ईमानदारी और स्वच्छ राजनीति का दंभ भरने वाली आम आदमी पार्टी में चंदे की धांधली का गंभीर मामला पकड़ा गया है।आयकर विभाग की जांच में पता चला है कि‘आप’ने अपने चंदे के बारे में लोगों से झूठ बोला और चुनाव आयोग को भी अंधेरे में रखा।‘आप’ने जितना चंदा मिलने का दावा किया,उससे दोगुनी धनराशि पार्टी के बैंक खातों में आई।वित्त वर्ष 2014-15 में 20 हजार रुपये से अधिक चंदे के रूप में‘आप’के बैंक खातों में कुल 65.52 करोड़ रुपये आए लेकिन चुनाव आयोग को सिर्फ 32.46 करोड़ की जानकारी ही दी।आप से न तो शेष राशि का ब्योरा चुनाव आयोग को दिया और न बताया कि उसे यह कहां से मिली। राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता की वकालत करनेवाली ‘आप’ ने अपनी वेबसाइट पर जानकारी देकर बताया कि वर्ष 2014-15 में उसे 20 हजार रुपये से अधिक चंदे के रूप में मात्र 27.48 करोड़ रुपये ही मिले।चौंकाने वाली बात यह है कि‘आप’ने यह काम लगातार दो साल किया।आयकर विभाग ने अब इस मामले की जांचकर रिपोर्ट चुनाव आयोग के पास आगे की कार्रवाई के लिए भेजी है।सूत्रों का कहना है कि चुनाव आयोग ‘आप’ के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व कानून,1951 की धारा 29 सी के उल्लंघन पर कार्रवाई कर सकता है।ऐसा होने पर ‘आप’ से चंदे पर टैक्स वसूलने के साथ ही कड़ी कार्रवाई हो सकती है।आयकर कानून,1961 की धारा 13ए के तहत राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में होनेवाली आय पर आयकर से छूट प्राप्त है।हालांकि यह छूट तभी मिलती जब पार्टी चंदे की ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजे।पार्टियों को 20 हजार रुपये से अधिक के चंदे का स्रोत भी आयोग को बताना होता।‘आप’ ने चंदे की राशि और स्रोत चुनाव आयोग से छुपाए हैं।वित्त वर्ष 2013-14 में मिले 20 हजार रुपये से अधिक चंदे की आयकर विभाग की जांच शुरू होने के बाद ‘आप’ के कोषाध्यक्ष ने 15 अक्टूबर 2016 को चुनाव आयोग को पत्र भेजकर गलती तो स्वीकार की लेकिन संशोधित रिपोर्ट में चंदे का पूरा ब्योरा नहीं दिया।संशोधित रिपोर्ट में ‘आप’ ने बताया कि वर्ष 2013-14 में उसे 20 हजार रुपये से अधिक का सिर्फ 30.08 करोड़ रुपये चंदा मिला।वित्त वर्ष 2014-15 में भी ‘आप’ ने चुनाव आयोग को इस बारे में सही जानकारी नहीं दी।सूत्रों ने कहा कि ‘आप’ ने लगातार दो साल चुनाव आयोग के पास गलत और फर्जी ऑडिट रिपोर्ट दाखिल की।इसलिए आयकर विभाग ने जांच रिपोर्ट कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग को भेजी है।इस बीच,दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक केजरीवाल ने आरोप लगाया कि गोवा और पंजाब में चुनाव से 24 घंटे पहले आप को बदनाम करने की साजिश है।मिडिया ने जब आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा से पूछा कि वित्त वर्ष 2013-14 और 2014-15 में उनकी पार्टी को 20 हजार रुपये से अधिक चंदे के रूप में कुल कितनी धनराशि प्राप्त हुई है तो इसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।चड्ढा ने इसके उलट आयकर विभाग की कार्रवाई को गोवा और पंजाब विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के डर से केंद्र सरकार की ओर से एक साजिश करार दिया।