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एनडीए सरकार के सौजन्य से देश में महंगाई एक भीषण समस्या बन चुकी है। डबल इंजन सरकार ने भीष्म प्रतिज्ञा ली है कि खाद्य पदार्थों, पेट्रोल-डीजल और गैस सिलेंडर की क़ीमतें बढ़ाकर आम लोगों को भूखा मार देंगे।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद :-महंगाई को डायन बताने वाले आज इसे महबूबा समझ इससे चिपके बैठे है। सरकार में बैठे लोग महंगाई रूपी प्रियतमा को दूर कर ही नहीं पा रहे है।

केंद्र और बिहार की डबल इंजन सरकार की पूँजीपरस्त जनविरोधी नीतियों की मार ने निम्न व मध्यम वर्ग की कमर तोड़ दी है। खाद्य पदार्थों, खाद्य तेल के दाम तो आसमान छू ही रहे थे, खाना खरीदने के साथ साथ खाना पकाना भी महँगा हो गया है। पिछले 8 महीनों में रसोई गैस के दाम ₹190 रुपये तक बढ़ गए हैं। पिछले 2 हफ्तों में 2 बार रसोई गैस के कीमत बढ़ाए गए। ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी सरकार और उसके विभाग कमर कस कर बैठ चुके हैं गरीबों का जीना मुहाल कर के दम लेंगे।

केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना के खूब कसीदे पढ़े, खूब महिमामंडन किया, भावुकता का चोगा पहन पहन कर स्वघोषित निर्धनता उन्मूलन के पुरोधा होने का दावा किए। क्या आज इस सरकार में हिम्मत है कि गाँव-गाँव जाकर उज्ज्वला योजना की समीक्षा करें और देश को इसकी वास्तविकता बताएँ। आज गरीबों के घर में पड़े खाली LPG सिलेंडर मुँह चिढ़ा रहे हैं।

2014 में ₹384 प्रति रसोई गैस के सिलिंडर कंधे पर ढो ढोकर प्रदर्शन करने वाले लोग आज प्रति सिलेंडर की क़ीमत ₹1000 करने के बाद भी सत्ता में बैठ चुप्पी साधे हुए हैं। चौतरफा महँगाई से गरीबों और मध्यम वर्ग की जेबों पर डाका पड़ ही रहा था, रसोई गैस की कीमतों ने अब पेट पर लात मार दी है।

महंगाई, बेरोजगारी और भुखमरी को लेकर सड़क से लेकर सदन तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम आम आदमी की लड़ाई लड़ते रहेंगे।

– श्री तेजस्वी यादव, माननीय नेता प्रतिपक्ष

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