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अस्पताल में मरीजो को मिलता नही सड़क किनारे फेंकी जा रही दवाई।

सरकारी सफलाई की दवाई सड़क किनारे फेंका मिला

कचहरी रोड में सैकड़ो आयरन फॉलिक एसिड सिरप फेंका मिला।

सोनू कुमार:-हिलसा (नालंदा):-सरकार के द्वारा लगातार सरकारी अस्पताल में व्यवस्था दुरुस्त करने के लिये गम्भीर है ताकि मरीजो को वेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके लेकिन स्वास्थ्य कर्मी की लापरवाही के कारण मरीजो को सुविधा तो दूर आर्थिक शोषण का अस्पताल केंद्र बन चुका है।व्यवस्था रहते हुए भी मरीजो को नही मिल पाता है।सरकारी अस्पताल में दवाई उपलब्ध होने के बाबजूद मरीजो को दवाई उपलब्ध नही कराया जाता है। दवाई एक्सपायर होने पर स्वास्थ्य कर्मी दवाई को खुले जगह कही सड़क किनारे तो कही गड्ढे में फेंक देते है। जबकि वही दवाई के लिये न जाने मरीज कितने डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी से दवाई उपलब्ध कराने के लिये पैरवी से लेकर आरजू बिनती करते है पर मरीजो की एक नही सुनी जाती है सीधे तौर पर दवाई नही होने का बहाना बनाकर टाल देते है।जहां मरीजो को वही दवाई ऊंचे दाम देकर निजी दवा दुकान से खरीदना पड़ता है।हिलसा शहर की कचहरी रोड में सड़क के किनारे अपनी गुणवत्ता अवधि को पूरा कर चुकीं सरकारी सप्लाई की सैंकड़ो की संख्या में आयरन एवम फोलिक एसिड सिरफ आई पी भारी मात्रा में पड़ी हुई है, जिन पर पड़ी हुई डेट के अनुसार वीते फरवरी माह में एक्सपायर हो चुकी हैं।सड़क किनारे फेंकी गई भारी मात्रा में एक्सपायरी सिरप से न सिर्फ लोगो के बीच चर्चा का विषय बन गया है।बल्कि कचड़े बीनने बाले के अलावे छोटे छोटे बच्चों ने तो कई सिरफ लेकर जाते देखे गए।न जाने सिरप के उपयोग से उनके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। संभावना जताई जा रही है कि सरकारी अस्पताल ड्यूटी करने बाले कर्मी के द्वारा रात के अंधेरे में दवाई फेंकी गई है। चर्चा है कि स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल से दवाई लाकर अपने घरों में इकट्ठा करते है फिर उसे कम दामो में मेडिकल दुकान में सफलाई करते है। जब कोई दवाई सफलाई नही होती है तो उसे सड़क किनारे या गड्ढे में लाकर फेंक देते है। हिलसा के लिये यह कोई नई मामला नही है बल्कि इससे पहले भी कई बार अलग अलग जगहों पर दवाई फेंके हुए मिले है।सवसे बड़ी बात यह है कि जिस सड़क के किनारे सरकारी सफलाई की दवाई फेंकी हुई है उस सड़क से वरीय पदाधिकारी गुजरते है फिर भी उसके ऊपर ध्यान नही जा रहा है।प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी सुरेश प्रसाद चौधरी ने बताया कि सरकारी दवा फेंके जाने की बात मेरे संज्ञान में नही है अगर थोक में कही सरकारी दवा फेंका गया है तो वे गम्भीर मामला है। उसकी जांच होगी। उन्होंने कहा कि जिस दवा के बारे में बताए जा रहे है वो आयरन फॉलिक एसिड सिरप है वो बच्चों को दिया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को सिरप पिलाने के लिये एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी को पीएचसी से डिस्टिब्यूट किया जाता है।

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