पटना:-डीएम ने की सरफेसी एक्ट के अन्तर्गत मामलों में प्रगति की समीक्षा।।…
त्रिलोकी नाथ प्रसाद:;पटना- जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में सरफेसी एक्ट के अन्तर्गत मामलों के क्रियान्वयन में प्रगति की समीक्षा की गई। उन्होने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों तथा जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी को लंबित मामलों का शीघ्र निष्पादन करने का निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सरफेसी एक्ट के तहत विभिन्न बैंको से जिला प्रशासन को जो अधियाचना प्राप्त होती है उसका एक्जेक्युशन (निष्पादन) जिला प्रशासन को अनिवार्यतः करना है। इसमें निर्णयादेश (एडजुडिकेशन) का कोई स्कोप नहीं है। अधियाचना प्राप्त होते ही प्रारंभिक जाँच एवं समीक्षा कर संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी को क्रियान्वयन हेतु भेज दी जाती है। एसडीओ को संबंधित बैंक से समन्वय स्थापित करते हुए मामले का निष्पादन करना होता है तथा बैंक को दखल-कब्जा दिलाया जाता है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि क्रियान्वयन हेतु चेकलिस्ट के अनुसार सारी कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में वर्तमान में अनुमंडल पदाधिकारियों द्वारा अंचलाधिकारी से प्रतिवेदन लिया जाता है। साथ ही संबंधित बैंक को भी दंण्डाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति हेतु एक निर्धारित शुल्क जमा करना होता है। डीएम डॉ.सिंह ने कहा कि अंचलाधिकारी से प्रतिवेदन लेने की अन्तर्वर्ती (इन्टरमीडिएट) प्रक्रिया के कारण मामलों के निष्पादन में अनावश्यक विलंब हो जाता है। वर्तमान में 156 मामले अंचल स्तर पर लंबित है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि अंचलाधिकारी से प्रतिवेदन लेने की कोई अनिवार्यता नही है। बैंक अपने स्तर से संतुष्ट होकर ही अधियाचना उपलब्ध कराते हैं। अतः डीएम डॉ.सिंह द्वारा सरफेसी एक्ट के तहत प्राप्त अधियाचना के उपरांत अंचलाधिकारी से प्रतिवेदन लेने की परंपरा को खत्म कर दी गई ताकि मामलों के निष्पादन में अपेक्षित तेजी आए।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि संबंधित बैंक को दंण्डाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति हेतु निर्धारित शुल्क जमा करने का भी कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। वित्त विभाग से भी इस बारे में पृच्छा की गई है। शुल्क जमा करने की प्रथा के कारण भी अनावश्यक विलंब होने की संभावना रहती है। इन तथ्यों के आलोक में डीएम डॉ.सिंह द्वारा दंण्डाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति हेतु बैंक द्वारा निर्धारित शुल्क जमा करने की प्रक्रिया को कानूनी सलाह प्राप्त होने तक स्थगित रखते हुए अनुमंडल पदाधिकारियों को मामलों का निष्पादन करने का निदेश दिया गया।
डीएम डॉ. सिंह ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को नए सिरे से तिथि निर्धारित कर सरफेसी एक्ट के अन्तर्गत लंबित मामलों का निष्पादन करने का निदेश दिया। उन्होने कहा कि वर्तमान में लगभग 173 मामले लंबित है। एक महीने के अंदर इन मामलों को नियमानुसार निष्पादित कर दिया जाएगा।
इस बैठक में उप विकास आयुक्त, जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, एलडीएम, बैंकों के प्रतिनिधि एवं अन्य भी उपस्थित थे।