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*बिहार की जनता ने वंशवाद को नकारा।।…..

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 11 नवम्बर :: बिहार विधान सभा निर्वाचन, 2020 की मतगणना में NDA ने 125 सीटों पर जीत दर्ज कर नई सरकार गठन की कवायद शुरू कर दिया है। वहीं महागठबंधन ने 110 जीत कर एक सशक्त विपक्ष की भूमिका अदा करेगी।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जीत के काफी नजदीक पहुंचकर महागंठबंधन चुनाव हार गई। ऐसे में बिहार की सबसे बड़ी पार्टी राजद के प्रमुख लालू प्रसाद ने नतीजे से भले नाखुश हैं, लेकिन अपने बेटों के शानदार प्रदर्शन से बेहद खुश हैं।उन्होंने कहा कि परिणाम भले जो भी हुआ, लेकिन बेटों के प्रदर्शन से मैं खुश हूँ।

इस चुनाव मे वामपंथी पार्टियाँ जो गरीबों, दलितों और श्रमिकों के लिए अपनी सियासत धमक रखने बाली पार्टी है वह अपनी अस्तित्व बचाने में 29 सीटों पर जोर-आजमाइश में लगी थी और 16 सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब भी हुई। जबकि इस बात में भी दम है कि पूर्व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के सत्ता में आने के साथ ही वामपंथी वोटरों का बड़ा बिखराव हुआ था। 15 वर्षों तक सत्ता में रहने के वाबजूद जिस वामपंथ को हाशिए पर ले आए थे, उनके पुत्र तेजस्वी ने डूबते नाव के पतवार बन गए हैं।

और वामपंथी पार्टियों को 29 सीट पर चुनाव लड़ने का मौका देकर वामपंथी वोटों को गोलबंद की। भाजपा ने चुनाव प्रचार में कहा था कि मार्क्सवादी- लेनिनवादी दल केवल वर्ग-संघर्ष को ही समाज की रचना बदलने का रास्ता मानते हैं, उनके साथ राजद- कांग्रेस का गठबंधन है। यह कैसी राजनीति है।

बिहार विधान सभा की 234 सीटों में से NDA गठबंधन को 125 सीट मिला है, जिसमें भाजपा- 74 जदयू- 43, हम- 4, और VIP- 4 है। उसी प्रकार महागठबंधन को 110 सीट मिला है, जिसमें राजद- 75, कांग्रेस- 19 और लेफ्ट- 16 है। इसके अतिरिक्त लोजपा- 1, बसपा- 1, निर्दलीय- 1 तथा AIMIM ने 5 सीट पर जीता है।

बिहार के 7वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर नीतीश कुमार रिकॉर्ड बनाएंगे।

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