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कामरेड अतुल कुमार अंजान नहीं रहे।…

कुणाल कुमार:-पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के मूर्धन्य नेता, प्रखर वक्ता, हाजिरजवाबी, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड अतुल कुमार अंजान के निधन से बिहार पार्टी के सभी नेता और सदस्य मर्माहत हैं। उनके निधन की खबर सुनकर पूरी पार्टी और हमदर्द में शोक की लहर दौड़ गई। कामरेड अतुल कुमार अंजान का निधन 03 मई 2024 को अहले सुबह 03 बजकर 40 मीनट पर हो गया। उन्होंने अंतिम सांस लखनऊ के एक अस्पताल में ली। वे पिछले कई महीनों से कैंसर रोग से पीड़ित थे और अस्पताल में चिकित्सारत थे। उनकी आयु 70 वर्ष थी। उनके सम्मान में भाकपा राज्य मुख्यालय अजय भवन, पटना में पार्टी का झंडा झुका दिया गया। वे जिंदगी भर छात्रों, नौजवानों, किसान, मजदूरों, अल्पसंख्यकों, दलितों, आदिवासियों की लड़ाई लड़ते रहे।
का० अतुल कुमार अंजान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तथा अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव थे। वह स्वामीनाथन आयोग के अकेले किसान सदस्य थे। का० अतुल कुमार अंजान ने अपनी राजनीति की शुरूआत लखनऊ के छात्र, आंदोलन से की थी। वे लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष भी चुने गए थे। फिर वह एआईएसएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहें। का० अतुल कुमार अंजान देश के मुर्धन्य नेता, हाजिरजबाबी और एक प्रखर वक्ता भी थे। वे छात्र जीवन में ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय परिषद, राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय सचिव मंडल के सदस्य रहे। कॉमरेड अतुल कुमार अंजान ने अपने ओजस्वी भाषण, और संघर्षों के बल पर देश के बड़े वामपंथी नेता के रूप में पहचान बनायी।
कॉमरेड अतुल कुमार अंजान के निधन पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिहार राज्य सचिव मंडल ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय राजनीति का का० अतुल कुमार अंजान सितारे थे। देश ने अपना एक चमकता लाल सितारा खो दिया है। उनकी कर्म भूमि उत्तर प्रदेश रहा, जबकि पैतृक घर बिहार के बांका जिले में है। वह न केवल देश के प्रिय नेता थे, अपितु वह एक मित्र और पार्टी परिवार के सदस्य के रूप में थे।
भाकपा के राज्य सचिव कामरेड रामनरेश पाण्डेय ने राज्य सचिव मंडल की तरफ से गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में देश को का० अतुल कुमार अंजान की सर्वाधिक जरूरत थी। वे मजदूरों, किसानों तथा आम जनता के संघर्षों का नेतृत्व किया। वे शोषित पीड़ित जनता के नायक के रूप में याद किए जाते रहेंगे। हम उनके संघर्षों को आगे बढ़ाएंगे और उनके सपनों का देश बनाने के लिए निरंतर संघर्षरत रहेंगे। उनके निधन से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सहित वाम और धर्मनिरपेक्ष आंदोलन को अपूरणीय क्षति हुई है।जिसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है। भाकपा राज्य सचिव ने कॉमरेड अतुल कुमार अंजान को हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके शोक संतप्त परिवार सहित पार्टी के तमाम सदस्यों को शोक संवेदना प्रेषित की है।

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