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अररिया : फरोग-ए-उर्दू सेमिनार, मुशायरा एवं कार्यशाला का हुआ आयोजन

उर्दू के विकास के लिए इसे सीखने, लिखने और बोलने की जरूरत है तभी उर्दू का विकास संभव हो सकेगा

अररिया, 23 दिसंबर (के.स.)। अब्दुल कैय्यूम, जिला उर्दू भाषा कोषांग, अररिया के तत्वाधान में शनिवार को फरोग-ए-उर्दू सेमिनार, मुशायरा एवं कार्यशाला का आयोजन टाउन हॉल अररिया में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला भू-अर्जन पदाधिकारी वसीम अहमद, सहायक निर्देशक अल्पसंख्यक कल्याण सह जिला उर्दू कोषांग प्रभारी पदाधिकारी, सुबोध कुमार, अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सह जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी, सोनी कुमारी, जिला नियोजन पदाधिकारी, आकिफ वक्कास, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (शिक्षा विभाग) अररिया राशिद नवाज एवं सेवानिवृत प्रधानाध्यपक अल्हाज मो० मोहसिन सहित उपस्थित सभी अतिथिगण द्वारा संयुक्त रूप दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इससे पूर्व उपस्थित अतिथियों का स्वागत बुके से किया गया। साथ ही कार्यक्रम में अतिथियों को मोमेंटो देकर सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर उर्दू में लिखी गई पुस्तक का विमोचन भी मंच पर मौजूद अतिथियों के हाथों किया गया। जिला उर्दू कोषांग प्रभारी पदाधिकारी सुबोध कुमार द्वारा स्वागत भाषण से अतिथियों का स्वागत किया गया। इस पूरे कार्यक्रम को चार सत्रों में आयोजित किया गया, जिसमें प्रथम सत्र में स्वागत कार्यक्रम, द्वितीय सत्र में सेमिनार, तृतीय सत्र में मुशायरा और चतुर्थ सत्र में कार्यशाला शामिल हैं। कार्यक्रम में जिले भर से आये हुए विभिन्न काॅलेजों के छात्र-छात्राएं, उर्दू शिक्षक, उर्दू अनुवादक, उर्दू के शायर एवं पत्रकार गण द्वारा भाग लिया गया। क्रार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि उर्दू के विकास के लिए इसे सीखने, लिखने और बोलने की जरूरत, तभी उर्दू का विकास संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि उर्दू सद्भावना की जुबान है। उन्होंने कहा कि उर्दू किसी जाति, समुदाय या धर्म की भाषा नहीं है, बल्कि यह हिन्दुस्तान की भाषा है। भाषाएं लोगों को जोड़ने का काम करती हैं। ऐसे में हम सब लोगों की ये जिम्मेदारी है की हम उर्दू की तरक्की के लिए प्रयास करें। वहीं कार्यक्रम को अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। अतिथियों ने अपने संबोधन में उर्दू भाषा के विकास पर बल दिया। इस मौके पर सम्मानित कविगण, उूर्द शिक्षक, प्रतिनिधिगण, उर्दू अनुवादक, सहित बड़ी संख्या में उर्दू भाषा प्रेमी एवं उर्दू भाषा कोषांग के सभी कर्मी उपस्थित थे।

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