त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-पटना जिला गजेटियर के प्रारूप प्रकाशन हेतु विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों को दो सप्ताह के अंदर सम्पूर्ण एवं प्रामाणिक विवरणी उपलब्ध कराने का डीएम ने दिया निदेश
गजेटियर जिला का इन्फॉर्मेशन बैंक; विद्यार्थियों, उद्यमियों, पर्यटकों, शोधकर्ताओं सहित सभी व्यक्तियों के लिए यह अत्यंत उपयोगी दस्तावेज: डीएम
पटना, शनिवार, दिनांक 03 सितम्बर, 2022ः समाहर्ता, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में पटना जिला के गजेटियर के प्रकाशन हेतु जिलास्तरीय गजेटियर प्रारूप प्रकाशन समिति की बैठक हुई। इसमें गजेटियर के प्रकाशन के लिए पदाधिकारियों को पावर प्वायंट के माध्यम से विभिन्न पहलुओं पर प्रस्तुतिकरण दिया गया तथा आवश्यक जानकारी दी गई।
डीएम डॉ. सिंह ने जिला गजेटियर के उद्देश्य एवं भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गजेटियर जिला का इन्फॉर्मेशन बैंक होता है। यह जिले के बारे में सर्वाधिक प्रामाणिक सरकारी दस्तावेज होता है। इसमें न केवल जिले का इतिहास होता है बल्कि उस जिले के बारे में एक-एक तथ्य की भी जानकारी होती है। इसमें साहित्य एवं संस्कृति, शिक्षा, भूगोल एवं प्राकृतिक संसाधन, प्रशासन, विधि-व्यवस्था एवं न्याय, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, पर्यटन, बैंकिंग सहित सभी तरह की सूचना एवं विवरणी रहती है। इसका उपयोग प्रशासक, शोधकर्ता, पत्रकार, विद्यार्थी, पर्यटक, राजनेता, उद्योगपति एवं अन्य जिज्ञासु करते हैं। किसी अन्य पुस्तक में विविध विषयों पर इतनी विस्तृत, रोचक और प्रामाणिक सामग्री एक साथ उपलब्ध नहीं होती।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा पटना एवं दरभंगा जिला को जिला गजेटियर के पुनर्निरीक्षण (रिविजन) हेतु पायलट जिला के तौर पर चुना गया है। गजेटियर के लेखन हेतु राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा निर्धारित अध्याय एवं शीर्ष के अंतर्गत पटना जिला गजेटियर की पाण्डुलिपि तैयार किया जाना है। आंकड़ों एवं तथ्यों का संकलन करते हुए समसामयिक एवं लोकोपयोगी सूचनाओं तथा विवरणियों को निर्धारित समय सीमा-दो सप्ताह- के अंदर उपलब्ध कराया जाए।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पटना जिला गजेटियर का अंतिम प्रकाशन वर्ष 1970 में हुआ था। पिछले 50 साल में गतिविधियों में बहुत अधिक परिवर्तन एवं विस्तार हुआ है। 1970 से लेकर वर्तमान समय तक सभी तरह की समेकित, सम्पूर्ण एवं प्रामाणित विवरणी प्रकाशित होने वाले गजेटियर में रहेगा। इसके लिए लगभग 35 विभागों के जिलास्तरीय पदाधिकारियों को हरएक सूक्ष्म-से-सूक्ष्म विवरणी विहित प्रारूप में दो सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया। इसमें उनके कार्यालयों द्वारा किए कार्य, आंकड़े, फोटोग्राफ्स, अभिलेख, जनसहभागिता सहित सभी प्रकार का उल्लेख रहेगा। इसमें तंत्र(सिस्टम) के न्यूनतम इकाई तक की विवरणी रहेगी। सभी विवरणियों को अच्छी तरह से सत्यापित कर उपलब्ध कराया जाए। डीएम डॉ. सिंह ने रेलवे, विमानपत्तन, डाक, दूरसंचार, उद्योग, कारा, विधि, राजस्व, निबंधन, निर्वाचन, श्रम, स्वास्थ्य, कृषि, पंचायती राज, मत्स्य, शिक्षा, कल्याण, बैंकिंग, खेल, आईसीडीएस, विद्युत, सिंचाई, परिवहन, उद्यान, सामाजिक सुरक्षा सहित सभी विभागों के पदाधिकारियों को इसके लिए तत्परता से कार्य करने का निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा जनहित में अनेक विकासात्मक एवं लोक-कल्याणकारी योजनाओं का सूत्रण, प्रतिपादन एवं सफल क्रियान्वयन किया गया है। महिला सशक्तिकरण, समाज सुधार अभियान, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा पर रोक, मद्यनिषेध, जल-जीवन-हरियाली अभियान, विकसित बिहार एवं आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय सहित विभिन्न योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया है। बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011 एवं बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के द्वारा नागरिकों को सशक्त करने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किया गया है। पटना जिला के गजेटियर प्रारूप प्रकाशन में इन सबकी विस्तृत विवरणी रहेगी।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि गजेटियर का पूरे विश्व में प्रसार होता है। अतः इसमें विवरणियों का प्रस्तुतिकरण सर्वोत्तम तरीके से होना चाहिए।
इस बैठक में जिलाधिकारी के साथ उप विकास आयुक्त श्री तनय सुल्तानिया, अपर मंडल रेल प्रबंधक, दानापुर, पूर्व मध्य रेलवे, विमानपत्तन निदेशक, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकारण, अपर समाहर्ता एवं अन्य भी उपस्थित थे।