किशनगंज : जिले में सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 कार्यक्रम के दूसरे चरण की शुरुआत सोमवार से, तैयारी पूरी
नियमित टीकाकरण अभियान-दो वर्ष तक के बच्चे और गर्भवती महिलाओं का होगा टीकाकरण, जिले में 845 चिह्नित स्थलों पर कुल 8,333 बच्चों एवं 1265 गर्भवती माता को टीकाकरण का लक्ष्य है
किशनगंज, 07 अक्टूबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 25 दिसंबर 2014 को मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की थी। आईएमआई 5.0 के तीन राउंड की योजना बनाई गई है। वहीं सितम्बर में शतप्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के साथ पहला अभियान सफल रहा है। मिशन इंद्रधनुष एक बूस्टर टीकाकरण कार्यक्रम है जो टीकाकरण का कवरेज अधिक करने के लिए चिह्नित जिलों में चलाया जाता है। जिले में मिशन इंद्रधनुष के दूसरे चरण के कार्यक्रम के तहत आगामी 09 से 14 अक्टूबर तक नियमित टीकाकरण को गति देने एवं वंचित बच्चों को सात प्रकार के वायरस से बचाव के वैक्सीन की बूस्टर डोज देने के उद्देश्य से संचालित इस अभियान की सफलता को लेकर विभागीय स्तर से जरूरी तैयारियां की जा चुकी हैं। तैयारियों का जायजा लेने के लिए जिला प्रतिरक्षण कार्यालय में शनिवार को जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. देवेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में डब्ल्यूएचओ एवं यूनिसेफ के पदाधिकारियों के साथ समन्वय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में डा. देवेन्द्र कुमार ने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम की सफलता को सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर के दिशा निर्देश के आलोक में सभी स्वास्थ्य अधिकारी व सहयोगी संस्था के प्रतिनिधियों को जरूरी दिशा निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि सत्रवार सर्वे के आधार पर लाभार्थियों की ड्यू लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है। प्रखंडवार अभियान की शुरुआत संबंधित बीडीओ, सीडीपीओ व अन्य प्रखंडस्तरीय अधिकारियों की मौजूदगी की जानी है। अभियान के सफल संचालन को लेकर क्षेत्र में सघन जागरूकता अभियान संचालित करने को कहा गया है। हर स्तर पर अभियान की निगरानी व अनुश्रवण के लिये कर्मियों को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। सेशनवार सभी जरूरी लॉजिस्टिक की उपलब्धता सुनिश्चित कराने व टीकाकरण सत्रों की साज-सज्जा को लेकर संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये गये हैं। मिशन इंद्रधनुष से बच्चों में होने वाली 7 प्रमुख बीमारियों तपेदिक, पोलियोमाइलाइटिस, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस और खसरा का खतरा कम होगा। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि टीकों की संख्या 12 होती है। इसमें खसरा रूबेला, रोटावायरस, हिमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप-बी और पोलियो के खिलाफ टीकों को शामिल करने के बाद इन टीकों की संख्या 12 हो गई है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा० देवेन्द्र कुमार ने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम की सफलता को ले केंद्र सरकार के स्तर से जरूरी दिशा-निर्देश दिये गये हैं। अभियान के क्रम में सुरक्षा संबंधी सभी मानकों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाना है। जिले के सातों प्रखंड में कुल 845 चिह्नित स्थलों पर मिशन इन्द्रधनुष के तहत कुल 8,333 बच्चों एवं 1265 गर्भवती माता के टीकाकरण का लक्ष्य है। सत्र के निर्धारण में कम आच्छादन वाले टीकाकरण सत्र व ऐसे जगहों को चिह्नित किया गया जहां बीते छह माह के दौरान कम से कम दो बार नियमित टीकाकरण सत्र संचालित नहीं हो सके हैं। मिशन इंद्रधनुष के सफल क्रियान्वयन के लिए घर घर सर्वे कर ड्यू लिस्ट एवं सर्वे रजिस्टर का पुनरीक्षण किया जा चका है, ईंट भट्ठा, दूर-दराज के ग्रामीण इलाके, मलिन बस्तियां सहित अन्य स्थानों पर सत्र संचालन को प्राथमिकता दी गयी है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकरी डा. कुमार ने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष 5.0 के तहत जिलाभर में अभियान का दूसरा चक्र आगामी 09 से 14 अक्टूबर के बीच व तीसरा व अंतिम चक्र 27 नवम्बर से 02 दिसंबर के बीच होगा। गौरतलब है कि नियमित टीकाकरण के मामले में फिलहाल जिले की उपलब्धि 87 फीसदी के करीब है। 02 वर्ष उम्र तक के बच्चे व गर्भवती महिलाओं को मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत 100 फीसद तक ले जाने का प्रयास किया जायेगा। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकरी डा. कुमार ने बताया कि गर्भवती महिलाएं व दो वर्ष तक के बच्चों को विभिन्न प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिये नियमित टीकाकरण बेहद जरूरी है। मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत जिला के सभी 7 प्रखंडों के चयनित स्थलों पर गर्भवती महिलाएं व बच्चों के टीकाकरण का इंतजाम सुनिश्चित कराया जायेगा। यहां दो वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी मिजल्स, विटामीन-ए, डीपीटी बूस्टर डोज व बूस्टर ओपीवी के टीके लगाये जायेंगे। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को अभियान के क्रम में टेटनेस- डिप्थेरिया के टीके लगाए जायेंगे। उन्होंने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीकाकरण से वंचित दो वर्ष तक के सभी बच्चों व सभी गर्भवती महिलाओं तक टीकाकरण की पहुंच सुनिश्चित कराना मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।