किशनगंज : जिला में कोरोना के एक मरीज मिलने पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, विभाग की ओर से आसपास के घरों में की गयी कोरोना जांच।

शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता के विकास में हमारा दैनिक खान-पान खास महत्वपूर्ण।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिला में एक महीने के बाद 05 मई को 01 कोरोना संक्रमित की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर स्वास्थ्य विभाग फिर से अलर्ट हो गया है। एहतियातन गुरुवार को आसपास के घरों में जाकर पूछताछ की गयी।सिविल सर्जन के निर्देश पर टीम ने संक्रमित मरीजों के बीएसएफ़ कैंप का जायजा लिया। वहां घरों में जाकर कोरोना संक्रमण को लेकर पूछताछ की गयी। विभाग की ओर से आस पास के लोगों की रैपिड एंटिजन किट से कोरोना जांच की गयी। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आयी है। जानकारी के अनुसार उनलोगों को मामूली सर्दी व खांसी की शिकायत है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति पर लागातार निगरानी रखी जा रही है। आगामी पांच दिनों के बाद सभी की फिर से कोरोना जांच की जायेगी। तब तक सभी लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल के अनुपालन को कहा गया है।
सभी पीएचसी को 150 कोरोना जांच करने का दिया निर्देश :
एक माह बाद जिला में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा बढ़ने के बाद स्थानीय स्वास्थ्य महकमा सचेत हो गया है। इसके मद्देनजर कोरोना जांच की संख्या बढ़ाने को लेकर निर्देश दिया गया है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर के निर्देश पर सभी 7 पीएचसी को 150 कोरोना जांच करने को कहा गया है। ताकि अधिक से अधिक लोगों की जांच करायी जा सके। वहीं सभी पीएचसी प्रभारी को संक्रमण के मद्देनजर तैयार रहने को कहा गया है। सिविल सर्जन ने बताया कि अभी तक कोरोना की स्थिति चिंताजनक नहीं है। बावजूद विभाग की ओर से सर्तकता बरती जा रही है।
अपने बच्चों को कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रभाव से सुरक्षित करने के लिए वैक्सीन जरूरी :
सिविल सर्जन डॉ किशोर ने बताया कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अभिवावक को चाहिए कि अपने साथ –साथ अपने 12 वर्ष से ऊपर के सभी बच्चे को टीकाकरण करवाकर कोरोना वायरस से बचाया जा सकता है। वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद किसी भी व्यक्ति के पुनः कोरोना संक्रमित होने की संभावना कम से कम हो जाती है। माता-पिता के कोरोना से मुक्त रहने के बाद उनके बच्चे भी कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित रह सकते हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के वैक्सीनेशन के साथ सभी लोग करें इन मानकों का प्रयोग :
सिविल सर्जन डॉ किशोर ने बताया की अभी जिलेवासी वैक्सीनेशन के साथ ही घर से बाहर निकलने की स्थिति में हमेशा मास्क से अपने मुंह एवं नाक को ढकें ताकि ड्रॉपलेट्स के जरिये कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। इसके साथ ही सभी लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकलने की स्थिति में अनिवार्य रूप से शारीरिक दूरी के नियम के तहत एक दूसरे से कम से कम दो गज या छह फीट की दूरी बरतें। सभी लोग एक निश्चित अंतराल के बाद अपने हाथों की सफाई के लिए साबुन या हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें ताकि हाथों के माध्यम से फैलने वाले कोरोना वायरस को वहीं रोका जा सके।
शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता के विकास में हमारा दैनिक खान-पान खास महत्वपूर्ण :
सिविल सर्जन डॉ ने बताया कोरोना महमारी के इस दौर में हम अपने जीवनशैली में बदलाव के लिये मजबूर हैं। व्यक्तिगत स्वच्छता संबंधी हमारी आदतें व खानपान पहले हमारे पसंद व नापसंद पर आधारित हुआ करते थी। लेकिन बदलते वक्त के साथ आज स्वच्छता, स्वास्थ्य व पोषण का मुद्दा लोगों की प्राथमिकता में शुमार हो चुका है। वैश्विक महामारी ने हमें अपनी खान-पान की आदतें व स्वच्छता संबंधी मामलों पर विशेष ध्यान देने के लिये विवश कर दिया है। अब तक ये स्पष्ट हो चुका है कि हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता के विकास में हमारा दैनिक खान-पान खास महत्वपूर्ण है। बीमारी के दौरान अच्छे खान-पान से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि हम हमेशा पोषणयुक्त खाद्य पदार्थ को अपने जीवन में शामिल करें। जो हमें किसी भी रोग से लड़ने के लिये जरूरी शक्ति प्रदान करता है। स्वच्छता संबंधी हमारी आदतें हमें अनगिनत बीमारियों से दूर रखता है।