससे उन्हें संरक्षित किया जा सके।

*लॉरेटो कान्वेंट की छात्राओं ने ली शपथ, क्विज में की शिरकत*

विश्व गौरैया दिवस के दौरान आयोजित वेबिनार में लॉरेटो कान्वेंट स्कूल की छात्राओं को क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी श्री शाहिद रहमान ने अपने-अपने घरों की छत पर पानी रखने और पक्षियों के लिए आवास की व्यवस्था करने की शपथ  दिलाई । इस दौरान स्कूल की शिक्षिका श्रीमती कुलजीत कौर ने भी आश्वस्त किया कि वे अपने स्कूल की छात्राओं को इस बारे में जागरुक और प्रेरित करेंगी। वेबिनार के दौरान छात्राओं ने इस विषय से संबंधित क्विज में भी हिस्सा लिया।

वेबिनार का समन्वय एवं संचालन क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी श्री शाहिद रहमान ने किया। वेबिनार में विशेषज्ञों के अलावा शोधार्थी, छात्र, पीआईबी, आरओबी, एफओबी, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के अधिकारी-कर्मचारियों तथा दूसरे राज्यों के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया। गीत एवं नाटक विभाग के अंतर्गत कलाकार एवं सदस्य, आकाशवाणी के पीटीसी, दूरदर्शन के स्ट्रिंगर तथा संपादक और पत्रकार भी शामिल हुए। वेबिनार का यु-ट्यूब पर भी लाइव प्रसारण किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button