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किशनगंज : 19 से नाइट ब्लड सर्वे, कार्यक्रम की सफलता को ले प्रभारी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित

नाइट ब्लड सर्वे के लिये जिले के 7 प्रखंडों में 14 स्थान चिह्नित, सर्वे के दौरान रात साढ़े आठ बजे से 12 बजे तक लिया जायेगा लोगों का ब्लड सैंपल

किशनगंज, 11 जून (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आगामी 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम संचालित किया जायेगा। इससे पूर्व जिले में संभावित फाइलेरिया मरीजों की खोज के लिये नाइट ब्लड सर्वे का कार्य संपन्न कराया जाना है। सर्वे के लिये जिले के 07 प्रखंडों में 14 एवं शहरी क्षेत्र में 02 स्थान चिह्नित किये गये हैं। जहां 19 से 26 जून तक रात साढ़े आठ बजे से 12 बजे तक जांच के लिये लोगों के रक्त सैंपल जुटाये जायेंगे। नाइट ब्लड सर्वे की सफलता को लेकर प्रभारी जिलाधिकारी स्पर्श गुप्ता की अध्यक्षता में स्वास्थ्य समीक्षा बैठक के साथ रविवार को जिलास्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। जिले के सभी प्रखंडों से आए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मियों को नाइट ब्लड सर्वे के संबंध में महत्वपूर्ण आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। बैठक में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा० मंजर आलम ने सर्वे का उद्देश्य व इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच साझा की। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा० आलम ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे के लिये किशनगंज ग्रामीण से बेलवा व महिनगाव का चयन किया गया है। वहीं शहरी क्षेत्र में धरमगंज एवं माछमारा में सेशन साइट बनाये गये हैं। बहादुरगंज प्रखंड के नटुआपाडा, दोमोहनी, कोचाधामन प्रखंड के मस्जिदगढ़, भगाल, दिघलबैंक प्रखंड में दोगाछी, गरबनडांगा, टेढागाछ प्रखंड में गमहरिया, बेनुगढ़, ठाकुरगंज प्रखंड में बेसरबाटी, झाला पोठिया प्रखंड में जगदुब्बा, पनासी में नाइट ब्लड सर्वे के लिये सेशन साइट संचालित किया जायेगा। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा० आलम ने बताया कि सर्वे के दौरान 20 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों का रक्त सैंपल जांच के लिये लिया जायेगा। प्रत्येक सेशन साइट से 300 सैंपल जांच के लिये जाने हैं। संग्रह किये गये रक्त रेंडम जांच के लिये पटना भेजा जायेगा। सर्वे कार्य की सफलता में सभी पीएचसी प्रभारी, बीएचएम व बीसीएम को अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराना अनिवार्य है। इसके साथ ही स्थानीय पुलिस प्रशासन, जनप्रतिनिधियों से उचित सहयोग व आशा कार्यकर्ताओं की मदद से सफलतापूर्वक सर्वे का कार्य संपन्न कराने का निर्देश उन्होंने संबंधित अधिकारी व कर्मियों को दिया। शत प्रतिशत सफ़लता के लिए चयनित स्थलों के आसपास बैनर, पोस्टर एवं माइकिंग के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। प्रत्येक प्रखंड में एक रैंडम और एक सेंटिनल साइट पर नाइट ब्लड सर्वे किया जाएगा। इस दौरान लोगों के ब्लड सैंपल लिए जाएंगे। जिसे जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। चूंकि खून में फाइलेरिया के परजीवी रात में ही सक्रिय होते हैं इसलिए नाइट ब्लड सर्वे से सही रिपोर्ट का पता चल पाता हैं। जिसको शत प्रतिशत पूरा करने के लिए नाइट ब्लड सर्वे के लिए चार सदस्यीय टीम बनाई जाएगी। नाइट ब्लड सर्वे की गतिविधियों का आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य प्रखंड स्तर पर फाइलेरिया व माइक्रो फाइलेरिया की दर को जानना है। नाइट ब्लड सर्वे से यह पता चलेगा कि जिले भर में कितने लोगों में फाइलेरिया का पैरासाइट मौजूद है। फाइलेरिया का पारासाइट रात में ही सक्रिय होता है। इसलिए नाइट ब्लड सर्वे में रात 8 बजे से 12 बजे रात के बीच ही ब्लड सैंपल लिया जाएगा। डा० मंजर आलम ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया के प्रसार को रोकना है। नाइट ब्लड सर्वे के दौरान सामान्य और स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति भी जांच करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया या हाथी पांव के लक्षण सामान्य रूप से शुरू में दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन इसके परजीवी शरीर में प्रवेश करने के बाद इसका लक्षण लगभग पांच से दस सालों बाद दिखाई दे सकता है। इसलिए सामान्य और स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति भी इसकी जांच कराएं। फाइलेरिया एक घातक बीमारी है। यह साइलेंट रहकर शरीर को खराब करती है। फाइलेरिया एक परजीवी रोग है, जो एक कृमि जनित मच्छर से फैलने वाला रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। आमतौर पर फाइलेरिया के लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते लेकिन बुखार, बदन में खुजली व सूजन की समस्या दिखाई देती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाथी पांव और हाइड्रोसील की सूजन, फाइलेरिया के लक्षण हैं। फाइलेरिया हो जाने के बाद धीरे धीरे यह गंभीर रूप लेने लगता है। इसका कोई ठोस इलाज नहीं है। लेकिन इसकी नियमित और उचित देखभाल कर जटिलताओं से बचा जा सकता है।

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