गठिया (वात)रोग की होमियोपैथी- चिकित्सा सर्वोत्तम

डॉक्टर लक्ष्मी नारायण सिंह-गठिया (वात)रोग विकलांग बना देने वाला रोग है।पचास वर्ष की आयु के बाद यह रोग आम होते जा रही है। सबसे महत्वपूर्ण बिषय है कि वदन में कहीं भी जोड़ में दर्द होते ही गठिया (वात) का दर्द दिमाग में बैठ जाता है और अधिकांश चिकित्सक भी गठिया रोग का ही इलाज शुरु कर देते हैं जबकि दर्द के मामले में 90 प्रतिशत गठिया नहीं होता है तथा गठिया के इलाज से बीमारी विकराल होते चली जाती है। सबसे बड़ी समस्या है इस बीमारी का पहचान करना। मेरे यहां गठिया के नाम पर लोग आते हैं तो सर्व प्रथम कारण ढुंढ़तें हैं कि कहीं बीमारी का जड़ में साइनस ( साइनुसाइटिस) तो नहीं है। 90प्रतिशत से ज्यादा साइनस से ग्रसित होते हैंं।
साइनस बीमारी को आसानी से पहचाना नहीं जा सकता है,क्यों कि इसके लक्षण सामान्यत: सिर में दर्द , सर्दी,जुकाम, खांसी , बुखार से शुरू होता है तथा साधारण दर्द का दवा लेकर और अस्थायी राहत पाकर चुपचाप घर बैठ जाती है। यह बीमारी साइनस से बढ़कर दर्जनों रुप में फैल जाती है। जोड़ों में दर्द से लेकर टियूमर तक।मस्तिष्क से लेकर आंखों के कक्ष में फैल जाती है और भविष्य में अधिक कष्टदायक होती जाती है। खोपड़ी के अंदर साइनस की सूजन व संक्रमण को साइनुसाइटिस कहते हैं। गठिया होमियोपैथी की दृष्टि से यह धातु वात रोग है जो सोरा , साइकोसिस दोष प्रकट होता है। गठिया रोग में मुख्यत: मांसपेशियों व जोड़ो के तंतुओं में प्रदाह उत्पन्न होकर दर्द की शुरुआत हो जाती है। होमियोपैथी में इसके लिए दर्जनों दवा उपलब्ध हैं परंतु लक्षण के अनुसार दवा चुनाव करने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए कुछ दवाओं का नाम और लक्षण का भी वर्णन कर रहा हूं। (1)रस टक्स दवा का लक्षण है मुख्यत: चलने-फिरने में आराम मिलता है। (2) ब्रायोनिया दवा का लक्षण चलने-फिरने में दर्द बढ़ता है।(3) वेलाडोना रोशनी,शोर, हंगामा से परेशानी होती है।सोने से बढ़ना गर्म सेंक या कपड़ा लपेटने से दर्द में राहत मिलती है।(4) कालचिकम दर्द का स्थान परिवर्तन करने वाला तथा शाम को बढ़ना, हिलने बोलने से बढ़ना। दर्द बर्दाश्त नहीं होना। (5)ऐलुमीना जोड़ों में कट – कट का आवज होना।(6) आर्निका रोगी एकांत में रहना चाहता है, रोगी नहीं चाहता है कि मेरे समीप कोई आये या वदन स्पर्ष करें , जोड़ में सूजन एंव कुचलने की तरह दर्द होता है।(7) आर्सेनिक एल्बम रात्री में बढ़़ना सेंकने से घटना। (8) एकोनाइट नेपेलस दर्द मानो कोई छूरी मार रहा है।दर्द से चीखता है, मेरुदंड में उपर से नीचे की ओर फाड़ने की तरह दर्द साथ ही गर्दन में दर्द , मेरुदंड में कीड़ा रेंगने की तरह अनुभव, हांथ,पैर वर्फ की तरह ठण्डा आदि। इस बीमारी के लिए दर्जनों दवा मौजूद है लक्षण के अनुसार दवा चुनाव करने की आवश्यकता है।