पूर्णिया : बिहार प्रदेश जदयू बुनकर प्रकोष्ठ के दुबारा प्रदेश महासचिव मो० आजम रब्बानी मनोनीत..

पूर्णिया/धर्मेन्द्र सिंह, बिहार प्रदेश जदयू बुनकर प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पाल ने मो० आजम रब्बानी को बिहार प्रदेश जदयू बुनकर प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव के साथ सीमांचल का प्रभारी मनोनीत किया।मो० आजम रब्बानी ने कहा कि पार्टी में लगातार प्रमोशन के लिए मैं पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व एवं प्रदेश नेतृत्व का आभार प्रकट करता हूँ।मो० आजम रब्बानी ने जदयू बुनकर प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव मनोनीत करने के राष्ट्रीय अध्यक्ष जदयू सह मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार, राष्ट्रीय प्रवक्ता के०सी० त्यागी, राष्ट्रीय महासचिव संगठन रामचन्द्र प्रसाद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जदयू बुनकर प्रकोष्ठ राजेश पाल, उपाध्यक्ष मो० वसीम कमाली, प्रदेश संगठन प्रभारी कमर आलम, प्रदेश महासचिव आशिष कुमार बब्बू, मंत्री बीमा भारती, सासंद संतोष कुशवाहा, विधायक लेशी सिंह का शुक्रिया अदा किया।मो० आजम रब्बानी ने कहा कि मैं समता पार्टी के काल से अबतक ईमानदारी कार्यकर्ता के रूप में दिनरात मेहनत का फल है, लगातार प्रमोशन मिल रहा है।मैं पार्टी में विभिन्न पदों पर रहा, साथ ही वर्ष 2004 से 2017 तक जिला प्रवक्ता एवं जिला कार्यकारी अध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पद पर रहा, वर्ष 2017 से 2019 तक जिलाध्यक्ष जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ महानगर एवं जिलाध्यक्ष जदयू बुनकर प्रकोष्ठ महानगर, प्रदेश महासचिव जदयू बुनकर प्रकोष्ठ, बिहार रहा,वर्ष 2019 से अब तक में जिला उपाध्यक्ष जदयू महानगर, जिलाध्यक्ष जदयू महानगर तकनीकी प्रकोष्ठ अब दुबारा प्रदेश महासचिव जदयू बुनकर प्रकोष्ठ, बिहार पर हूँ, मैं पूर्ण निष्ठा के साथ नीतीश कुमार जी के हाथ को मजबूत करूंगा और समस्त बिहार घूमकर बुनकर समाज की आवाज को सरकार तक पहुँचाने का काम करूँगा।मो० आजम रब्बानी को प्रदेश महासचिव बुनकर प्रकोष्ठ के मनोयन पर मुबारकबाद देने वालों में अविनाश कुमार सिंह, सुशील कुमार सिंह, गोपाल ठाकुर, श्री प्रसाद महतो, शम्भू प्रसाद मंडल, नीलम आग्रवाल, हरि मंडल, राकेश कुमार, मो० मनीरूद्दीन नजामी, खुशबू प्रवीण, विजय कुमार, उपेन्द्र सिंह, मनोज पासवान, मनोज मंडल, संजीव शर्मा, मो० यूनूस उर्फ पूनम, कामाख्या नारायण सिंह, अमित साह, जितेंद्र यादव, विभा कुमारी, प्रताप सिंह, सविता सिंह इत्यादि सैकडों साथी ने दिली मुबारकबाद दी।