अररिया : करीब डेढ़ सौ वर्ष पुराना है पलासी का दुर्गा मंदिर का इतिहास, बैष्णवी पद्धति से होती हैं यहां पूजा अर्चना
आस्था का प्रतीक हैं प्रखंड मुख्यालय स्थित दुर्गा मंदिर

अररिया, 23 अक्टूबर (के.स.)। अब्दुल कैय्यूम, जिला के पलासी प्रखंड मुख्यालय स्थित दुर्गा मंदिर में पिछले करीब डेढ़ सौ वर्षों से बैष्णवी पद्धति से पूजा अर्चना होती आ रही हैं। यहां वर्षों से दुर्गा माता के सभी रूपो की पूजा होती हैं। श्रद्धालु के अनुसार इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती हैं। यह मंदिर इनदिनों आस्था का प्रतीक बनता जा रहा हैं। दुर्गा पूजा के लेकर मंदिर व पूजा पंडालों को भव्य व आकर्षक ढंग से सजाया गया हैं। दुर्गा माता के दर्शन के लिये दूर दराज से भक्तों की भीड़ उमड़ रही हैं। प्रखंड मुख्यालय स्थित दुर्गा मंदिर का इतिहास काफी पुराना हैं। बताया जा रहा हैं दुर्गा मंदिर की स्थापना करीब डेढ़ सौ वर्ष पुराना हैं। इस मंदिर की स्थापना करीब डेढ़ सौ वर्ष पुराना हैं। प्रारंभ काल से ही दुर्गा मंदिर में दुर्गा माता की प्रतिमा स्थापित कर धूमधाम से पूजा अर्चना की जाती हैं।मंदिर कमेटी के अध्यक्ष सदानंद यादव व मंदिर के पुजारी पंडित राम कुमार झा ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना करीब 150 वर्ष पहले हुई थी। इसका संस्थापक स्व.उचित लाल भगत बताया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि यह मंदिर पहले टीन की झोपड़ी में थी। मंदिर का निर्माण उचित लाल भगत व स्थानीय ग्रामीणों की देखरेख में निर्माण कराया गया। पहले इस मंदिर में फुस के घर में पूजा अर्चना होती थी। बाद में इस का पक्कीकरण निर्माण हुआ। इस मंदिर के पुजारी ने पंडित राम कुमार झा ने बताया कि यह प्रखंड के यह दुर्गा मंदिर आपसी सौहाद्र का प्रतीक हैं। इस मंदिर में श्रद्धा से मांगी गई मुराद यहां पूरी होती हैं। इस मंदिर के दर्शन के लिये लोग दूर दराज से आते है और सच्चे मन मांगी मुराद पूरी होती है हैं। पंडित राम नारायण झा ने बताया सातवी पूजा के दिन रात्रि निशा पूजा अर्चना की जाती हैं। बताया कि दुर्गा पूजा के अवसर पर आठवी व नवमी पूजा को जागरण का भी आयोजन किया जाता हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर में प्रतिदिन आरती, पुष्पांजलि व महाभोग का आयोजन किया जाता हैं। दुर्गा पूजा मंदिर कमेटी के अध्यक्ष सदानंद यादव ने बताया कि आठवी व दशमी को मंदिर परिसर में भव्य मेले का आयोजन किया जाता हैं। आठवी व दशमी को श्रद्धालुओ की काफी भीड़ लगती हैं। दुर्गा पूजा को सफल बनाने में मंदिर कमेटी के सदानंद यादव,महेंदर भगत, श्याम रजक, किशोर साह, कृष्ण मुरारी भगत, शंकर भगत, संजय मांझी, शंकर मांझी, मिथुन भगत, गणेश भगत, गौतम सिद्धार्थ, अनिल साह, नयन, राजू भगत, महेंदर भगत, मनोज गुप्ता, परमोद साह, कशिश, मनीष भगत, अजय सहनी, राजा राय की सराहनीय भूमिका रहती है।