भोजपुर जिलान्तर्गत अधिसूचित / गैर अधिसूचित किन्तु कार्यरत 05 ओ०पी० को थाना के रूप में उत्क्रमित करने की स्वीकृति मिली।
गुड्डू कुमार सिंह/आरा:-बिहार राज्य के विभिन्न जिलों में अधिसूचित / गैर अधिसूचित ओ०पी० कार्यरत हैं।जो नक्सल प्रभावित क्षेत्र, अपराध नियंत्रण एवं विधि-व्यवस्था के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करते हैं।
सभी ओ०पी० अपने पैतृक थाना के अन्तर्गत कार्य करते हैं।
जिसके कारण ओ०पी० स्थायी एवं स्वतंत्र रूप से कार्य करने में असमर्थ होते हैं।
ओ०पी० की प्राथमिकी उनके पैतृक थाना में दर्ज होती हैं। ओ०पी० क्षेत्र में विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने पर पैतृक थाना से दूरी होने के कारण उस क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल को पहुँचने में काफी समय लग जाता हैं, जिससे अपराधियों पर अंकुश रखने एवं अपराध नियंत्रण में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता हैं।
अपराधियों एवं अपराध पर नियंत्रण, विधि-व्यवस्था के संधारण एवं सुरक्षा के दृष्टिकोण से अधिसूचित / गैर अधिसूचित किन्तु कार्यरत ओ०पी० को स्थायी एवं स्वतंत्र रूप से कार्य करने हेतु थाना के रूप में उत्कमित किया गया है, जिसके अन्तर्गत भोजपुर जिला के निम्नांकित 05 ओ०पी० को स्वतंत्र रूप से कार्य करने हेतु थाना के रूप में उत्कमित किया गया हैं:-
1. सिन्हा ओ०पी०
2. गिधा ओ०पी०
3. कृष्णागढ़ ओ०पी०
4. धोबहाँ ओ०पी०
5. बबुरा ओ०पी०