किशनगंज : पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने राष्ट्रीय लोक अदालत का लिया जायजा
राष्ट्रीय लोक अदालत में व्यवहार न्यायालय के कुल 244 मामले आए जिसमें दावा वाद के 5 मामले, अपराधिक शमनीय 164 मामले, परिवार न्यायालय के 3 मामले एवं विधुत विभाग के 72 मामले थे। 5 दावा वादों में कुल-31,25,000 रुपया का समझौता हुआ

किशनगंज, 10 सितंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। उक्त लोक अदालत में वरिष्ठतम न्यायाधीश उच्च न्यायालय पटना न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह, न्यायमूर्ति पुर्नेंदु सिंह, न्यायाधीश, उच्च न्यायालय पटना एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के सदस्य सचिव आरएन एस पाण्डेय के साथ अन्य न्यायिक पदाधिकारीगण ने राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान भ्रमण किया एवं उपस्थित पक्षकारों से वार्ता की। गौर करे कि कुल सात पीठ का गठन किया गया था जिसमें न्यायिक पदाधिकारीगण बिपिन कुमार, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय, विवेक भारद्वाज, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ, राघवेन्द्र नारायण सिंह, सीजेएम, ओम शंकर अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी तृतीय, अमृत कुमार सिंह, मुंसिफ प्रथम, इंजमामुल हक़ न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, रंधीर कुमार न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी मौजूद थे। राष्ट्रीय लोक अदालत में व्यवहार न्यायालय के कुल 244 मामले आए जिसमें दावा वाद के 5 मामले, अपराधिक शमनीय 164 मामले, परिवार न्यायालय के 3 मामले एवं विधुत विभाग के 72 मामले थे। 5 दावा वादों में कुल-31,25,000 रुपया का समझौता हुआ। बैंक ऋण के कुल 781 मामले में समझौता राशी कुल 3,32,69,241 रुपया का तथा 18 टेलीफोन बिल से संबंधित मामलों में कुल 13022 रुपया का समझौता हुआ। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में काफी भीड़ देखी गई। जहा जिले के विभिन्न क्षेत्रो से आए पक्षकारों ने अपने-अपने वाद का निष्पादन करवाने में काफी सक्रिय भूमिका निभाई। जगह-जगह सहायता केंद्र पर साथ ही प्रत्येक पीठ में एक–एक पारा विधिक स्वंय सेवकों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कर्मी मो० तौसिफ आलम, राजीव दीक्षित आदि मौजूद थे।