पूजित अक्षत व कलश से देवी देवताओं के निमंत्रण कार्य संपन्न आमंत्रण पत्र घर-घर कल से शुरू – विहिप
नवेंदु मिश्र
मेदिनीनगर – अयोध्या राम जन्म भूमि मंदिर से प्राप्त पूजित अक्षत का एक कलश आज ठाकुरबाड़ी मंदिर रेड़मा से नई मोहल्ला के शिव मंदिर में समारोह पूर्वक ले जाया गया। दूसरा कलश शीतला मंदिर से पोस्ट ऑफिस के पास महावीर मंदिर में गाजे बाजे के साथ समारोह पूर्वक श्रद्धालुओं के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए रखा गया। एक अन्य कलश जो अभी रेड़मा रांची रोड ठाकुर बाड़ी मंदिर में रखा हुआ है, उसे आज शाम जैन मंदिर में स्थांतरित किया जाएगा। इन सभी अक्षत कलश को आज रात तक विभिन्न मंदिरों में रहने दिया जाएगा। तत्पश्चात कल सभी पूजित अक्षत कलश को वापस जिला कार्यालय स्थित मंदिर में वापस लाया जाएगा। इन्हीं कार्यक्रमों का साथ जिला में देवी देवताओं का निमंत्रण देने का कार्यक्रम संपन्न हुआ। कल से घर _ घर पूजित अक्षत सह निमंत्रण पत्र पहुंचाने का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा, जो सतत 15 जनवरी तक चलता रहेगा।
आज जिला के पांकी प्रखण्ड के तेतराई पंचायत में श्री राधा कृष्ण मन्दिर चट्टी से भव्य शोभा यात्रा के साथ पूजित अक्षत कलश को पूरे पंचायत के पूजा स्थलों में घुमाया गया। हजारों राम भक्तों को कलश दर्शन करने का सौभाग्य मिला। यात्रा में माताओं- बहनों के जयकार से पूरा क्षेत्र राम मय हो गया। कार्यक्रम में विहिप अध्यक्ष अभय सोनी, अरुण गुप्ता पूर्व मुखिया पति साधु मांझी, सुरीन सिंह, धीरज पाण्डे, प्रकाश गुप्ता, नागेंद्र गुप्ता, आनंद गुप्ता, केडी जी, कुंदन सिंह सहित बड़ी संख्या में राम भक्तों की सहभागिता रही।
इन सभी कार्यक्रमों में विश्व हिंदू परिषद के पलामू जिला मंत्री दामोदर मिश्र, सह मंत्री अमित तिवारी, सेवा प्रमुख गोपाल तिवारी, बजरंग दल जिला संयोजक संदीप प्रसाद, जिला बलो पासना प्रमुख विकास कश्यप, सुरेश वर्मा, समाज सेवी संतोष तिवारी, कोमल कुमार अंकू, सुरक्षा प्रमुख नवेंदु त्रिपाठी, दीपक सिंह, दिलीप गिरी, रवि तिवारी, राजू सिन्हा, बबलू दुबे, अविनाश राजा, घनश्याम तिवारी शांडिल्य, प्रभात दुबे, संजय वर्मन, रमाशंकर प्रसाद, रवि तिवारी, राकेश सिंह, प्रकाश विश्वकर्मा, धनंजय दुबे उर्फ कुलबुल, टुनू जी, संतोष शर्मा, मुन्ना सिंह, दिलीप पोद्दार, प्रेमचंद ठाकुर, चंद्रशेखर शर्मा, लाल बिहारी शर्मा, विपुल शर्मा, निशांत कुमार, दीपक कुमार, आनंद सहित काफी संख्या में श्री राम भक्त पुरुष और महिलाओं की सहभागिता रही।