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ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश के दक्षिणी राज्यों को 17700 मीट्रिक टन से ज्यादा तरल मेडिकलऑक्सीजन की आपूर्ति की

ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश में 32000 मीट्रिक टन से अधिक एलएमओ की आपूर्ति की

444 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने पूरे देश में ऑक्सीजन की डिलीवरी पूरी की

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वाराअब तक एलएमओ के 1834 टैंकरों से 15 राज्यों को सहायता पहुंचाई

ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक और तमिलनाडु को क्रमशः 3200, 4000 और 4200 और 5600 मीट्रिक टन से ज्यादा एलएमओ की आपूर्ति की

महाराष्ट्र में 614 एमटी ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3797 एमटी, मध्य प्रदेश में 656एमटी, दिल्ली में 5722एमटी, हरियाणा में 2354एमटी, राजस्थान में 98 एमटी, कर्नाटक में 4227एमटी, उत्तराखंड में 320एमटी, तमिलनाडु में 5674एमटी, आंध्र प्रदेश में 4037एमटी, पंजाब में 225एमटी, केरल में 513एमटी तेलंगाना में 3255एमटी, झारखंड में 38 एमटी और असम में 560 एमटी ऑक्सीजन पहुंचाई गई

भारतीय रेल सभी बाधाओं को पार करते हुए तथा नए समाधान निकाल कर देश के विभिन्न राज्यों में तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाना जारी रखे हुए है।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश की सेवा में 32000 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचा कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

अभी तक भारतीय रेल से देश के विभिन्न राज्यों में 1834 से अधिक टैंकरों में लगभग 32095 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन(एलएमओ) पहुंचाई गई है।

ज्ञात हो कि 444 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियों ने अपनी यात्रा पूरी कर विभिन्न राज्यों को सहायता पहुंचाई है।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश के दक्षिणी राज्यों में 17700 एमटी से ज्यादा तरल मेडिकल ऑक्सीजन की डिलीवरी की है।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा देश के दक्षिणी राज्यों तेलंगाना, आंध्र प्रदेश,कर्नाटक और तमिलनाडु को क्रमशः 3200, 4000 और 4200 और 5600 एमटी से अधिक एलएमओ पहुंचाई गई है।

इस विज्ञप्ति के जारी होने तक 3 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ी14 टैंकरों में 258एमटी से अधिक एलएमओ लेकर चल रही हैं।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 55 दिन पहले 24 अप्रैल को महाराष्ट्र में 126 एमटी तरल मेडिकल ऑक्सीजन की डिलीवरी करने के साथ अपना काम प्रारंभ किया था।

भारतीय रेलवे का यह प्रयास रहा है कि ऑक्सीजन का अनुरोध करने वाले राज्यों को कम से कम संभव समय में अधिक से अधिक संभव ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 15 राज्यों- उत्तराखंड,कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश,आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश,झारखंड और असम को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई है।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –इस विज्ञप्ति के जारी होने तक महाराष्ट्र में 614 एमटी ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3797, मध्य प्रदेश में 656एमटी,दिल्ली में 5722एमटी, हरियाणा में 2354एमटी, राजस्थान में 98 एमटी, कर्नाटक में 4227 एमटी, उत्तराखंड में 320एमटी, तमिलनाडु में 5674एमटी, आंध्र प्रदेश में 4037एमटी, पंजाब में 225एमटी, केरल में 513एमटी, तेलंगाना में 3255एमटी, झारखंड में 38 एमटी और असम में 560 एमटी ऑक्सीजन पहुंचाई गई है।

अब तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश भर के 15 राज्यों में लगभग 39 नगरों /शहरों में एलएमओ पहुंचाई है। इन शहरों में उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, बरेली, गोरखपुर और आगरा, मध्य प्रदेश में सागर, जबलपुर, कटनी और भोपाल, महाराष्ट्र में नागपुर, नासिक, पुणे, मुंबई और सोलापुर, तेलंगाना में हैदराबाद, हरियाणा में फरीदाबाद और गुरुग्राम, दिल्ली में तुगलकाबाद, दिल्ली कैंट और ओखला, राजस्थान में कोटा और कनकपारा, कर्नाटक में बेंगलुरु, उत्तराखंड में देहरादून, आंध्र प्रदेश में नेल्लोर, गुंटूर, तड़ीपत्री और विशाखापत्तनम, केरल में एर्नाकुलम, तमिलनाडु में तिरुवल्लूर, चेन्नई, तूतीकोरिन, कोयंबटूर और मदुरै, पंजाब में भटिंडा और फिल्लौर, असम में कामरूप और झारखंड में रांची शामिल हैं।

रेलवे ने ऑक्सीजन सप्लाई स्थानों के साथ विभिन्न मार्गों की मैपिंग की है और राज्यों की बढ़ती हुई आवश्यकता के अनुसार अपने को तैयार ऱखा है। भारतीय रेल को एलएमओ लाने के लिए टैंकर राज्य प्रदान करते हैं।

पूरे देश से जटिल परिचालन मार्ग नियोजन परिदृश्य में भारतीय रेल ने पश्चिम में हापा, बड़ौदा मुंदड़ा, पूर्व में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटा नगर, अंगुल से ऑक्सीजन लेकर उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान,तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा असम को ऑक्सीजन की डिलीवरी की है।

ऑक्सीजन सहायता तेज गति से पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ी चलाने में नए और बेमिसाल मानक स्थापित कर रही है। लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्राथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं ताकि तेज संभव समय में ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। विभिन्न सेक्शनों में कर्मियों के बदलाव के लिए तकनीकी ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।

रेल मार्गों को खुला रखा गया है और उच्च सतर्कता बरती जा रही है ताकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस समय पर पहुंच सकें।

यह सभी काम इस तरह किया जा रहा है कि अन्य माल ढ़ुलाई परिचालन में कमी नहीं आए।

नई ऑक्सीजन लेकर जाना बहुत ही गतिशील कार्य है और आंकड़े हर समय बदलते रहते हैं। देर रात ऑक्सीजन से भरी और अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां यात्रा प्रारंभ करेंगी।

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