प्रमुख खबरें

अफसरशाही नहीं, सेवाभाव का प्रण- बिपार्ड में आधुनिक प्रशिक्षण से गढ़े जा रहे हैं जनसेवक – जद (यू0)

मुकेश कुमार/जद (यू0) प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अंजुम आरा एवं मीडिया पैनलिस्ट श्री किशोर कुणाल ने कहा कि बिहार में सुशासन आज केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक सतत और सुदृढ़ प्रक्रिया है, जिसका जीवंत उदाहरण बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान, बिपार्ड का कायाकल्प है। यह परिवर्तन मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच का परिणाम है, जिनका सपना था कि बिहार के अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर न रहना पड़े। आज गया स्थित बिपार्ड का अत्याधुनिक कैंपस उस सपने को साकार कर रहा है और बिहार को प्रशासनिक प्रशिक्षण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना रहा है।
गया का बिपार्ड कैंपस 100 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है और आज देश के किसी भी राज्य स्तरीय प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान से बड़ा और बेहतर बन चुका है। यहाँ मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के समकक्ष विश्वस्तरीय सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। स्मार्ट क्लासरूम, स्विमिंग पूल, हाॅर्स राइडिंग तथा अत्याधुनिक स्पोर्ट्स काॅम्प्लेक्स जैसी व्यवस्थाएँ अधिकारियों के मानसिक, बौद्धिक और शारीरिक विकास को सुनिश्चित करती हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बिहार अब किसी से पीछे नहीं है।
बिपार्ड में प्रशिक्षण माॅड्यूल को पूरी तरह से क्रांतिकारी रूप दिया गया है। बिहार संभवतः पहला राज्य है जहाँ सिविल सेवा अधिकारियों के प्रशिक्षण में सेना के आॅफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी के स्तर का अनुशासन लागू किया गया है। इसका उद्देश्य अधिकारियों को न केवल शारीरिक रूप से सक्षम बनाना है, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से अनुशासित, कर्तव्यनिष्ठ और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के लिए तैयार करना भी है। साथ ही, अब बिहार कैडर के आईएएस अधिकारियों और बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित अधिकारियों को एक ही छत के नीचे प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे आपसी समन्वय, टीम भावना और सौहार्द को बढ़ावा मिल रहा है।
बिपार्ड केवल अधिकारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने का भी एक प्रभावी माध्यम बन चुका है। यहाँ राज्य भर से आने वाले हजारों मुखिया, सरपंच और वार्ड सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे गांवों और पंचायतों में बेहतर, पारदर्शी और जवाबदेह तरीके से काम कर सकें। यह संस्थान महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने और मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के ‘‘सात निश्चय’’ कार्यक्रम को धरातल पर उतारने का सबसे सशक्त माध्यम बनकर उभरा है।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!