किशनगंज : कनकई के तांडव से बहादुरगंज सतमेढ़ी गाँव के बाशिंदे घर छोड़ने को मजबूर..

जिले के बहादुरगंज प्रखंड से होकर बहने बाली कौल और मरिया कंनकई ने महेशबथना के कई गाँवों में देखते देखते मचाई तबाही।जहाँ कौल नदी से सटे सतमेढ़ी के लगभग दो दर्जन परिवार नदी कटाव के कारण अपना घर द्वार हंटाकर विस्थापित हो गये।तो दूसरी ओर बाढ़ से घिरे इसी महेशबथना पंचायत के मसानगांव और दोगच्छी में नदी के उफान से गांव घर हो गये पानी पानी।जहाँ दो से तीन फीट बाढ़ का पानी गांव और घरों में प्रवेश कर ग्रामीणों को सकते में डाल दिया।तो दूसरी ओर पानी की तेज धार ने दोगच्छी-मसानगांव का सड़क सम्पर्क भंग कर दिया।अचानक उफनाई नदियों के पानी और तेज कटाव ने सतमेढ़ी गांव के दर्जनों परिवार को घर द्वार तोड़कर विस्थापित होने को मजबूर कर दिया।तो दूसरी ओर पूर्वी छोर पर बसा मसानगांव, पहटगांव और दोगच्छी के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया।कुल मिलाकर इस पंचायत के चारो ओर हाहाकार मच गया।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले के बहादुरगंज प्रखंड स्थित सतमेढ़ी गाँव के बाशिंदे घर छोड़ने को मजबूर हो चुके है।पाई पाई जोड़ कर कभी आशियाना खड़ा किया था।लेकिन अब उसी आशियाने को खुद से तोड़ रहे है।मालूम हो कि कनकई नदी का जलस्तर बढ़ने से गांव में पानी घुस गया है दो दर्जन से ज्यादा परिवार ऊंचे स्थानों पर आशियाना तलाशने को मजबूर हैं।एक दर्जन से ज्यादा परिवारों का जमीन और घर नदी में समाहित हो चुका है, लोगों के पास अब जो कुछ भी बचा है उसे लेकर अब वह सुरक्षित स्थानों पर जा रहे है।कनकई नदी से भीषण कटाव हो रहा है।ग्रमीणों ने सरकार और जिला प्रशासन से सतमेढ़ी गांव को कटाव से बचाने का गुहार लगाई है।लगातार बारिश ने लोगो का जीना मुहाल कर दिया है।कटाव पीड़ित जहिरुन निशा, ने बताया कि उनका सब कुछ बर्बाद हो चुका है।मौके का जायजा लेने जिला परिषद सदस्य इमरान आलम भी पहुंचे उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग की लापरवाही की वजह से गांव के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है अगर पूर्व में कार्य करवाया गया होता तो यह स्थिति नहीं होती।वही जिलाधिकारी डॉ० आदित्य प्रकाश के आदेश पर अंचलाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी सतमेढ़ी गांव पहुंचकर कटाव क्षेत्र का जायजा लिए।जुल्फकार आदिल अंचलाधिकारी ने कहा कि वरीय अधिकारियों को मामले से अवगत करवाया गया है और कुछ घरों को खाली करवाया गया है साथ ही कहा कि कटाव निरोधी कार्य करवाए जाएंगे ताकि और क्षति ना हो।