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जलजमाव से शहर को निजात दिलाने तथा जल निकासी की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित कराने के क्रम में जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने एडीएम आपदा एवं जल संसाधन विभाग तथा बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ रूपसपुर नहर पर निर्माणाधीन स्लुइस गेट का निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद -विदित हो कि 2019 ई में जलजमाव की समस्या एवं उसके समाधान हेतु गठित उच्च स्तरीय कमिटी द्वारा रूपसपुर नहर पर 3 स्लुइस गेट बनाने का निर्देश दिया गया था। जिलाधिकारी ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता एवं बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता के साथ स्थलीय भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया तथा इसमें से दो स्लुइश गेट का निर्माण कार्य शुरू कराया तथा एक स्लुइश गेट की क्षमता बढ़ाई जा रही है। स्लुइश गेट के निर्माण के क्रम में बिजली विभाग के केबुल का गतिरोध था। बिजली विभाग के अधिकारियों के सुझाव पर अंडरग्राउंड केबुल का मैनुअल काम शुरू कराने का निर्देश दिया गया। साथ ही कार्यस्थल पर बिजली विभाग के कनीय अभियंता की प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया गया ताकि जल संसाधन विभाग द्वारा मैनुअल काम किया जा सके। जिलाधिकारी ने इस माह के अंत तक काम पूरा करने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने दीघा स्थित स्लुइश गेट का भी निरीक्षण किया गया । यहां गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने पर फाटक को बंद कर दिया जाता है ताकि जल का प्रवाह गेट के माध्यम से नहर होकर शहर में जलजमाव की स्थिति पैदा न करे।। यहाँ पर बुडको द्वारा अस्थाई ड्रेनेज सिस्टम का कार्य जारी है जहां 83 एचपी के आठ ट्रॉली माउंटेड पंप लगाए गए हैं। यहां पर बुडको के स्टाफ 24×7पालीवार कार्य करते हैं ।इसलिए स्टाफ द्वारा बरसात को देखते हुए आवासन एवं शौचालय की व्यवस्था करने की मांग की गई । जिलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता को आवासन एवं शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। निरीक्षण के क्रम में अवगत कराया गया कि पटना सिटी से दीघा तक कुल 12 स्लुइश गेट हैं। जिलाधिकारी के साथ एसपी ट्रैफिक, जल संसाधन विभाग एवं विद्युत विभाग के अभियंतागण तथा अपर समाहर्ता आपदा सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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