अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच की 55 वी कवि सम्मेलन शिक्षक दिवस पर समपन्न ।।…….

13 सितम्बर को सम्मान समारोह का आयोजन
गुड्डू कुमार सिंह आरा (भोजपुर)। शिक्षक दिवस पर शिक्षकों के महत्व पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। अग्निशिखा के संग काव्य के रंग में आज के मुख्य अतिथि महेश राज छतीशगढ विशिष्ट अतिथि अभिलाष शुक्ला (सम्पादक ) इंदौर श्रीहरि वाणी (कानपुर )आशा जाकड – इंदौर समारोह अध्यक्ष प्रो डॉ शरद नारायण खरे मंचसंचालक – अलका पाण्डेय,चंदेल साहिब,डॉ प्रतिभा प्रसार ने पहले सत्र का संचालन किया दुसरे सत्र का – विजेन्द्र मेव , शोभना तिवारी , सुरेन्द्र हरड़ें, गणेश वंदना चंदेल साहब , सरस्वति वंदना – अश्मजा प्रियदर्शनी ने की कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया – अभिलाष शुक्ला ने शिक्षकों के आज की दशा व पहले की दशा का बहुत सुदंर वर्णन किया।श्री हरि वाणी ने शिक्षा पद्वति में सुधार की बात की तो डॉ शरदनारायण ने शिष्य और गुरु की महिमा का बखान किया।आभार प्रदर्शन संजय मालवी ने किया !कवि सम्मेलन में कुल १०२ कवियों ने काव्यपाठ किया।अलका पाण्डेय ने कहा “संस्कार और संस्कृति शिखा कर गुरु जीवन सफल बनाता है चंदेल साहब ने कहा गुरु मिला तो यूं लगा गिली मिट्टी से अनमोल मूरत बना।।आशा जाकड ने कहा निराशा का निराकरण कर आशा का संचार करते हो।विजेन्द्र मेव कहते हैं क्या किताबों में मिला क्या रिसालों में मिला।राम राय कहते है …चलो नया भारत बनाते है सब मिलकर बच्चे पढाते है !!ज्योत्सना सिंह कहती है
जब होंगे नर नारी शिक्षित तभी बनेगा देश सुसज्जित!!डॉ महताब कहते है बेटे के साथ बेटी को पढाओ शिक्षा का यू दीपक जलाओ।प्रेरणा सेन्द्र कहती है …ज़िंदगी में कम लोग होते हैं जो किसी को ख़ुशी देते है अग्निशिखा मंच है जो ख़ुशी से झोली भर देते है !!ज्योति भाष्कर ज्योतिर्मय कहते हैं मिलता है जिससे सब को ज्ञान सर्वश्रेष्ठ है वह गुरु महान।इस तरह पटल पुरा शिक्षकों की महिमा का गुणगान करते एक गुरु व शिष्य के रिश्ते को दर्शा रहा था।सब गुरु का वंदन अभिन्नदन कर रहे थे।लाकडाऊन में आभासी कवि सम्मेललन का सबने बहुत आन्नद उठाया और सबका अभिनंदन व्यक्त किया।मंच की अध्यक्ष डॉ अलका पाण्डेय ने १३/९/ को सम्मान समारोह रखा गया है।