दरभंगा मेडिकल कॉलेज होगा राज्य का दूसरा एम्स

पटना. केंद्र सरकार बिहार के दूसरे एम्स के लिए दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का भवन और जमीन ही लेगी। ऐसे में दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) में अभी कार्यरत 97 डाॅक्टरों, 347 पारा मेडिकल एवं अन्य कर्मियों को राज्य के दूसरे मेडिकल कॉलेजों में ट्रांस्फर किया जाएगा।इसकी तिथि अभी तय नहीं हैं, पर डीएमसीएच को एम्स बनाने की कार्रवाई शुरू होते ही इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा। केंद्र सरकार डीएमसीएच की 202 एकड़ जमीन और अन्य भवनों को राज्य के दूसरे एम्स के निर्माण के लिए टेकओवर करने जा रही है। ऐसे में दरभंगा एम्स के लिए दिल्ली एम्स के पैटर्न पर डाॅक्टरों और अन्य कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी।
दूसरा एम्स बनाने के निर्णय के बाद राज्य सरकार ने इस ओर कार्रवाई शुरू कर दी है। राज्य के इस दूसरे सबसे पुराने पीजी स्तरीय मेडिकल कॉलेज के डाॅक्टरों और अन्य कर्मियों से राज्य सरकार की नियंत्रण वाली अन्य कॉलेजों की कमियां दूर की जाएंगी।
पटना एम्स के बाद दरभंगा में राज्य का दूसरा एम्स बनाने के लिए आधारभूत संरचना समेत अन्य सभी संसाधनों का ब्योरा राज्य सरकार केंद्र को उपलब्ध करा रही है। फिलहाल यहां एमबीबीएस की 100 और पीजी (डिप्लोमा/डिग्री) की 143 सीटें हैं। यही नहीं डीएमसीएच परिसर में ही पारा मेडिकल की पढ़ाई भी होती है, जिसमें 163 छात्र-छात्राओं का नामांकन होता है।
फिलहाल यहां ओपीडी में औसतन 2500 मरीजों का प्रतिदिन इलाज होता है। दरभंगा और कोशी कमिश्नरी के साथ ही पड़ोसी देश नेपाल से आने वाले मरीजों की भर्ती के लिए 1050 बेड की व्यवस्था है। इस मेडिकल कॉलेज को सुचारु रूप से संचालन के लिए डॉक्टरों के लिए 206 स्वीकृत पद हैं, जिनमें 97 कार्यरत हैं। उसी तरह नर्सों के स्वीकृत पद 1200 हैं, जिनमें 297 कार्यरत हैं। वहीं कर्मियों के स्वीकृत पद 120 हैं, जिनमें 50 कार्यरत हैं।
उत्तर बिहार का यह पहला स्वायत्त मेडिकल कॉलेज होगा : यह राज्य का तीसरा व उत्तर बिहार का पहला स्वायत्त मेडिकल कॉलेज होगा। पटना में एम्स व आईजीआईएमएस पहले से स्वायत्त मोड पर चल रहे हैं। राज्य में अभी आठ सरकारी मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं। इनमें पीएमसीएच व एनएमसीएच पटना, डीएमसीएच दरभंगा, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर, एएनएमएमसीएच गया, जेएलएनएमसीएच भागलपुर, जीएमसीएच बेतिया व वर्द्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी शामिल हैं।